[नई दिल्ली]पी एम अब प्रोविडेंट के चक्रव्यूह में फंसे मजदूरों के २७ हजार करोड़ रुपये उनके हकदारों को लौटायेंगे प्रोविडेंट फण्ड के चक्रव्यूह में फंसे मजदूरों के २७ हजार करोड़ रुपये उनके हकदारों को लौटाए जायेंगे |यह घोषणा आज प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने की|उन्होंने श्र्मयोगी को राष्ट्रयोगी बनाने की दिशा में इसे एक कदम बताया |इस समारोह में पी एम ने एकीकृत श्रम पोर्टल (जिसे श्रम सुविधा नाम दिया गया है) को भी लांच किया |
पी एम श्री नरेंद्र मोदी आज विज्ञानं भवन में श्रम एवं रोजगार मंत्रालयद्वारा आयोजित पंडित दीनदयाल उपाध्याय श्रमेव जयते कार्यक्रम’ में बोल रहे थे |श्री मोदी ने बताया कि मजदूरों के खून पसीने की कमाई २७ हजार करोड़ रुपयों के रूप में प्रोविडेंट फंड में दबी हुई है इसे मजदूरों को लौटाया जाएगा |उन्होंने अपने मैक्सिमम गवर्नेंस के वायदे को को दोहराते हुए बताया कि इतनी बढ़ी राशि से कोई भी बढ़ी सरकारी योजना शुरू करके शुरुआती वाह वाही लूटी जा सकती हैं लेकिन बाद में वह गवर्नमेंट के चक्रव्यूह में फंस कर रह जाती है|इसीलिए यह फैंसला किया गया है कि अब गरीबों का पैसा उनके खाते में सीधे ट्रांसफर कर दिया जाये| इससे बढ़ी और कोई योजना नहीं हो सकती
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा आज विज्ञान भवन में राज्य सरकारों के श्रम एवं रोजगार मंत्रियों, स्वास्थ्य मंत्रियों तथा व्यावसायिक प्रशिक्षण मंत्रियों के एक दिवसीय सम्मेलन के दौरान ‘पंडित दीनदयाल उपाध्याय श्रमेव जयते कार्यक्रम’ का आयोजन किया गया प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इस कार्यक्रम का आगाज किया केंद्रीय श्रम एवं रोजगार, इस्पात व खान मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर + सूक्ष्म, लघु व मझौले उपक्रम मंत्री श्री कलराज मिश्र+श्रम एवं रोजगार, इस्पात तथा खान राज्य मंत्री श्री विष्णु देव साई आदि भी इस अवसर पर मौजूद थे
,यह सम्मेलन श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के निम्नलिखित पांच विषयों पर केंद्रित है
[१]एकीकृत श्रम पोर्टल (जिसे श्रम सुविधा नाम दिया गया है) और केंद्र सरकार के चार संगठनों ईएसआईसी, ईपीएफओ, डीजीएम और सीएलसी के लिए अनुपालन को आसान बनाने के लिए पारदर्शी एवं उत्तरदायी श्रम निरीक्षण योजना
[२]कर्मचारी भविष्य निधि के लिए सार्वभौमिक खाता संख्या (यूएएन) के जरिये पोर्टेबिलिटी
[३]मांग आधारित व्यावसायिक प्रशिक्षण
[४]प्रशिक्षु प्रोत्साहन योजना
[५]असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए पुनर्गठित राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (आरएसबीवाई) का क्रियान्वयन