: कश्मीर की लड़कियों का पहला रॉक बैंड”प्रगाश कट्टर पंथियों को रास नहीं आ रहा है| बेशक इस रॉक बैंड को काफी समर्थन मिल रहा है परन्तु कट्टरपंथी इस रॉक बैंड के सुरों को बंद करने के लिए फतवे जारी कराने लग गए हैं|वरिष्ठ धार्मिक गुरु .मुफ्ती बशरुद्दीन अहमद ने तो इसे गैर-इस्लामी करार देते हुए रॉक बैंड के खिलाफ फतवा जारी कर भी दिया है.| मुफ़्ती का कहना है कि इस प्रकार के खुले पण से बलात्कार की घटनाएँ बढ रही है| लड़कियों को खुले में गाने के बजाये घर में ही रहना चाहिए और बुर्के का प्रयोग किया जाना चाहिए| प्रगतिशील कहे जा रहे मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का समर्थन बैंड को हासिल है.उन्होंने कहा है कि, पुलिस इस मामले की जांच करेगी और धमकी देने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. कुछ सिरफिरे लोगों की वजह से टैलेंटेड आवाज दबने नहीं दी जाएगी|
लड़कियों का ये रॉक बैंड पहली बार तब चर्चा में आया जब पिछले साल दिसंबर महीने में उन्होंने सालाना ‘बैटल ऑफ द बैंड्स’ प्रतियोगिता में अपना शो किया. इसके बाद इस बैंड के फैन्स की तादाद भी बढ़ने लगी है |नोमा भट्ट, फराह डीबा और अनीका खालिद ने पिछले साल जनवरी में “प्रगाश” नाम से यह रॉक बैंड बनाया था। प्रगाश का मतलब होता है “अंधेरे से उजाले की ओर”। कश्मीर में लडकियों का यह पहला और अकेला रॉकबैंड है। पिछले साल दिसंबर में बैंड ने श्रीनगर में हुए म्यूजिक फेस्टिवल में लाइव दी थी। आज कल उदार वादी कहे जा रहे अनेको सामाजिक और राजनीतिक संगठन विचारों की अभिव्यक्ति के लिए आवाज़ उठाते आ रहे हैं |कमल हासन की विश्वरूपम नवीनतम उदहारण है लेकिन आश्चर्यजनक रूप से इस उजाले के प्रति सभी की चुप्पी कुछ परेशान करने वाली जरूर है|
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