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भारतीय जन संपर्क संस्थान को राष्ट्रीय महत्त्व देने के लिए सरकार अधिनियम ला सकती है

सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री मनीष ति‍वारी ने आज अपने मंत्रालय की सलाहकार समिति की बैठक में भारतीय जन संपर्क संस्‍थान (आईआईएमसी) की गतिविधियों के बारे में चर्चा की।श्री तिवारी की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक के सदस्‍यों को लेवेसन रिपोर्ट की भारतीय संदर्भ में प्रासांगिकता के बारे में जानकारी दी गयी।
सदस्‍यों का स्‍वागत करते हुए श्री तिवारी ने कहा कि मौजूदा मीडिया माहौल को देखते हुए आईआईएमसी[ IIMC ] जन संपर्क के क्षेत्र में बेहतर शिक्षा देने के लिए एक कार्यक्रम तैयार कर रहा है। मंत्री महोदय ने बताया कि सरकार एक अधिनियम के जरिए आईआईएमसी को राष्‍ट्रीय महत्‍व का संस्‍थान घोषित करने पर विचार कर रही है।
इस अवसर पर आईआईएमसी के महानिदेशक ने समिति के सदस्‍यों के समक्ष संस्‍थान की प्रमुख गतिविधियों और भावी योजनाओं को प्रस्‍तुत किया। सदस्‍यों ने उर्दू पत्रकारिता शुरू करने के संस्‍थान के कदमों की सराहना की और इस संबंध में आवश्‍यक सुधार करने की सलाह दी। सदस्‍यों ने यह भी कहा कि विभिन्‍न क्षेत्रीय केन्‍द्रों में क्षेत्रीय भाषाओं में भी पाठ्यक्रम चलाए जाने चाहिए।
समिति के सदस्‍यों ने इस बात पर जोर दिया कि पत्रकारिता के पाठ्यक्रम में स्‍वतंत्रता संग्राम, संस्‍कृति और पत्रकारिता में आदर्शों के निर्वहन का भी समावेश किया जाए।
बैठक में डॉ. अनूप कुमार साहा= श्री रमाशंकर राजभर+ डॉ. संजय जायसवाल,+श्री शत्रुघ्‍न सिन्‍हा+ श्री अहमद सईद मलीहाबादी+ डॉ. बरुन मुखर्जी+ श्री भरत कुमार राउत+श्री एम.पी. अच्‍युतन+ श्री मोहम्‍मद अदीब + श्री प्‍यारीमोहन महापात्रा आदि उपस्थित थे।