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“राजकपूर” को जिस निदेशक ने गलती पर थप्पड़ मारा उसी केदारनाथ ने प्रतिभा को भांप कर “हीरो” भी बनाया

[मुंबई]”राजकपूर” को जिस निदेशक ने गलती पर थप्पड़ मारा उसी केदारनाथ ने प्रतिभा को भांप कर “हीरो” भी बनाया|
रणबीर राजकपूर ने अपने पिता पृथ्वीराज कपूर की छवि से बाहर निकल कर अपनी लगन और काबिलियत के बल पर क्लैपर बॉय से निर्माता+निर्देशक+अभिनेता और सबसे बढे शोमैन तक का सफर पूरा किया |आज उनका ९० वां जन्म दिवस है|पृथ्वी राज कपूर से प्राप्त राज कपूर की अभिनय विरासत कोइनके पौत्र रणबीर कपूर[पुत्र ऋषि कपूर] आगे बढ़ा रहे हैं| राज कपूर द्वारा स्थापित आर के स्टूडियो और बैनर आज मुंबई और फिल्म जगत की शान है |
इस विश्व प्रसिद्द पर्सनालिटी को सम्मान देने के लिए वैश्विक “गूगल” ने डूडल बनाया है|डूडल ने 1955 की ‘श्री 420’ का डूडल बनाया है। जिसमे राज कपूर [अब स्वर्गीय]और नरगिस [अब स्वर्गीय]की इस फिल्म के चर्चित गाने ‘प्यार हुआ इकरार हुआ’ की एक तस्वीर भी है।
जिस निदेशक केदार नाथ ने कभी राजकपूर को गलत क्लैप देने पर थप्पड़ मारा था उसी निदेशक ने राज कपूर को अपनी फिल्म नील कमल में हीरो बनाया
१९७१ में पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित राज कपूर को मेरा नाम जोकर’+तीसरी कसम+श्री ४२०+जिस देश में गंगा बहती है+आवारा’+अंदाज़+से लेकर बॉबी+ राम तेरी गंगा मैली+सत्यम शिवम सुंदरम+ सपनों का सौदागर+दो जासूस+जैसी फिल्मों में उनके अभिनय के लिए जाना जाता है।इनकी फिल्म श्री ४२० का गाना मेरा जूता है जापानी ये पतलून इंग्लिश्तानी सर पे लाल टोपी रूसी फिर भी दिल है हिंदुस्तानी रूस के लोगो ने भी खूब गाया था |
2 दिसंबर 1924 को पेशावर [अब पाकिस्तान में]जन्मे राज कपूर का निधन 2 जून 1988 को 63 साल की उम्र में लम्बी बीमारी के चलते हुआ था।दिल्ली में दादा साहेब फाल्के पुरस्कार लेने गए राज कपूर समारोह में ही बेहोश हो गए | उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया जहाँ एक महीने बाद उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था।