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एमएसआईपीएस आवेदनों का निपटारा शीघ्र होगा: संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री कपिल सिब्‍बल

केन्‍द्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी और कानून मंत्री श्री कपिल सिब्‍बल ने भारत में इलैक्‍ट्रोनिक सिस्‍टम डिजाईन और विनिर्माण (ईएसडीएम) क्षेत्र में 961 करोड़ रूपए के निवेशों को सरकारी वित्‍तीय मदद के संबंध में निवेश सिफारिशों का नई दिल्‍ली स्थित इलैक्‍ट्रोनिक्‍स निकेतन में 12 जुलाई, 2013 को उद्योग के प्रतिनिधियों, उद्योग संघों, एमएसआईपीएस आवेदकों और मीडिया की उपस्थिति में खुलासा कि‍या। बताय गया है कि नि‍वेश प्रस्‍ताव इस प्रकार होगा|
[१]. नोएडा में स्‍मार्ट फोन बनाने के लिए सैमसंग इंडिया इलैक्‍ट्रोनिक्‍स प्राईवेट लिमिटेड को 406 करोड़ रूपए के निवेश का प्रस्‍ताव है। यह परियोजना अगले छह महीने में शुरू होने की उम्‍मीद है।
[२]. बैंगलोर में इसीयू इंजन सिस्‍टम, इसीयू ब्रेक सिस्‍टम, बॉडी कम्‍प्‍यूटर मॉड्यूल जैसे ऑटोमोटिव इलैक्‍ट्रोनिक सामान बनाने के लिए बॉच ऑटोमोटिव इलैक्‍ट्रोनिक्‍स इंडिया लिमिटेड के लिए 544 करोड़ रूपए के निवेश का प्रस्‍ताव है। यह परियोजना तीन साल में पूरी हो जाएगी।
[३]. लाईटिंग उत्‍पादों में एलईडी बनाने के लिए सहसरा इलैक्‍ट्रोनिक्‍स प्राईवेट लिमिटेड के लिए 11.1 करोड़ रूपए के निवेश का प्रताव है।
इस परियोजना के पांच साल में पूरी होने की उम्‍मीद है।
सैमसंग और बॉच को उनके निवेश का 25 फीसदी सब्सिडी दिया जाएगा कयोंकि दोनों कंपनियां गैर-विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) में नहीं है, ज‍बकि सहसरा की इकाई सेज इलाके में होने से उसे 25 फीसदी की सब्सिडी दी जाएगी। एमएसआईपीएस के तहत बड़े और छोटे निवेशों पर विशेष आर्थिक प्रोत्‍साहन दिया जाता है। यह आर्थिक प्रोत्‍साहन बिना किसी भेदभाव के बहुराष्‍ट्रीय कंपनियों से लेकर घरेलू कंपनियों को भी दिया जाता है।
इस मौके पर श्री कपिल सिब्‍बल ने कहा कि विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देना बहुत जरूरी है और सरकार रोजगार पैदा करने के लिए विनिर्माण को बढ़ावा देने और घरेलू बाजार एवं निर्यात के लिए देश में नवीन तकनीक लाने की कोशिश में है। एमएसआईपीएस आवेदनों का इतने कम समय में मंजूरी देने से भारत में ईएसडीएम क्षेत्र में और निवेश आकर्षित करने के‍ लिए सही वातावरण का निर्माण हो सकेगा।
