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Tag: शिक्षा के प्रसार

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आकाश 2 टैबलेट लांच करके शिक्षा के प्रसार के प्रति सरकार की प्रतिबद्द्ता दर्शाई

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने रविवार को ग्रेजुएशन कर रहे छात्रों के लिए कम कीमत में ज्यादा एप्लीकेशन वाला आकाश 2 टैबलेट लांच किया। । धनतेरस के मौके पर सरकार की तरफ से छात्रों को सबसे बड़ा तोहफा मिला है। गौरतलब है कि देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद की 124 वीं जयंती के दिन को भारत में ‘एजुकेशन डे’ के रूप में मनाया जाता है। और इस दिन शिक्षा से सम्बंधित मुद्दों को महत्व देकर सरकार ने

राष्ट्रपति ने आकाश 2 टैबलेट लांच करके शिक्षा के प्रसार के प्रति सरकार की प्रतिबद्द्ता दर्शाई

प्रोडक्ट की विशेषता

बताया जा रहा है कि विश्व का सबसे सस्ता टैबलेट आकाश 2 एंड्रॉयड 4.0 पर चलता है।डाटाविंड कंपनी द्वारा तैयार किया गया आकाश 2 टैबलेट 7 इंच की टचस्क्रीन के साथ लीनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम पर आधारित है इसमें 1 गीगाहर्ट्ज कॉर्टेक्स ए8 प्रोसेसर के साथ 512 एमबी रैम है। इसमें 4जीबी की इंटर्नल मेमोरी है जिसे 32 जीबी तक बढ़ाया जा सकता है। यूएसबी पोर्ट, फ्रंट कैमरा की भी सुविधा दी गयी है।प्रोडक्ट निर्माता कंपनी के मुताबिक इस उपकरण को 2063 रुपये में सरकार को सप्लाई किया जाएगा| सरकार इस पर सब्सिडी देकर 1132 /= में देगी|बाज़ार में प्रोफेशनल प्रोडक्ट 3500 रुपये में लांच किया जाना है|

राष्ट्रीय शिक्षक व शिक्षण मिशन

कपिल सिब्बल से मंत्रालय का चार्ज लेने वाले मानव संसाधन विकास [एचआरडी] मंत्री एमएम पल्लम राजू के अनुसार उनका मंत्रालय जल्द ही राष्ट्रीय शिक्षक व शिक्षण मिशन शुरू करने की तैयारी कर रहा है। कार्यक्रम में राष्ट्रपति ने आकाश के जरिये शिक्षकों के प्रशिक्षण और दक्षता विकास की परियोजना ‘ए-व्यू’ का भी उद्घाटन किया। राजधानी के विज्ञान भवन में आयोजित इस समारोह को देश के 15 हजार शिक्षकों ने अपने आकाश टेबलेट पर देखा। आइआइटी मुंबई की मदद से शुरू किए गए इस प्रोजेक्ट के तहत देश के 250 केंद्रों पर 15 हजार शिक्षकों को आकाश के जरिये पढ़ाने के गुर सिखाए जा रहे हैं। एचआरडी मंत्रालय की योजना शुरू में इसके तहत एक लाख 50 हजार शिक्षकों को तैयार करने की है।
गौरतलब है कि इस वर्ष अक्टूबर में आकाश टैबलेट लांच किया गया था और पूर्व मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल के ड्रीम प्रोजेक्ट्स में से यह एक प्रोजेक्ट था|
आकाश बनाने वाली कंपनी डेटाविंड का दावा है कि इस साल दिसंबर तक एक लाख छात्रों को यह टैबलेट बांट दिए जाएंगे
दिनों दिन सस्ते होते जा रहे लेपटाप और टेबलेट्स के सामने इस सरकारी लेपटाप की सफलता तो अभी भविष्य के गर्भ में है लेकिन यह कहना भी जरुरी है कि हमारे देश में प्रतिभाओं कि कमी नहीं है|चित्र में दिखाए गए एक जुगाड़ का उदहारण दिया जा सकता है| इस मशीन से गन्ने का रस निकाल कर जगह जगह बेचा जाता है|सस्ते में बनी इस प्रकार की मशीनों से कई परिवार पल रहे हैं| सरकार का हाथ आम आदमी के साथ का दावा तभी चरित्रार्थ हो पायेगा जब इस प्रकार के छोटे और सस्ते उपकरणों को कानूनी जामा पहनाया जा सकेगा| इससे रेवेन्यु मिलेगा +स्वास्थ्य के प्रति सुरक्षा और गैर कानूनी लेबल हटाने से इनकी तकनिकी सुरक्षा को भी सुनिश्चित किया जा सकेगा| इस प्रकार के उपकरणों को मान्यता देने से शायद भारत और इंडिया के बीच बड रही दूरी को कम किया जा सकेगा|