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ना एशा खरे के मोबाईल की बैटरी बार बार खत्म होती और न ही सुपर फास्ट चार्जर ईजाद होता


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक गौरवान्वित अप्रवासी भारतीय

ओये झाल्लेया मुबारकां ओये आज तो दुनिया भर के मीडिया में १८ साल की भारतीय-अमेरिकी एशा खरे द्वारा इजाद किये गए सुपर कैपेसिटर डिवाइस सुपर फास्ट चार्जर की धूम मची हुई है|ओये वोह दिन दूर नही जब मोबाईल की बैटरी २० सैकंड में चार्ज हो जायेगी|इसके लिए इंटेल फाउंडेशन ने यंग साइंटिस्ट अवॉर्ड के अलावा ५०००० $भी दे दिए गए हैं|ओये अब तो मानते हो न हम भारतीयों के दिमाग का कमाल|कर दिया ना सब दुनिया को निहाल|

झल्ला

वाकई सर जी प्रतिभा किसी उम्र या मुल्क की मोहताज नही होती|और कहा भी गया है कि आवश्यकता आविष्कार की जननी होती हैं|क्योंकि ना खरे की बार बार बैटरी खत्म होती और नैनोकी कैमिस्ट्री ना खरे को यह आविष्कार इजाद करने की प्रेरणा मिलती|क्यों ठीक है ना ठीक