नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने उत्तराखंड में बाढ़ पीड़ितों के लिए 20,000 सौर लालटेन की स्वीकृति दी
नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने केन्द्र से 4.4 करोड् धनराशि की वित्तीय सहायता की स्वीकृति दी है ताकि उत्तराखंड में बाढ़ पीडितों में 20,000 सौर लालटेन बांटे जा सकें। इन सौर लालटेनों का पूरा खर्चा मंत्रालय वहन करेगा। प्रत्येक लालटेन की लागत लगभग 2200 रूपये है। इस योजना का कार्यान्वयन उत्तराखंड की नवीकरणीय ऊर्जा एजेन्सी वहन करेगी।
15 जून को उत्तराखंड में आपदा आने के तुरंत बाद केन्द्रीय नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री फारूख अब्दुल्ला ने अपने मंत्रालय में अधिकारियों को यह आदेश दिया था कि वे उत्तराखंड प्रशासन से पता लगाएं कि उनका मंत्रालय किस प्रकार राहत कार्यों में सहायता कर सकता है। उत्तराखंड सरकार से सौर लालटेनों की मांग किए जाने पर नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने इन्हें उपलब्ध कराने की तुरन्त स्वीकृति दी।
दूर-दराज के क्षेत्रों और ऐसे क्षेत्रों में जो बिजली ग्रिड से कट चुके हैं, सौर लालटेन बहुत उपयोगी सिद्ध होंगे। गांववासी न केवल अपनी दिनचर्या को सुचारू रूप से चला पायेंगे – कई स्थितियों में जंगली जानवरों से भी अपने को बचा सकेंगे।
नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय हमेशा से ही आपदा ग्रस्त क्षेत्रों में सौर लालटेन का सौ फीसदी खर्चा वहन करता आया है। वर्ष 2009-10 के दौरान पश्चिम बंगाल में आए ‘आइला’ से ग्रस्त लोगों में जो 14000 सौर लालटेन बांटे गए थे उनका पूरा खर्चा मंत्रालय ने वहन किया था; लेह में वर्ष 2010-2011 के दौरान आए आई अचानक बाढ़ से पीड़ितों के बीच 1000 सौर लालटेन बांटे गए और सिक्किम में वर्ष 2011-2012 के दौरान आए भूचाल पीड़ितों के बीच 14,900 सौर लालटेन बांटे गए थे- इन सभी का पूरा खर्चा मंत्रालय ने वहन किया था।