साढे तीन सालों में एक हजार दो सौ इकत्तीस करोड़ रुपये मूल्य का अट्ठावन हजार सात सौ तेरह टन कोयला चोरी हुआ है |जिसके लिए ४८५ ऍफ़ आई आर दर्ज कराई गई है लेकिन मंत्रालय और पुलिस दोनों ही चुराए गए कोयले की सही मात्रा तथा हुए घाटे की रोकथाम करना तो दूर अभी तक चोरी की मात्रा और कारणों को निर्दिष्ट नहीं कर पाये हैं |
कोयला राज्य मंत्री प्रतिक प्रकाश बापू पाटील ने लोक सभा में लीपा पोती करते हुए बताया कि कोल इंडिया लिमिटेड रेलवे साइडिंगो[ SIDINGS] एवं रोड-सेल केन्द्रों पर कोयले की बिक्री एफओरआर (रोड/रेल पर मुफ्त) आधार पर करती है तथा परिवहन माध्यम चुनने और कोयला परिवहन का उत्तरदायित्व खरीद करने वालों का है।मंत्री के कथनानुसार कोयले की चोरी/उठाईगिरी चोरी छिपे और गुप्त रूप से की जाती है। अत: चुराए गए कोयले की सही मात्रा तथा चोरी/उठाईगिरी के कारण हुए घाटे को निर्दिष्ट करना संभव नहीं है।
तथापि सुरक्षा कार्मिकों द्वारा मारे गए छापों और संबंधित राज्य सरकार के कानून और व्यवस्था प्राधिकारियों के साथ मारे गए संयुक्त छापों के अनुसार, कोयले की लगभग मात्रा, इसका मूल्य और पिछले तीन सालों तथा चालू वर्ष (सितम्बर, 2013 तक) के दौरान कोल इंडिया लिमिटेड में कंपनी-वार दर्ज एफआई आर नीचे दी गई है:-
वर्ष
बरामद की गई मात्रा (टन में)=======लगभग मूल्य (लाख रू. में)======================दर्ज एफआईआर
2010-11=====20660.04========327.70=================================167
2011-12====14918.57=========316.32=================================125
20112-13====15367.87========315.67=================================153
2013-14 =====7766.62=========271.37 =================================40
(सितम्बर 2013 तक)
(अंतिम)====================================================================
टोटल ======५८७१३.१ टन =============१२३१.०६ करोड़ रूपये ====================485
सरकारी/कोयला कंपनियों द्वारा कोयले की चोरी/उठाईगिरी रोकने के लिए उठाये विभिन्न कदमों में निम्नलिखित शामिल है:-
(i) कमजोर बिंदुओं पर चैक पोस्टों की स्थापना।
(ii) कोयला डम्पिंग यार्ड और रेलवे साइडिंग के आसपास तारबंदी, प्रकाश व्यवस्था तथा 24 घन्टे सशस्त्र गार्डों की तैनाती।
(iii) ओवर बर्डन डम्प तथा रेलवे साइडिंग सहित खान के आसपास नियमित गश्त।
(iv) नियमित अंतरालों पर जिला/राज्य अधिकारियों के साथ संवाद तथा सम्पर्क साधना और प्रशासन के साथ नियमित बैठक आयोजित करना।
(v) उठाईगिरी रोकने हेतु जिले से बाहर ट्रकों द्वारा कोयला परिवहन के लिए चालान जारी करना तथा होलोग्राम लगाना तथा केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल के प्राधिकृत अधिकारियों द्वारा हस्ताक्षर करना।
(vi) कोयले की चोरी/उठाईगिरी के विरूद्ध स्थानीय थाने में कोलियरीज के प्रबंधन द्वारा सीएसआईएफ द्वारा एफआईआर दर्ज करना।
(vii) चरणबंद्व तरीके से पुराने/परित्यक्त/खुले कोयला मुहानों का भरना/डोजिंग/सीलिंग/ब्लास्ट करना।
(viii) जीपीएस आधारित ट्रक मानीटरिंग प्रणाली आदि का स्थापना।
(ix) इलैक्ट्रोनिक तोल सेतुओं की स्थापना।
कोयलामंत्रालय के राज्य मंत्री के अनुसार कोयले की चोरी के लिए उपरोक्त ९ उपाय किये गए हैं लेकिन इन उपायों से हुआ लाभ या चोरी की रुकावट का ब्यौरा नहीं दिया गया है
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