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एन सी पी को छोड़ चुके पी ऐ संगमा ने एन पी पी का गठन करके एन डी ऐ का हाथ थामा

पी ऐ संगमा ने एन पी पी का गठन करके एन डी ऐ का हाथ थामा

कांग्रेस के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से [एन सी पी]से भी नाता तोड़ने वाले पी ए संगमा ने आज नेशनल पीपुल्स पार्टी [:एनपीपी]: का गठन किया और उसके तुरंत बाद इस दल के भाजपा के नेतृत्व वाले राजग[एन डी ऐ] में शामिल होने की घोषणा की। देश के आदिवासी बहुल इलाकों में एन डी ऐ को मजबूत करने के प्रयत्न को गति दी जायेगी|
पिछले साल राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ते हुए राकांपा से अलग हुए संगमा ने राष्ट्रीय स्तर पर एनपीपी को आरंभ करने की घोषणा करते हुए कहा कि यह पार्टी मणिपुर में राज्य स्तर पर मान्यताप्राप्त पार्टी पहले से ही है।संगमा ने राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ते समय राष्टवादी कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी। एनपीपी मणिपुर में पहले ही राज्य स्तर का मान्यता प्राप्त दल है ।वहीं राष्ट्रपति चुनाव में संगमा को समर्थन देने के कारण मंत्री पद से हटाए गई उनकी पुत्री अगाथा फिलहाल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में बनी रहेंगी। संगमा ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अगाथा अगला चुनाव एनपीपी से ही लड़ेंगी।
पिछले साल राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ते हुए राकांपा से अलग हुए संगमा ने राष्ट्रीय स्तर पर एनपीपी को आरंभ करने की घोषणा की थी. संगमा ने कहा कहा था कि यह पार्टी मणिपुर में राज्य स्तर पर मान्यता प्राप्त पार्टी पहले से ही है. राकांपा की सांसद बनी हुई संगमा की बेटी अगाथा के बारे में कोई स्पष्ट रण नीति का खुलासा नही किया गया|गौरतलब है कि एन सी पी ने यूं पी ऐ केउम्मीद वार प्रणव मुखर्जी को सपोर्ट किया था|
पार्टी[एन सी पी] के विरोध के बावजूद राष्ट्रपति चुनाव में अपने पिता का प्रचार करने के लिए अगाथा को राकांपा के निर्देश पर केन्द्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था. संगमा ने बताया कि उनकी पार्टी का राष्ट्रीय चुनाव चिह्न किताब होगा, क्योंकि हम मानते हैं कि केवल शिक्षा और साक्षरता ही कमजोर वर्गों का सशक्तिकरण कर सकती है.| मिजोरम ,मेघालय विधानसभा के चुनाव में उनकी पार्टी अपने उम्मीदवार उतारेगी.
एनपीपी देश के आदिवासी बहुल आन्ध्रप्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात, झारखंड, छत्तीसगढ, मध्यप्रदेश, ओडिशा, उत्तरी बंगाल और पूर्वोत्तर जैसे राज्यों में खास ध्यान देगी.