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सकल घरेलू उत्पाद [जी डी पी] के ५ % तक सिमट जाने की संभावनाएं व्यक्त की जा रही है

मौजूदा विकास दर के पांच % तक सिमट जानेकी संभावनाएं व्यक्त की जा रही है . आज गुरुवार ७ फरवरी को जारी सरकारी अनुमानों के मुताबिक इस सुस्त विकास दर का प्रमुख कारण कृषि, विनिर्माण और सेवा क्षेत्र का खराब प्रदर्शन है. यह विकास दर पिछले एक दशक में सबसे कम है.
केंद्रीय सांख्यिकी संगठन (सीएसओ) द्वारा जारी अग्रिम बयान में कहा गया है, ‘2012-13 के दौरान सकल घरेलू उत्पाद [जी डी पी] के पांच % तक रहने का अनुमान है. 2011-12 में यह वृद्धि दर 6.2 % थी.
ताजा आंकड़ों के मुताबिक कृषि और सहायक गतिविधियों की विकास दर 1.8 % रहेगी, यह 2011-12 में 3.6 % रही| पूर्व में भारत सरकार +भारतीय रिजर्व बैंक [आर बी आई]का मौजूदा कारोबारी साल में विकास दर क्रमश: 5.9 % और 5.5 % रहने का अनुमान था. गौरतलब है कि देश की जीडीपी में सबसे ज्यादा योगदान करीब 60 % सर्विसेज[सेवा] का है
बीते वित्तवर्ष में विकास दर 6.2 % रही थी। इससे पहले 2002-03 के लिए विकास दर ४ %दर्ज है
प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार समिति के अध्यक्ष सी. रंगराजन ने कहा कि वास्तविक आंकड़ा बेहतर रह सकता है. उन्होंने कहा, ‘इसे ऊपर की ओर संशोधित किया जा सकता है.’
केन्द्रीय वित्त मंत्री पी .चिदंबरम ने कहा कि सरकार ने आर्थिक सुधार के कई कदम उठाए हैं और वास्तविक विकास दर इससे बेहतर रह सकती है। चिदम्बरम ने बताया कि मौजूदा पूर्वानुमान नवम्बर 2012 तक के आंकड़ों पर आधारित हैं। इसके बाद प्रमुख सूचकांकों में काफी सुधार हुआ है।