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Tag: General parvej musharraf

परवेज मुशर्रफ ने हारे हुए कारगिल युद्ध पर गर्व करके चुनावी रणनीति का ऐलान किया

परवेज मुशर्रफ ने हारे हुए कारगिल युद्ध पर गर्व करके चुनावी रणनीति का ऐलान किया

परवेज मुशर्रफ ने हारे हुए कारगिल युद्ध पर गर्व करके चुनावी रणनीति का ऐलान किया

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ की पाकिस्तान में वापिसी को विश्व मीडिया हाथों हाथ ले रहा है| भारतीय मीडिया भी इसका अपवाद नहीं है|इसका फायदा उठा कर जनरल परवेज भारत के खिलाफ जहर घोल कर वहां की अवाम के एक विशेष वर्ग की सहानुभूति हासिल करने में लगे हैं तो अमेरिकाके साथ संबंधों की वकालत करके पावर फुल बैकिंग भी हासिल करने में लगे हुए हैं|ऐसा नहीं की यह उन्होंने अभी शुरू किया है वरन पाकिस्तान में आने से पहले ही यह प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी |उनके एक पूर्व सिपह सालार ने अपनी एक किताब के जरिये इसकी भूमिका बनानी शुरू कर दी थी|
दरअसल पाकिस्तान के एक[पूर्व] जनरल ने यह कह कर सबको चौंका दिया था कि जनरल परवेज मुशर्रफ बावर्दी भारतीय सीमा में घुसे और एक रात भी बिता कर लौट गए| इस चौंकाने वाली खबर का स्वयम जनरल परवेज ने खंडन नहीं किया था बल्कि इसे बार्डर पर एक स्वाभाविक घटना बताया था|भारतीय [पूर्व ]जनरल वी के सिंह ने अपने समक्ष के दुस्साह की सराहना भी की थी |अब फिर से जनरल परवेज ने भारत के विरुद्ध कारगिल युद्ध पर गर्व प्रकट किया है| एक प्रेस कांफ्रेंस में जनरल परवेज ने कहा है कि करगिल अभियान पाकिस्तानी फौज का सबसे सफल ऑपरेशन है | करगिल में पाकिस्तान ने भारत को गर्दन से पकड़ लिया था।इसीलिए करगिल में भारत के ख़िलाफ़ लड़ाई पर पाकिस्तान को गर्व होना चाहिए।
पाकिस्तान में 11 मई को आम चुनाव होने हैं।औरजनरल इन चुनावों में कराची से भाग लेने की अपनी महत्वकांक्षा जाहिर कर चुके हैं|फौज की वर्दी छोड़ चुके जनरल को कारगिल का यह बयान वहां की फौज को गौरवान्वित करेगा और उसका झुकाव एक बार फिर से अपने पूर्व जनरल कि तरफ हो सकता है|
9/11 हमलों के बाद चरमपंथ के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका का साथ देने पर अपनी सफाई देते हुए उन्होंने कहा कि उस समय अमेरिका का साथ देना देश के हित
में था।इस अवसर पर उन्होंने न्यायालय की सहानुभूति हासिल करने के लिए कहा कि उनके कार्यकाल में किसी भी न्यायाधीश को सजा नहीं दी गई|
कारगिल युद्ध में करारी हार के बावजूद उस युद्ध पर गर्व करना सोची समझी रणनीति का एलान ही है|भारतीय कूटनीति आज कल अमेरिका के दबाब में काम करती है सो कोई शक नही कि जनरल परवेज के इस दुस्साहस को नज़र अंदाज किया जाए अगर ऐसा होता है तो पाकिस्तान के बाद भारत में चुनाव होने हैं |पाकिस्तान में चुनावो का फायदा अगर जनरल को मिलता है तो उसका नुक्सान भारत में सत्ता रुड दल को हो सकता है|