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Tag: मयखाना

ऐसा नहीं कि”झल्ले”ने मयखाने में मय कशी से तौबा करली,राज की बात सुनो सभी झल्लेयो,मुफतखोरों को पिलानी शुरू की है

ऐसा नहीं कि"झल्ले"ने मयखाने में मय कशी से तौबा करली,राज की बात सुनो सभी झल्लेयो,मुफतखोरों को पिलानी शुरू की है

ऐसा नहीं कि”झल्ले”ने मयखाने में मय कशी से तौबा करली,राज की बात सुनो सभी झल्लेयो,मुफतखोरों को पिलानी शुरू की है

गलतियां करके भुगतना तो आम बात है, मजा तो तब है कि भुगते और कोई|
शराब पी के कलेजा जलाता है हर कोई,मजा तो तब है दिल जलाये और कोई||
पीता था जब तलक अकेले मयखाने में,जिसे देखो दुत्कार के निकल लेता था|
आज ये आलम है मेरे दरों दीवारों का , शरीफ जादों की लाइन लगी रहती||
ऐसा भी नहीं है कि “झल्ले” ने मयखाने में बैठ कर मय कशी से तौबा करली|
ये राज की बात है सुनो सभी झल्लेयो, मुफतखोरों को पिलानी शुरू कर दी है||
कल तलक बनते थे जो खुदाई खिदमतगार, फिरते थे गिरेबान चाक करने को|,
आज वोह सभी गिरेबान फाड़ होनहार, इस “झल्ले” खादिम के मददगार बने हैं||