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जान लेवा चीनी मांझे से आज़ादी के लिए दुकानदारों ने आवाज उठाई:दिल्ली सरकार असमर्थ

[नयी दिल्ली]जान लेवा चीनी मांझे से आज़ादी के लिए दुकानदारों ने आवाज उठाई:दिल्ली सरकार असर्मथ |
चीनी मांझा से प्रतिवर्ष अनेकों दुर्घटनाएं होती है |परिंदो से लेकर बच्चों के अंगों कटने की खबरें छपती रहती हैं|इसके आलावा भारतीय बाजार पर भी नकारात्मक प्रभाव पढता है |
जिसके फलस्वरूप इसके आयात पर प्रतिबंधित लगाए जाने की मांग की जाती रही है |
इसी कड़ी में इसवर्ष भी पंद्रह अगस्त से पहले चीनी मांझे पर रोक लगाने की मांग की गई है।
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पतंग बाजार सजाने उड़ाने वाले दिल्ली+मेरठ+बरेली के दुकानदारों का कहना है कि पतंगबाजी शौक और मनोरंजन के लिए होती है और शौक जब जानलेवा हो जाए जो इसे बंद कर देना चाहिए।
विशेषज्ञों के अनुसार यह मांझा बहुत ही खतरनाक है।
यह नायलॉन से बनता है और इसमें कांच और लौह कण लगाए जाते हैं जोकि स्ट्रेचेबल है।
यह परिंदो के लिए जानलेवा साबित होता है।
इसके मुकाबिले देसी मांझा सूत से बनता है और यह अगर परिंदे के किसी अंग में फंसता है तो वह टूट जाता है लेकिन चीनी मांझा जिस अंग में फंसेगा उस अंग को ही काट देगा।’’ उन्होंने कहा कि इस मांझे में लौह कण लगे होने की वजह से बिजली के तारों से टकराने पर यह शॉट कर सकता है और पतंग उड़ाने वाले को करंट लग सकता है, जबकि देसी मांझा अटकने पर टूट जाता है।