बिहार के मुंगेर को आज प्रदेश का पहला ध्रूम पान मुक्त जिला घोषित किया गया| सिगरेट निर्माता कंपनी इंडियन टोबेको [आई टी सी] के साथ मुंगेर को पहचाना जाता है|Munger declared as first smoke-free district in the State Of Bihar :
तम्बाकू नियंत्रण समन्वय समिति के पदेन अध्यक्ष जिलाधिकारी नरेन्द्र कुमार सिंह ने यह घोषणा करते हुए राज्य स्वास्थ्य समिति+सीड्स [SocioEconomicAndEducationalDevelopmentSociety ]को सहयोग के लिए धन्यवाद भी दिया|
प्रेस रिलीज संख्या ८४७ के अनुसार कोटपा की धारा ४ के अंतर्गत फरवरी २०१३ से अप्रैल २०१३ के बीच सार्वजानिक स्थलों पर ध्रूम पान निषेध सम्बन्धी अनुपालनों की समीक्षा के पश्चात् मुंगेर को ध्रूम पान मुक्त जिला घोषित किया गया है|
इस अवसर पर मसूद आलम +दीपक मिश्र+मो. आबिद+आदि अनेकों गण मान्य लोग उपस्थित थे|
बिहार के मुंगेर को पहला ध्रूम पान मुक्त जिला घोषित किया गया:first smoke-free district in Bihar
सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा में सफल उम्मीदवारों को परीक्षा, 2013 के लिए पुनः फार्म डीएएफ भरना होगा
सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा में सफल उम्मीदवारों को परीक्षा के नियमों के अनुरूप सीएस (मुख्य) परीक्षा, 2013 के लिए पुनः विस्तृत आवेदन फार्म डीएएफ (सीएसएम) भरना होगा सभी उत्तीर्ण उम्मीदवारों को डीएएफ (सीएसएम) फार्म भरने और सिविल सेवा मुख्य परीक्षा में प्रवेश के लिए उसे ऑनलाइन जमा कराने की सलाह दी गई है। यह परीक्षा 1 दिसंबर, 2013 को होगी।
सफल घोषित उम्मीदवारों को ऑनलाइन डीएएफ (सीएसएम) फार्म भरने से पहले वैबसाइट के संबंधित पृष्ठ पर पंजीकरण कराना होगा। सफल उम्मीदवारों को सलाह दी गई है कि 5.3.2013 को प्रकाशित कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के भारत के राजपत्र (असाधारण) में प्रकाशित सिविल सेवा परीक्षा , 2013 के नियमों
डीएएफ (सीएसएम) फार्म ऑनलाइन जमा कराने के बाद उम्मीदवारों को उसका प्रिंट लेकर अलग से भी डीएएफ (सीएसएम) जमा कराना होगा। अनुक्रमांक 290376, 722998 और 783890 का परिणाम अदालत के निर्देश पर रोका गया है।
सोमवार से शुरू होने वाले मानसून सत्र में भी सरकार को घेरेगी भाजपा
सोमवार से शुरू होने वाले मानसून सत्र में भी सरकार को घेरेगी भाजपा
सोमवार से शुरू हो रहे मानसून सत्र में बिजनेस सुचारू रूप से चले इसके लिए आम सहमती बनाने के लिए लोकसभा अध्यक्षा मीरा कुमार ने आज सर्वदलीय बैठक बुलायी जिसमे प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह ने खाद्य सुरक्षा विधेयक समेत सभी महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने तथा संसद के कामकाज के सुचारू रूप से संचालन के लिए सभी राजनीतिक दलों से सहयोग की अपील की लेकिन प्रमुख विपक्षी दल भाजपा ने सत्र में सरकार को ढील न देने का मन बना लिया है सरकार को घेरने के लिए भाजपा ने संसद में ५ मुद्दों को जोर शोर से उठाने की घोषणा कर दी है| .
बैठक में पी एम् ने कहा कि पिछले सत्रों के दौरान संसद का समय नष्ट हुआ. इस सत्र में भी सरकार अपनी तरफ से विपक्ष द्वारा उठाये जाने वाले हर मुददे पर चर्चा के लिये तैयार है.
