६३ वें गण तंत्र [वर्ष गांठ] पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे के प्रति देश वासियों में एक विशेष उत्साह भर जाता है| राष्ट्रीय जन पथ पर परेड में बेशक शामिल न हो पायें मगर अपने घर एक अदद तिरंगा ले जाने की ख्वाईश जरूर जाग जाती है|अब तिरंगा कपडे का नही कागज़ का भी उपलब्ध है गांधी आश्रम में जाने की जरुरत नहीं घर के पास ही बाज़ार या ठेले पर मिल जाता है|
तिरंगे के प्रति देश वासियों में एक विशेष उत्साह है:
जन पथ पर कल २६ जनवरी की भव्य परेड निकालने की राष्ट्रीय परंपरा का निर्वाह किया जाएगा|अरबों रुपये खर्च करके अपनी भव्यता का प्रदर्शन किया जाएगा लेकिन इस अवसर पर बेशक इस परेड के पश्चात ही सही भारतीय सेना को आधुनिक हथियार और सैनिको को सम्मान जनक वेतन मुहैय्या करवाने के विषय में गंभीर चर्चा की जानी चाहिए |इसके लिए अगर परेड के खर्चे में कुछ कमी करनी पड़े तो झिझकना नहीं चाहिए|
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