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शिक्षा के साथ शोध का अधिकार भी दे देते तो सरकारों के साथ साथ बेचारे देश का भी भला हो जाता

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

कांग्रेसी चीयर लीडर

ओये झल्लेया हसाडे सोणे ते मन मोहने पी एम् ने शिक्षा के छेत्र में भी सफलता के झंडे गाड़ दिए हैं ओये एक अप्रैल २०१० से शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद स्‍कूलों के बुनियादी ढांचे में क्रान्ति कारी सुधार आ रहा है| 2012-13 तक 88% स्‍कूलों में प्रबंध समितियांबना ली गई हैं इन समि‍तियों के 75% सदस्‍य स्‍कूल में पढ़ने वालों बच्‍चों के माता-पिता हैं और कम से कम 50% महिलाएं हैं। प्राईमरी शिक्षा के लिए 13.47 करोड़ और उच्‍च प्राथमिक स्‍तर पर 6.49 करोड़ दाखिले तक पहुंच चुकी है जिसमें लड़कियों की संख्‍या क्रमश: 48% और 49% है स्‍कूलों में दाखिला लेने वाले अनुसूचित जाति/जनजाति और मुस्लिम बच्‍चों की संख्‍या भी काफी उत्‍साहवर्द्धक है।
ओये तुझे मालूम भी है कि देश में प्राईमरी शिक्षा (सरकारी और गैर सहायता प्राप्‍त) देने वाले स्‍कूलों की संख्‍या 11,53,472 है। छात्र-कक्षा अनुपात 29% छात्र प्रति कक्षा है। 95 स्‍कूलों में पीने के पानी की सुविधा उपलब्‍ध करा दी गई है और लड़कियों के लिए अलग शौचालय 2012-13 में बढ़कर 69% हो गए जो 2009-10 में 59% थे।और तो और चंडीगढ़+ दिल्‍ली+ दमन और दीव+ गुजरात+ हरियाणा+ कर्नाटक+ लक्षद्वीप+ पंजाब+ पुडुचेरीआदि ९ राज्यों के सभी स्‍कूलों में पीने के पानी की सुविधा प्रदान कर दी गई है। अब बोल के दिखा कि हसाड़ी सरकार कुछ नहीं कर रहीJamos JHALLA

झल्ला

चतुर सुजाण जी आंकड़े तो आप जी वाकई छांट कर लाये हो लेकिन झल्ले को तो ये सारे ग्लास थोड़े बहुत खाली ही नजर आ रहे हैं इन्हें भरने के साथ ही अगर शोध का अधिकार भी दे देते तो आप जी सरकार के साथ देश का भी भला हो जाता