. भाजपा ने इस सत्र में अपनी मांगों को जोर शोर से उठाने की घोषणा कर दी है आज भाजपा के प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने प्रेस ब्रीफिंग में इसका खुला करते हुए बताया कि सर्वदलीय सभा में श्रीमती सुषमा स्वराज ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उनकी प्राथमिकता[१] तेलंगाना का गठन रहेगी| इसके आलावा [२]उत्तराखंड त्रासदी में केंद्र और राज्य सरकों की विफलता+ [३]सी बी आई और आई बी में टकराव करने की केंद्र की नीति +[४]अमेरिकन डॉलर के मुकाबिले भारतीय रुपये का अपमान जनक अवमूल्यन [५]ऍफ़ डी आई पर राजनीती [६] के साथ कांग्रेस और उसकी समर्थक पार्टियों ने जिस प्रकार एक रेत खनन माफिया को बचाने के लिए आई ऐ एस दुर्गा शक्ति नागपाल के खिलाफ साम्प्रदाईकता की चादर ओड़ी गई है उस छद्म धर्म निरपेक्षता पर चर्चा को प्राथमिकाता दी जायेगी|
जद (यू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने आरक्षण के मामले को लेकर संसद नहीं चलने देने की धमकी दी है.
गौरतलब है कि एक माह के इस सत्र के उपलब्ध केवल 12 कार्यदिवस में सरकार को 44 सूचिबद्ध विधेयकों को पास कराना है विपक्ष के इन तेवरों को देखते हुए यह सत्र हंगामी होगा इसकी आसानी से कल्पना की जा सकती है|
दुर्गा शक्ति नागपाल के विरुद्ध सुलगाई गई धार्मिक उन्माद की चिंगारी क्या संसद के मानसून सत्र में भड़केगी
झल्ले दी झाल्लियाँ गल्लां
सपाई चीयर लीडर
ओये झल्लेया ये आई ऐ एस और मीडिया वालों ने क्या खावाह्मखः रौला पाया हुआ है?ओये हमने दुर्गा शक्ति नागपाल को रेत माफिया के दबाब में थोड़े न सस्पेंड किया है |भाई वहां तो कोई अवैध रेत खनन नही हो रहा है| प्रदेश में खनन से एक करोड़ रुपये का राजस्व मिलता है| और वोह सारा सरकारी खजाने में जाता है|ओये रमजान के पवित्र महीने में मस्जिद की दीवार गिराई गई हमें बदनाम करने केलिए अब ये बसपा+भाजपा+रालोद के साथ अपने दामाद को बचाते फिर रहे कांग्रेसी भी जुड़ गए हैं |ये हमारी लोक प्रिय+ स्पष्ट बहुमत वाली सरकार के खिलाफ खुली साजिश है|हमने भी कोई कच्ची गोलियां नही खेली हैं अवैध खनन की शिकायत पर पांच सदस्यीय जांच बैठा दी हैहो जाएगा दूध का दूध और पानी का पानी
झल्ला
ओ हो सरकारे आली आप जितना बोलते जा रहे हो उतना ही अपने ही बुने जाल में खुद ही फंसते भी जा रहे हो|
[१]चलो पहले आप की जांच की जाँच कर ली जाये |आप ने जाँच बैठाई है यह सर मत्थे है लेकिन जाँच की रिपोर्ट के आने से पहले ही जांच बैठाने वाले प्रदेश खनन मंत्री ने अवैध खनन के अस्तित्व को ही नकार दिया है| अधिकारी के निलंबन को जायज ठहरा दिया है|आप समझ रहे हैं न मेरी बात ?
[२]दूसरे आप कह रहे हैं के रेत खनन माफिया का कोई दबाब नही है उधर मुख्य आरोपी आपके कद्दावर मंत्री भाटी जी सीना ठोक कर दावा करते फिर रहे हैं के मात्र ४१ मिनट में एस डी एम् दुर्गा शक्ति नागपाल के सस्पेंशन आर्डर अधिकारियों को सर्व करा दिए |इस दावे का समर्थन हरदोई नरेश अग्रावल करते फिर रहे हैं
[३] भैय्या जी आप मस्जिद गिराने का आरोप लगा रहे हो तो ये बताओ के अगर मस्जिद की दीवार गिराई गई तो[अ] वोह डी एम् के निर्देश पर गिराई गई[आ] सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करने के लिए गिराई गई|[इ] गावं वालों ने खुद ही दीवार गिराई|इसके बावजूद भी आप ये मानते हो के इससे आपके वोट बैंक को धक्का लग सकता है या फिर आप इस मुद्दे को रंग देकर सियासी लाभ ले सकते हो तो आपने गिरी हुई दीवार को बनवाया क्यूं नही|आप केवल इसका इस्तेमाल ही करने में जुटे हुए हो| मेरी बात पहुँच रही है के नही???