एमएसआईपीएस के तहत अब तक 4600 करोड़ रूपए से अधिक के निवेश संबंधी आवेदन आए हैं। ये सभी आवदेन समीक्षा और मंजूरी के विभिन्‍न चरणों में हैं। इनमें उपभोक्‍ता इलैक्‍ट्रोनिक्‍स एवं सामानों में 450 करोड़, हाथ से इस्‍तेमाल होने वाले यंत्रों में 410 करोड़, दूरसंचार उत्‍पादों में 1770 करोड़, एलईडी और एलईडी उत्‍पादों में 310 करोड़, इलैक्‍ट्रानिक संघटक में 45 करोड़, ऑटोमोटिव इलैक्‍ट्रोनिक्‍स में 10 करोड़, ऊर्जा इलैक्‍ट्रोनिक्‍स में 40 करोड़, स्‍ट्रेटेजिक इलैक्‍ट्रोनिक्‍स में 210 करोड़ और सेमि‍कंडेक्‍टर एटीएमपी में 750 करोड़ रूपए के प्रस्‍ताव शामिल हैं।
एनपीई के आकर्षक प्रावधानों में एक एमएसआईपीएस है, जो जुलाई 2012 में अधिसूचित हुआ था और उसके दिशा-निर्देश जारी हुए थे। तब इलैक्‍ट्रोनिक्‍स एवं सूचना प्रौद्योगिकी वि‍भाग द्वारा एमएसआईपीएस योजना के तहत आवेदन मंगाए गए थे। योजना के अनुसार सरकार नई विनिर्माण इकाई की स्‍थापना करने और मौजूदा विनिर्माण इकाईयों में विस्‍तार के लिए 25 फीसदी की सब्सिडी उपलब्‍ध करा रही है।
ग्रीनफील्‍ड इलैक्‍ट्रोनिक विनिर्माण क्षेत्रों की स्‍थापना का काम भी जोर पकड़ रहा है। अब तक लगभग 2100 करोड़ रूपए के निवेश के आठ आवेदन प्राप्‍त हुए हैं और ग्रीनफील्‍ड इलैक्‍ट्रोनिक विनिर्माण क्षेत्रों के लिए 1805.29 एकड़ जमीन मंजूर हुई है। ग्रीनफील्‍ड इकाइयां हैदराबाद, बैंगलोर के पास होसुर, भिवाड़ी, भोपाल आदी जगहों पर स्‍थापित की जाएगी। ग्रीनफील्‍ड इलैक्‍ट्रोनिक विनिर्माण क्षेत्रों के पहले तीन प्रस्‍ताव इलैक्‍ट्रोनिक्‍स एवं सूचना प्रौद्योगिकी वि‍भाग के सचि‍व की अध्‍यक्ष्‍ाता वाली संचालन समिति के पास सैद्धांतिक मंजूरी के लिए भेजी जा रही है जिससे आवेदक इलैक्‍ट्रोनिक विनिर्माण इकाई की स्‍थापना करने का अगला कदम उठा सकेंगे। ये तीनों प्रस्‍ताव इस प्रकार हैं:-
[१]. आंध्र प्रदेश औद्योगिक इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर निगम द्वारा हैदराबाद में 602.37 एकड़ जमीन पर 580 करोड़ रूपए के निवेश वाले ग्रीन‍फील्‍ड ईएमसी की स्‍थापना।
[२]. आंध्र प्रदेश औद्योगिक इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर निगम द्वारा आंध्र प्रदेश के महेश्‍वरम में 310 एकड़ जमीन पर 360 करोड रूपए के निवेश वाले ग्रीन‍फील्‍ड ईएमसी की स्‍थापना।
[३]. जीएमआर इंफ्रा द्वारा तमिलनाडु के होसुर में 527.1 एकड़ जमीन पर 606 करोड़ के निवेश वाले ग्रीन‍फील्‍ड ईएमसी की स्‍थापना।

