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संत रवि दास को उनकी जयंती पर श्रद्धापूर्वक नमन :मन चंगा तो कठौती में गंगा

संत रवि दास को उनकी जयंती पर
कोटि कोटि श्रद्धापूर्वक नमन
संत रविदास या रैदास संत कबीर दास के गुरुभाई और “मीरा” के गुरु थे
संत कवि रैदास[रविदास] उन महान सन्तों में अग्रणी थे
जिन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज में व्याप्त
बुराइयों को दूर करने में महत्वपूर्ण योगदान किया।
मन चंगा तो कठौती में गंगा
हर हर गंगे ,हर हर गंगे
इनकी रचनाएं प्रेरणादायक है
[१]कृस्न, करीम, राम, हरि, राघव, जब लग एक न पेखा। वेद कतेब कुरान, पुरानन, सहज एक नहिं देखा
[२]कह रैदास तेरी भगति दूरि है, भाग बड़े सो पावै। तजि अभिमान मेटि आपा पर, पिपिलक हवै चुनि खावै
स्वामी रामानन्द संत कबीर दास और संत रविदास दोनों के ही गुरु थे सो ये दोनों गुरु भाई कहलाये
कहा जाता है के कृष्ण दीवानी मीरा ने इन्हें अपन गुरु माना था |