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रक्षा लेखा विभाग [DAD]की ट्रांसफर पालिसी के खिलाफ एक बार फिर से असंतोष के स्वर उठने लगे

[नई दिल्ली]रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत रक्षा लेखा विभाग [ CGDA ]की स्थानांतरण नीति [विशेषकर हार्ड स्टेशन] के खिलाफ स्टाफ में एक बार फिर से असंतोष के स्वर उठने लग गए हैं |कठिन स्टेशनों पर निर्धारित टेन्योर पूरा कर चुके कर्मियों को उनके एैच्छिक स्टेशनों पर तत्काल ट्रांसफर की मांग की जा रही है |
गौरतलब है कि चार दशकों के पश्चात इस वर्ष की मार्च २८ को विभागीय स्थानांतरण नीति को फार्मूलेट किया जा चूका है जिसमे अनेकों बदलाव के दावे भी किये जा रहे हैं लेकिन स्टाफ एसोसिएशन्स का आरोप है कि विभागीय मनमानी चलाने के लिए अनेकों आदेश/परिपत्र ऐसे निकाले गए है जिनसे ट्रांसफर नीति की मूल भावना की हानि हो रही है|इसीके फलस्वरूप पीड़ित कर्मियों को को न्याय नहीं मिल पा रहा है|
आल इंडिया डिफेन्स एकाउंट्स एम्प्लाइज एसोसिएशन [कलकत्ता] के राष्ट्रीय अध्यक्ष यतेन्द्र चौधरी ने विभाग से यह मांग की है कि कठिन छेत्रों में अपना टेन्योर पूरा कर चुके कर्मियों को तत्काल उनके एैच्छिक स्टेशन पर ट्रांसफर किया जाये |इस विषय में कानूनी कार्यवाही के लिए कानून विशेष्ज्ञों से सलाह मशविरा भी प्रारम्भ हो गया है|
इसके अलावा मेरठ कार्यालयों से बाहर कार्यरत कर्मियों के साथ भी अन्याय के आरोप हैं| एसोसिएशन का मानना है कि एकेडेमिक सेशन में ही कर्मियों के ट्रांसफर होने चाहिए| अन्यथा उनके बच्चों के शैक्षिक सत्र पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है जोकि अमानवीय है और पूरे परिवार का उत्पीड़न है | इसीके फलस्वरूप एसोसिएशन द्वारा अकेडमिक सेशन के अलावा किया गए ट्रांसफर को तत्काल निरस्त किये जाने की मांग भी उठाई गई है| इसके अलावा महिलाओं का उत्पीड़न रोकने के लिए उन्हें नजदीक के कार्यालयों में ही ट्रांसफर किया जाना चाहिए |एसोसिएशन ने यह भी मांग की है कि यदि मेरठ में कार्यरत महिला कर्मियों को ट्रांसफर करना बहुत आवश्यक ही हो तो उन्हें केवल और केवल नजदीक के मुरादनगर में ट्रांसफर किया जाना चाहिए|