कपिल सिब्बल ने ”उर्दू भाषा फान्ट और कीबोर्ड ड्राइवर” जारी करके उर्दू को तकनीकी विकास की मुख्य धारा से जोड़ा

कपिल सिब्बल ने ”उर्दू भाषा फान्ट और कीबोर्ड ड्राइवर” जारी करके उर्दू को तकनीकी विकास की मुख्य धारा से जोड़ा
श्री कपिल सिब्बल ने ”उर्दू भाषा फान्ट और कीबोर्ड ड्राइवर” जारी करके उर्दू और इसके भाषियों को तकनीकी+ शिक्षा +विकास की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए पहल की
केंद्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री कपिल सिब्बल ने आज यहां विभिन्न माध्यमों के लिए ”उर्दू भाषा फान्ट और कीबोर्ड ड्राइवर” जारी किए। इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के भारतीय भाषाएं कार्यक्रम के लिए प्रौद्योगिकी विभाग के तत्वावधान के तहत विकसित यह फान्ट एवं कीबोर्ड ड्राइवर जनता के इस्तेमाल के लिए निशुल्क उपलब्ध होंगे। डिजिटल माध्यम पर भारतीय भाषा प्रौद्योगिकी विभाग पर संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय का इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग मुख्य बल दे रहा है।
किसी भाषा की वृद्धि के लिए सामग्री रचना और उपभोग महत्वपूर्ण जरूरतों में से एक है तथा इसी को ध्यान में रखते हुए जनता के लिए निम्नलिखित उर्दू फान्ट एवं कीबोर्ड ड्राइवर जारी किए जा रहे हैं:
1]. नक्श लिपि के लिए यूनिकोड सक्षम ओपन फान्ट फार्मेट – 12
2]. नसतालिक लिपि के लिए यूनिकोड सक्षम ओपन फान्ट फार्मेट – 1
3]. बढ़ी हुई इनस्क्रिप्ट, फोनेटिक और विंडो 32/64 बिट आप्रेटिंग सिस्टम के लिए अनुकूल उर्दू कीबोर्ड ड्राइवर
4.] एंड्रॉयड प्लेटफार्म के लिए बढ़ी हुई इनस्क्रिप्ट वाले कीबोर्ड के साथ उर्दू कीबोर्ड ड्राइवर
मंत्रालय द्वारा जारी विवरण के अनुसार उूर्दू फान्ट वह पहला संपर्क है जो यूजर अपनी स्क्रीन पर एप्लिकेशन के साथ करता है तथा मोटेतौर पर यह फान्ट की पसंद और आकर्षण है जो एप्लिकेशन को दृश्यात्मक रूप से आकर्षक बनाता है। सीडैक और जिस्ट ने फान्ट विकसित करते समय इन तथ्यों को हमेशा ध्यान में रखा है।

The Union Minister for Communications & Information Technology and Law & Justice, Shri Kapil Sibal launching the Urdu Fonts and Keyboard Managers, at a function, in New Delhi on July 12, 2013.

The Union Minister for Communications & Information Technology and Law & Justice, Shri Kapil Sibal launching the Urdu Fonts and Keyboard Managers, at a function, in New Delhi on July 12, 2013.


कुल 12 नक्श और 1 यूनिकोड 6.2 के अनुकूल फान्ट जनता के लिए उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
बढ़ी हुई इनस्क्रिप्ट पर आधारित उर्दू कीबोर्ड ड्राइवर
उर्दू के लिए जनवरी 2007 में जारी कीबोर्ड ड्राइवर इनस्क्रिप्ट कीबोर्ड लेआउट पर आधारित था जिसे अब इनस्क्रिप्ट स्टैंडर्ड को बढाकर आधुनिक यूनिकोड स्टैंडर्ड 6.2 के अनुकूल बनाया गया है। नया उर्दू कीबोर्ड ड्राइवर बढ़ी हुई इनस्क्रिप्ट पर आधारित है जो इस्तेमाल करने वाले को यूनिकोड साफ्टवेयर में टाइप करने, ईमेल लिखने, उर्दू में चैट करने की सुविधा देता है। यह सीधे दाई तरफ से बाई तरफ लिखने के लिए अनुकूल है तथा नोटपैड, एमएस वर्ड, इत्यादि जैसी विंडो में भी काम करता है।
एंड्रॉयड प्लेटफार्म के लिए बढ़ी हुई इनस्क्रिप्ट वाला कीबोर्ड
एंड्रॉयड डिवाइसेज के लिए ऑनस्क्रीन कीबोर्ड ड्राइवर, 3 लेयर्ड – अंग्रेजी क्वेरटी लेयर, अंग्रेजी को सपोर्ट करने के लिए उपलब्ध कराइ्र गई है। यह एंड्रॉयड वर्जन 4.1 और उससे अधिक को सपोर्ट करता है।

कपिल सिब्बल ने , साइबर हमलों को रोकने के लिए, राष्‍ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति जारी की

