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समाजवादी संक्रमण की ज्वलंत समस्या का हल तलाशने के लिए10 मार्च से इलाहाबाद में संगोष्ठी

समाजवादी संक्रमण की ज्वलंत समस्या के हल तलाशने के लिए संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है 10 मार्च से इलाहाबाद में आयोजित पांच दवसीय संगोष्ठी का आयोजन अरविन्द स्मृति न्यास द्वारा किया जा रहा है|
‘समाजवादी संक्रमण की समस्याएँ’ विषय पर 10 मार्च से इलाहाबाद में शुरू हो रही पाँच दिवसीय संगोष्ठी में विषयक प्रश्न पर गहन चर्चा होगी। संगोष्ठी में देश के विभिन्न हिस्सों के प्रसिद्ध विद्वानों, लेखकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ ही विदेशों से भी इस विषय से जुड़े अध्येता और कार्यकर्ता भागीदारी करेंगे।
विज्ञान परिषद सभागार, महर्षि दयानन्द मार्ग में 10 से 14 मार्च तक चलने वाली संगोष्ठी के आयोजक ‘अरविन्द स्मृति न्यास’ की मुख्य न्यासी मीनाक्षी ने बताया कि आज जहाँ पूँजीवादी व्यवस्था वैश्विक वित्तीय संकट में धंसती जा रही है वहीं पूरी दुनिया में लोग नये सिरे से इसके विकल्प के तौर पर समाजवाद को देख रहे हैं। दुनिया के अनेक देशों में हुए समाजवादी प्रयोगों की सफ़लताओं-विफलताओं पर विचार हो रहा है तथा इस विचारधारा के विभिन्न पहलुओं पर गहन मन्थन जारी है।
संगोष्ठी में जिन प्रमुख विषयों पर विचार-विमर्श किया जाएगा वे हैं[१]समाजवादी संक्रमण की समस्याओं पर चिन्तन की ऐतिहासिक विकास प्रक्रिया [२] मार्क्स-एंगेल्स से माओ त्से-तुङ तक[३] महान बहस और महान सर्वहारा सांस्कृतिक क्रान्ति का महत्व[४] बीसवीं सदी के महान समाजवादी प्रयोगों की सफ़लताओं और असफ़लताओं का नये सिरे से आलोचनात्मक मूल्यांकन।[५] सोवियत संघ और चीन में समाजवादी संक्रमण के प्रयोग और उनकी समस्याएँ।[६] पूँजीवादी पुर्नस्थापनाः विविध अवस्थितियों का आलोचनात्मक मूल्यांकन; [७]स्तालिन और उनके दौर के पुनर्मूल्यांकन का प्रश्न[८] सर्वहारा अधिनायकत्व की अवधारणा और इसके अमली रूप।[९] समाजवादी संक्रमण के दौरान हिरावल पार्टी, वर्ग और राज्यसत्ता के बीच के सम्बन्ध; क्यूबा, उत्तर कोरिया, वियतनाम, “बोलिवारियन विकल्प”,[१०]यूनान में सिरिज़ा के प्रयोग और नेपाल में हुए प्रयोगों का आलोचनात्मक मूल्यांकन; [११]समाजवादी संक्रमण के बारे में त्रात्सकीपंथी, विभिन्न अकादमिक मार्क्सवादी, नवमार्क्सवादी, और उत्तरमार्क्सवादी अवस्थितियों की आलोचना।
संगोष्ठी में इस विषय के विभिन्न आयामों पर कई महत्वपूर्ण आलेख प्रस्तुत किये जायेंगे। सोवियत संघ में समाजवादी प्रयोगों पर आह्वान पत्रिका के सम्पादक अभिनव सिन्हा, चीन में समाजवादी निर्माण, सांस्कृतिक क्रान्ति व माओवाद पर पंजाबी पत्रिका ‘प्रतिबद्ध’ के संपादक सुखविन्दर, स्तालिन और सोवियत समाजवाद पर लुधियाना के डा. अमृतपाल, ‘उत्तर-मार्क्सवादियों’ के कम्युनिज्म पर दिल्ली विश्वविद्यालय की शिवानी एवं बेबी कुमारी, क्यूबा, वेनेजुएला आदि के परिधिगत समाजवादी प्रयोगों पर दिल्ली विश्वविद्यालय के सनी सिंह एवं अरविन्द राठी, सोवियत एवं चीनी पार्टियों के बीच चली महान बहस पर गुड़गांव के राजकुमार, माओवाद एवं माओ विचारधारा के प्रश्न पर मुंबई के हर्ष ठाकोर पेपर प्रस्तुत करेंगे।