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संसद का आज से शुरू मानसून सत्र

आज से शुरू हो रहे मानसून सत्र के लिए विपक्ष ने अपनी पूरी रणनीति बना ली है।
भाजपा ने स्पष्ट कर दिया है कि वह सरकार को असम हिंसा के साथ-साथ चिदंबरम को महंगाई, आर्थिक संकट और सूखा पर घेरने में कोई कोरकसर नहीं छोड़ेगी। सत्र के पहले ही दिन भाजपा असम में जारी हिंसा का मामला उठाएगी। लोकसभा में आडवाणी इस संबंध में कार्यस्थगन प्रस्ताव पेश कर इस विषय पर चर्चा की मांग करेंगे। राज्यसभा में भाजपा दल के उपनेता रविशंकर प्रसाद व बलबीर पुंज प्रश्न प्रहर स्थगित कर असम पर चर्चा की मांग करेंगे। लिहाजा उनकी मांगें न मानने पर सदन में हंगामे के पूरे आसार हैं।
सत्र के शुरुआती दिन से ही विपक्ष[१] असम में हुई हिंसा के लिए संप्रग सरकार की खिंचाई करने के लिए पूरी तरह से तैयार बैठा है। दोबारा वित्त मंत्रालय संभालने के बाद यह पहला मौका होगा जब[२] वित्त मंत्री पी चिदंबरम विपक्ष का सामना करेंगे। एयरसेल-मैक्सिस सौदे को लेकर विपक्ष के निशाने पर रहे हैं। ऐसे में चिदंबरम की राह पहले से कहीं ज्यादा कठिन हो सकती है।
मानसून सत्र के लिए विपक्ष का सामना करने के लिए संप्रग सरकार भी तैयार हो रही है।[१] वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने अपने नाम पर होने वाली छींटाकशी से बचने के लिए मंगलवार को राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली से मुलाकात की। वहीं सत्र को ठीक से पूरा कर लेने की चाहत लेकर वह[२] इससे पहले भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी से भी मिल चुके हैं। [३]उम्मीद यह भी है कि वह लोकसभा में नेता विपक्ष सुषमा स्वराज से भी मुलाकात करेंगे।
गौरतलब है कि संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान भाजपा समेत पूरे विपक्ष ने दोनों सदनों में चिदंबरम का बहिष्कार किया था। भाजपा ने 2जी घोटाले में चिदंबरम के संलिप्त होने का आरोप लगाया था। विपक्ष का आरोप था कि स्पेक्ट्रम आवंटन की अवधि के दौरान चिदंबरम वित्त मंत्री थे।