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गंगा संरक्षण के लिए अब साध्वी उमा भारती और प्रकाश जावड़ेकर मिलकर काम करेंगे

गंगा संरक्षण के लिए अब साध्वी उमा भारती और प्रकाश जावड़ेकर मिलकर काम करेंगे |दोनों मंत्रियों ने गंगा में औघोगिक प्रदूषण को रोकने और ई-प्रवाह को कम करने का निर्णय लिया
भाजपा के महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट गंगा संरक्षण के लिए आज जल संसाधन मंत्रालय और पर्यावरण एवं वन मंत्रालय में मिलकर काम करने पर सहमति बन गई है|
जल संसाधन+नदी विकास + गंगा संरक्षण मंत्रालय + पर्यावरण, वन + जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने गंगा नदी के संरक्षण के लिए एक साथ काम करने का निर्णय लिया है।
जल संसाधन+नदी विकास+गंगा संरक्षण मंत्री सुश्री उमा भारती + पर्यावरण, वन +जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के बीच आज हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया।
, इससे नदी की जैव-विविधता और नदी के उपरी हिस्सों के प्रजातियों के साथ-साथ आस-पास के प्रवासियों को संरक्षण मिल सकेगा दोनों मंत्रियों ने गोमुख से उत्तरकाशी तक गंगा की 130 किमी की दूरी के बीच गतिविधियों पर लगी पाबन्दी को सख्ती से पालन करने की बात भी कही |
दोनों मंत्रियों ने गंगा में औद्योगिक कचरे को प्रवाहित करने से रोकने के लिए विभिन्न औद्योगिक प्रतिष्ठानों के प्रतिनिधियों की बैठक करने का निर्णय लिया।
बैठक में औद्योगिक कचरों के शुद्धीकरण के लिए आन-लाईन निगरानी को 6 महीने में शुरू करने और उद्योगों को साफ किए गए पानी का फिर से इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित करने का निर्णय लिया गया।
वैज्ञानिक और दीर्घकालिक बालू खनन की व्यवस्था के लिए बालू खनन के दिशा-निर्देश को संशोधित किया जायेगा। जैव-विविधता को बचाने के लिए सरकार द्वारा गंगा के दोनो किनारों पर वृक्षारोपण किया जायेगा। दोनों मंत्रियों ने इस कार्य में विभिन्न परियोजनाओं के कारण विस्थापित लोगों को शामिल करने का विचार किया। ताकि उन्हें आजीविका कमाने का अवसर मिले।

प्रकाश जावड़ेकर ने पूर्ण आजादी के लिए नौकरशाहों को सकारात्मक नजरिए से काम करने का आह्वाहन किया

[नई दिल्ली]सूचना और प्रसारण राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार)+वन पर्यावरण एवं जलवायु परि‍वर्तन (स्‍वतंत्र प्रभार) + संसदीय मामलो के मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर ने नई दि‍ल्‍ली में पर्यावरण एवं वन मंत्रालय की ओर से आयोजित ”लीडरशिप एंड मोटिवेशन कांक्‍लेव” में नौकरशाही के बारे में लोगों का नजरिया बदलने की जरूरत पर बल दिया
श्री जावडेकर ने कहा है कि लोगों और सरकार के बीच दुतरफा संवाद ही प्रशासनिक सुधार की प्रक्रिया है। यह दुतरफा संचार के लिए खाका और लोगों की भागीदारी स्थापित करेगा। ऐसा अनुकूल माहौल बनाने के लिए लोगों की भागीदारी आवश्यक है जिसमें संस्थागत विकास हो सके। उन्होंने कहा कि नए तौर-तरीके और नूतनता हमेशा शासन मॉडल और संबंधित परिपाटियों में ताजगी की भावना भरते हैं। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा आयोजित की गई इस सभा में श्री जावडेकर ने कहा कि नौकरशाही के बारे में लोगों के नजरिए को बदलने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को संवेदना, दृढ़ विश्वास और सकारात्मक नजरिए के साथ काम करने की जरूरत है ताकि लोगों की जरूरतें पूरी की जा सकें। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि यह कार्य करके की पूरी आजादी आएगी। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि लोगों में भरोसा पैदा करें कि सरकार उनकी जरूरतों के प्रति जिम्मेदार है और समस्याओं को समझती है।
श्री जावडेकर ने सरकार द्वारा अपनाई गई नूतन परिपाटियों के अंग के रूप में प्रेरक वक्ता तथा “आप जीत सकते हैं” पुस्तक के लेखक श्री शिव खेड़ा को पर्यावरण एवं सूचना और प्रसारण मंत्रालय के अधिकारियों को नेतृत्व एवं प्रेरक सभा में संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया।
दो घंटे की चर्चा में श्री शिव खेड़ा ने अनेक आख्यानों के जरिए श्रोताओं को प्रेरित किया और उन्हें अपने निजी अनुभव सुनाए। उन्होंने अधिकारियों को अनेक प्रेरक परिकल्पनाओं से परिचित कराया।
फोटो कैप्शन
The Environment, Forest and Climate Change (Independent Charge), Shri Prakash Javadekar addressing at the Leadership and Motivation Conclave organised by the Ministry of Environment and Forests, in New Delhi on June 06, 2014.Motivational speaker and author Shri Shiv Khera, is also seen.