[४]आप अब कह रहे हो के कांग्रेस अशोक खेमका के समर्थन में क्यूं नही आरही शाद आप का इशारा रॉबर्ट वढेरा की तरफ है तो आप ये मान रहे हो के आप भी अपने किसी न किसी राजनीतिक दामाद को बचाने के लिए जुगाड़ लगा रहे हो????
अगर ऐसा है तो बेहद खतरनाक है | जिस तरह से आपकी समाजवादी पार्टी ने असामजवादी ढंग से एक ईमानदार महिला अधिकारी के विरुद्ध धार्मिक उन्माद की चिंगारी सुलगाई है और चारों तरफ से मंत्री और संतरी उसे हवा दे रहे है वोह देश के लिए बेहद घातक है |अगर इस ईमानदार महिला अधिकारी की आहों में दम है तो संसद के मानसून सत्र में उसकी सिसकियाँ जरूर गूंजेंगी |और मत भूलो के मारी हुई खाल की सांस से भी लोहा भस्म हो जाता है |
Union Minister Kapil Sibal Today launched the Urdu Pedia and Urdu Tools,
In The Conference Hall Of Zakir Hussain Delhi College At Jawahar Lal Nehru Marg, New Delhi ,a Launching Function Was Organised ,In Which The Union Minister for Communications +Information Technology +Law +Justice shri Sibal Launched These Useful Tools Shri Sibal Addressed The Visitors and expressed the Importance Of These Latest Tools .
Photo Caption
[1].The Union Minister for Communications & Information Technology and Law & Justice, Shri Kapil Sibal addressing at the launch of the Urdu Pedia and Urdu Tools, in New Delhi on August 03, 2013.
‘आप ‘ पार्टी ने चुनाव चिन्ह “झाड़ू” को दिल्ली के मंदिर मार्ग स्थित बाल्मीकि कालोनी में चलाया
राजनीती की सफाई के लिए राजनीती में उतरी आम आदमी पार्टी[आप] ने अपने चुनाव चिन्ह झाड़ू को आज दिल्ली के मंदिर मार्ग स्थित बाल्मीकि कालोनी में चलाया |यह छेत्र नई दिल्ली में आता है और पार्टी के प्रमुख अरविन्द केजरीवाल यहाँ से चुनाव लड़ रहे हैं|
एच आई वी पीड़ित माताओं के शिशुओ के लिए बिहार में मदर्स मिल्क बैंक की स्थापना होगी Breast Feeding Week
बिहार सरकार एच आई वी[ HIV ] पीड़ित माताओं के शिशुओं के लिए मदर्स मिल्क बैंक[ MothersMilkBank ] की स्थापना करेगी|
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव श्री व्यास ने प्रेस वार्ता में इस प्रतिबद्धता को उजागर किया|
उन्होंने कहा कि शिशु के लिए माता का दूध श्रेष्ठ होता है|उन्होंने इसे स्वास्थ्य प्रक्षेत्र का प्रमुख लक्ष्य बताया| इसके उपरान्त भी एच आई वी जैसे संक्रमण रोग से पीड़ित माताओं द्वारा स्तन पान कराना सम्भव नहीं होता इसीलिए मदर्स मिल्क बैंक की स्थापना पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है|
गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा एक अगस्त से स्तनपान सप्ताह मनाया जा रहा है जिसमे १७० देश भाग ले रहे हैं इसी क्रम में यह प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया |उन्होंने स्तनपान को बढ़ावा देने की अपील भी की| प्रधान स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि बहुआयामी रणनीति का प्रारूप तैयार करने के लिए कोर कमिटी के गठन की सूचना भी दी|
आई एम् ऐ अध्यक्ष डॉ राजीव रंजन प्रसाद+डॉ संजीव रंजन प्रसाद+डॉ एस पी श्रीवास्तव+सेव दी चिल्ड्रन्स के सदस्य भी उपस्थित थे|
