जननी आज भी मांग रही जनने का अधिकार
पुत्री एक जनने दो मोहे परिवार के पालनहार
बलात्कार की घटनाएँ खुद ही रुक जाएंगी
जब सामने आ खड़ी होगी सशक्त एक ही नार
सरकारें बदली,पोलिस बदली,बदले हुकमरान
एक बार बस सोच को बदलो बदलेगा संसार
एक दिन पर्याप्त नहीं बस अब फूलों के हार
फूल खिलें सब बगिया में दो ऐसा वरदान