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आशीष नंदी के एस सी /ओ.बी सी/एस टी/पर ब्यान से सियासी आतिश बाज़ी शुरू

समाजशास्त्री और लेखक आशीष नंदी ने समाज में व्याप्त भ्रष्टाचार के लिए समाज के वर्ग एस सी /ओ.बी सी/एस टी/ को जिम्मेदार ठहराने वाला जयपुर में असमाजी ब्यान दिया |इसके विरुद्ध ऍफ़ आई आर दर्ज़ करा दी गई है |नंदी ने अपने बयाँ पर माफी मांग ली है लेकिन इस सबके बावजूद सियासी हल्के में बयानों की आतिश बाजी शुरू हो गई है |गण तंत्र दिवस पर आयोजित जयपुर साहित्य सम्मेलन में समाजशास्त्री और लेखक आशीष नंदी ने विवादास्पद बयान देते हुए कहा था कि इस दौर में भ्रष्टाचार के लिए पिछड़े और दलित जिम्मेदार हैं।
साहित्य सम्मेलन में नंदी ने कहा कि भ्रष्टाचार के लिए ओबीसी और एससी/एसटी जिम्मेदार हैं। अपनी दलील के समर्थन में उन्होंने उदाहरण भी दिया। मंच पर ही मौजूद एक और साहित्यकार ने आशीष नंदी के बयान का ताली बजाकर स्वागत किया। लेकिन आईबीएन न्यूज चैनल के आशुतोष ने इस बयान का कड़ा प्रतिवाद किया। जैसे ही ये बयान आया वहां मंच पर मौजूद आशुतोष ने बीच में ही टोक कर इसका कड़ा विरोध किया | बाद में आशुतोष ने अपनी बारी आने पर नंदी के बयान पर कड़ी आपत्ति जताई।

आशीष नंदी के एस सी /ओ.बी सी/एस टी/पर ब्यान से सियासी आतिश बाज़ी शुरू

कांग्रेस के राशिद अल्वी भाजपा की लेखी ने इसे दुर्भाग्य पूर्ण बताया
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने मांग की है कि नंदी को तत्काल जेल भेज देना चाहिए।मायावती का यह भी कहना था कि ऐसा लगता है कि नंदी की टिप्पणी इन वर्गों को बदनाम करने की सोची समझी योजना के तहत आयी है। उन्होंने जयपुर साहित्य महोत्सव के आयोजकों से मांग की कि वह नंदी को इस महोत्सव से निष्कासित करें।
आशीष नंदी का ब्यान था ‘विचारों का गणराज्य’ विषय पर आयोजित सत्र में कहा, “यह अभद्र और असंस्कृत बयान होगा। लेकिन यह सच है कि सबसे भ्रष्ट व्यक्ति ओबीसी, एससी और अब बड़े पैमाने पर एसटी से आ रहे हैं। और जब तक ऐसा होता रहेगा, भारतीय गणराज्य जिंदा रहेगा।” उन्होंने कहा, “मैं एक उदाहरण देना चाहूंगा। सबसे कम भ्रष्ट राज्य पश्चिम बंगाल है। पिछले 100 वर्ष में ओबीसी, एससी, एसटी वर्ग के लोग सत्ता के नजदीक भी नहीं पहुंचे। यह पूरी तरह से स्वच्छ राज्य है।”इस बीच ओबीसी, एससी, और एसटी समुदाय के लोगों ने पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी और मांग की कि नंदी को जयपुर साहित्योत्सव से बाहर का रास्ता दिखाएं।नंदी ने विवाद बढ़ता देख कर कहा है कि उनका भाव किसी कि भावनाएं आहत करना नहीं था|उनका कहने का अर्थ है कि एस सी एस टी ओ बी सी अपराध करके सामने आ जाते हैं जबकि स्वर्ण लोग अपराध करके बच निकलते हैं |इसके समर्थन में उन्हने उदहारण भी दिए