राजनीतिक दलों को जन प्राधिकरण की परिभाषा[RTI] से बाहर रखने के लिए विधेयक लाने को मंजूरी
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने सूचना अधिकार अधिनियम के उद्देश्य से राजनीतिक दलों को जन प्राधिकरण की परिभाषा से बाहर रखने के लिए सूचना अधिकार अधिनियम, 2005 में संसद के आगामी सत्र में संशोधन करने के लिए एक विधेयक लाने की मंजूरी दी है।
केन्द्रीय सूचना आयोग ने अपने 03.06.2013 के निर्णय में कांग्रेस, भाजपा, माकपा, भाकपा, बसपा और राकांपा जैसे राजनीतिक दलों को सूचना अधिकार अधिनियम की धारा 2(एच) के अधीन जन प्राधिकरण माना है। आयोग ने मुख्य रूप से इन तथ्यों पर विश्वास व्यक्त किया है कि इन राजनीतिक दलों को केन्द्र सरकार से काफी (अप्रत्यक्ष) वित्तीय मदद मिलती है और वे सार्वजनिक कर्तव्य निभाते हैं। राजनीतिक दल योजना आयोग के साथ जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29ए के प्रावधानों के अधीन पंजीकृत हैं। राजनीतिक दलों के संदर्भ में विस्तृत प्रावधान जन प्रतिनिधित्व अधिनियम में विस्तार से दिये गये हैं, जिनमें राजनीतिक दलों, प्रत्याशियों और दान से संबंधित जानकारी देने का प्रावधान है। कथित अधिनियम में परस्पर निम्नलिखित प्रावधान हैं :-
[1] निर्वाचन आयोग के संघों और निकायों के साथ राजनीतिक दलों के रूप में पंजीकरण (धारा 29ए)
[2]राजनीतिक दल अंशदान स्वीकार करने के हकदार (धारा 29बी)
[3] राजनीतिक दलों द्वारा प्राप्त दान की घोषणा (धारा 29सी) • परिसम्पत्ति और देयताओं की घोषणा (धारा 75ए)
[4] चुनाव खर्च और अधिकतम राशि का खाता (धारा 77) • जिला निर्वाचन अधिकारी के पास खाता प्रस्तुत करना (धारा 78)
[5] झूठा शपथ पत्र प्रस्तुत करने पर जुर्माना (धारा 125ए)
जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के उपरोक्त प्रावधान ये दर्शाते हैं कि इस अधिनियम में वित्त पोषण, इसकी घोषणा और झूठा शपथ पत्र प्रस्तुत करने पर जुर्माने के पर्याप्त प्रावधान हैं। आयकर अधिनियम 1961 की धारा 13ए के अधिनियम राजनीतिक दलों के लिए कर से छूट का दावा करने के लिए लेखा परीक्षा किये गये खातों के साथ टैक्स अधिकारियों के समक्ष निर्धारित तिथि से पूर्व आयकर विवरण भरना अपेक्षित है। आयकर अधिनियम की धारा 138 के अनुसार आयकर विभाग के समक्ष दी गई जानकारी साधारण रूप से गोपनीय होगी, लेकिन इसे तभी सार्वजनिक किया जा सकेगा, अगर आयकर आयुक्त की फैसले में यह जनहित में हो।
जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 10ए के अधीन कानून की अपेक्षाओं के अनुसार चुनाव व्यय का लेखा प्रस्तुत करने में असफल रहने पर ऐसा करने वाले प्रत्याशी को अयोग्य ठहराये जाने की तिथि से 3 साल के लिए चुनाव आयोग द्वारा अयोग्य ठहराया जा सकता है।
सूचना अधिकार अधिनियम को संविधान के अनुच्छेद 19 के अधीन सूचना के अधिकार के कार्यान्वयन के लिए प्रभावी ढांचा उपलब्ध कराने के लिए बनाया गया था। जन प्राधिकरण की परिभाषा सूचना अधिकार अधिनियम की धारा 2 के खंड (एच) में दी गई है। राजनीतिक दल सूचना अधिकार अधिनियम में दी गई जन प्राधिकरण की परिभाषा के दायरे में नहीं आते हैं, क्योंकि वे आरपी एक्ट, 1951 के अधीन केवल पंजीकृत और मान्यता प्राप्त हैं।
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