केंद्रीय संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री एवं वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्‍बल ने आज, बहु प्रतीक्षित, राष्‍ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति जारी की।इसका उद्देश्य देश पर साइबर हमलों को रोकने के लिए , वैश्विक माहौल के अनुरूप ,साइबर सिक्योरिटी सिस्टम तैयार करना है|
इस अवसर पर श्री सिब्‍बल ने कहा कि यह नीति निजी जानकारी, वित्‍तीय /बैंकिंग जानकारी, महत्‍वपूर्ण डाटा जैसी सूचना के संरक्षण के रूप में देखी जानी चाहिए । उन्‍होंने कहा कि सूचना सशक्‍त बनाती है तथा लोगों को सूचना से सशक्‍त बनाने के क्रम में हमें सूचना और डाटा को सुरक्षित बनाने की जरूरत है।
श्री सिब्‍बल ने ऐसे डाटा के बीच अंतर करने की आवश्‍यकता पर भी बल दिया जो मुक्‍त रूप से उपलब्‍ध कराया जा सकता है तथा जिसे सुरक्षित करने की आवश्‍यकता होती है।
श्री सिब्‍बल ने कहा कि इस नीति को लागू करना ही असली चुनौती है। उन्‍होंने कहा कि सरकार को विभिन्‍न प्रोत्‍साहनों एवं सब्सिडी के जरिए छोटे और मझौले उद्यमियों की प्रणाली को सुरक्षित बनाने के लिए प्रौद्योगिकी सुलभ कराने के वास्‍ते उन्‍हें सहायता देनी होगी।
उन्‍होंने व्‍यवसायियों से कहा कि साइबर जगत में अपने आप को सुरक्षित बनाने के लिए उन्‍हें अलग से धन की व्‍यवस्‍था करनी चाहिए।
इस अवसर पर संचार और सूचना प्रौद्योगिकी राज्‍य मंत्री श्री मिलिंद देवड़ा ने सभी हितधारकों और खासतौर से विभाग के उन अधिकारियों को बधाई दी जिन्‍होंने यह नीति तैयार करने में मदद की। उन्‍होंने कहा कि इस नीति से हमें अपने महत्‍वपूर्ण डाटा को सुरक्षित बनाने में मदद मिलेगी।

इसकी मुख्‍य विशेषताएं इस प्रकार हैं –

[१] इस नीति का लक्ष्‍य इलेक्‍ट्रानिक लेनदेन का सुरक्षित माहौल तैयार करना, विश्‍वास और भरोसा कायम करना तथा साइबर जगत की सुरक्षा के लिए हितधारकों के कार्यों में मार्गदर्शन करना है।
[२] देश में सभी स्‍तरों पर साइबर सुरक्षा के मुद्दों से निपटने के लिए व्‍यापक, सहयोगात्‍मक और सामूहिक कार्रवाई के लिए रूपरेखा तैयार की गई है।
[३]इस नीति में ऐसे उद्देश्‍यों और रणनीतियों की आवश्‍यकता को मान्‍यता दी गई है जो राष्‍ट्रीय और अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍तर पर अपनाए जाने की आवश्‍यकता है।
इस नीति का विजन और मिशन नागरिकों, व्‍यवसायियों और सरकार के लिए साइबर जगत को सुरक्षित और लचीला बनाना है।
[४] इसका उद्देश्‍य साइबर हमलों से राष्‍ट्र को सुरक्षित बनाने और खामियां दूर करने के लक्ष्‍य तय करना है।
[५]इसका लक्ष्‍य देश के अंदर सभी हितधारकों के बीच सहयोग और समन्‍वय बढ़ाना है।
[६]राष्‍ट्रीय साइबर सुरक्षा विजन और मिशन के समर्थन में उद्देश्‍य एवं रणनीति तय की गई हैं।
[७] ऐसी रूपरेखा और पहल तैयार की गई हैं जो सरकार के स्‍तर , क्षेत्र स्‍तर पर और सरकारी-निजी भागीदारी के माध्‍यम से आगे बढ़ाई जा सकती हैं।
[८] इससे साइबर सुरक्षा अनुपालन, साइबर हमलों, साइबर अपराध और साइबर बुनियादी ढांचा वृद्धि जैसे रुझानों की राष्‍ट्रीय स्‍तर पर निगरानी की जा सकेगी।