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भाजपा ने आर्थिक सुधारों पर पी एम् की दलीलों को भ्रामक बता कर अस्वीकार किया


भाजपा ने आज प्रधान मंत्री डाक्टर मन मोहन सिंह की तमाम दलीलों को भ्रामक और अस्वीकार्य बताया है| पूर्व अध्यक्ष वेंकय्या नायडू ने पी एम् से पूछा है कि देश को १९९१ वाले आर्थिक संकट कि तरफ ले जाने के लिए कौन जिम्मेदार है? पार्टी के पूर्व अध्यक्ष वेंकय्या नायडू ने चेन्नई में प्रेस कांफ्रेंस पी एम् पर हमला बोलते हुए कहा कि पिछले ८ सालों से डाक्टर मन मोहन सिंह की सरकार है इस दौरान दोषपूर्ण आर्थिक नीतिओं से देश की अर्थ व्यवस्था गर्त में चली गई है|इसके लिए कौन जिम्मेदार है|
उन्होंने अपनी पार्टी की सरकार की उपलब्धिओं का ब्यौरा देते हुए बताया कि उनकी सरकार ने सबसे ज्यादा विदेशी मुद्रा भंडार छोड़ा|भारतीय रुपया मज़बूत था और अवमूल्यन बेहद कम और जनकल्याण की यौज्नाएं दी लेकिन यूं पी ऐ का सारा समय घोटालों में ही बीत गया अब जब सरकार गले तक घोटालों की दलदल में फंसी है इससे उबरने के लिए अब पब्लिक रिफोर्म की बात की जा रही है|
ये रिफोर्म्स भी नकारत्मक सोच और प्रभाव वाले हैं|ऍफ़ डी आई से २५ करोड़ रोज़गार लोगों को सडकों पर ले आयेगा|केवल चार बहुराष्ट्रीय कम्पनिओं हित साधने के लिए एक चौथाई भारतियों के हित को कुर्बान किया जा रहा है|स्विट्जरलैंड+ब्रिटेन +यूं एस ऐ जैसे विकसित देशों में ऍफ़ डी आई का विरोध हो रहा है|
श्री नायडू ने पी एम् के कल के राष्ट्रीय संबोधन पर टिपण्णी करते हुए कहा कि पी एम् का कहना है कि डीजल अमीरों द्वारा यूज होता है जबकि करोड़ों किसान खेती में पंप और ट्रेक्टरों के लिए डीजल पर निर्भर रहते हैं| पी एम् की नज़रों में सब्सिडी वाले छह सिलेंडर पर्याप्त हैं इस जानकारी का आधार क्या है अगर ऐसा ही है तो कांग्रेस शासित प्रदेशों को 9 सिलेंडर देने का आदेश क्यूं दिया गया है|
भाजपा नेता ने २००८ की न्यूक्लीयर डील का स्मरण करते हुए कहा कि २००८ में कहा गया था कि हर घर को बिजली मिलेगी परन्तु चार साल बाद भी यह आश्वासन केवल आश्वासन ही रह गया है|यथार्त नहीं बन पाया है| अतिरिक्त बिजली की तो कया कहना लुटियन की दिल्ली में बिजली का संकट बड़ता जा रहा है|श्री नायडू ने पी एम् पर संसद को गुमराह करने का आरोप मडते हुए कहा कि संसद में यह आश्वासन दिया गया था कि बिना कन्सेंसस के ऍफ़ डी आई को लागू नहीं किया जाएगा लेकिन उस विशवास को तोडा गया है |इसीलिए संसद में ऍफ़ डी आई +डीजल और गैस के इसूज पर एप्रूवल लिया जाना चाहिए| तब तक इसके विरोध में देश व्यापि युद्दस्त्रीय आन्दोलन जारी रहेगा|