दुश्मन के बैलिस्टिक मिसाइल को हवा में ही ध्वस्त करने के लिए भारत ने सुपरसोनिक इंटरसेप्टर मिसाइल का सफल परीक्षण किया। भारत में निर्मित यह मिसाइल दुश्मन के बैलिस्टिक मिसाइल को हवा में ही ध्वस्त करने में सक्षम है। यह परीक्षण ओडिशा के तट पर किया गया।
डीआरडीओ के अनुसार यह महत्वपूर्ण परीक्षण दोपहर 12 बजकर 52 मिनट पर हुआ। इंटरसेप्टर मिसाइल ने करीब 15 किलोमीटर की उंचाई पर सफलतापूर्वक लक्षित मिसाइल को नष्ट कर दिया।चांदीपुर से करीब 70 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इंटरसेप्टर ने रडार से संकेत मिलते ही करीब चार मिनट के अंदर हवा में ही दागी गई मिसाइल को नष्ट कर दिया।
इस इंटरसेप्टर मिसाइल की लंबाई 7.5 मीटर है और यह अत्याधुनिक कम्प्यूटरों और नेविगेशन सिस्टम से लैस है। यह इस प्रणाली का दूसरा परिक्षण था और फ़रवरी में किया गया इसका पहला परिक्षण भी सफल रहा था।
इस दौरान एक इलेक्ट्रानिक लक्ष्य को प्रक्षेपित किया गया जिसे रडार द्वारा चिन्हित किया गया। इसके बाद मिसाइल को प्रक्षेपित किया गया, जिसने सफलतापूर्वक लक्ष्य को भेद दिया। अडवांस्ड एयर डिफेंस मिसाइल (एएडी) नाम की इस सुपरसोनिक मिसाइल का यह आठवां परीक्षण था। सबसे पहले इसका परीक्षण 2006 में हुआ था। इसके सभी परीक्षणों में से एक कामयाब नहीं था।
भारत के अलावा इस तरह प्रणाली अमेरिका, रूस और इस्राइल ने ही विकसित की है जब कि चीन इस तरह का विकास कार्यक्रम चला रहा है। भारत के एंटी मिसाइल विकास कार्यक्रम में इस्राइल का अहम योगदान है जिसके ग्रीनपाइन रेडार की बदौलत अडवांस्ड एयर डिफेंस (एएडी) मिसाइल प्रणाली के अब तक आठ परीक्षण किए गए हैं।
चीन और पाकिस्तान के अलावा अब आतंकवादी संगठनों से मिसाइल हमलों के खतरों को देखते हुए मिसाइल रोधी प्रणाली की जरूरत पैदा हुई है। हाल ही में हमास और इजराइल के बीच लड़ाई के दौरान इजराइल की ऐसी ही रक्षा प्रणाली ऑयरन डोम काफी कारगर साबित हुई थी। ऑयरन डोम ने गाजा पट्टी से इजराइल पर दागे गए 300 से अधिक रॉकेटों को हवा में ही नष्ट कर दिया भविष्य में यदि भारत पर इस तरह का कोई मिसाइल या रॉकेट हमला होता है तो हमारी अपनी बनाई हुई यह प्रणाली अहम साबित होगी।
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