राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज विभिन्न भाषाओँ में महत्त्व पूर्ण यौगदन देने के लिए विद्वानों को सम्मान -प्रमाणपत्र प्रदान किये
[अ ]
संस्कृत
[1]. प्रोफेसर सुब्बारावव पेरी[2]. डॉ. कृष्ण लाल[3]. डॉ. हंसाबेन एन. हिंडोचा[4]. प्रोफेसर (डा.) चन्द्र कांत शुक्ला[[5]. प्रोफेसर मल्लिकार्जुन बी. पराड्डी[6]. श्री मोहन गुप्ता[7]. प्रोफेसर मिथिला प्रसाद त्रिपाठी[8]. प्रोफेसर अलेखा चन्द्र सारंगी
[9]. पदम शास्त्री (पदम दत्त ओझा शास्त्री)[10]. ड गणेशी लाल सुथार[11] डा. प्रशस्य मित्रा शास्त्री[12]. श्री भागीरथ प्रसाद त्रिपाठी ‘वागीश शास्त्री’
[13]. प्रोफेसर जय शंकर लाल त्रिपाठी
संस्कृत (अंतर्राष्ट्रीय)1. डॉ. रॉबर्ट पी. गोल्डमेन
[आ]फारसी
[१]. प्रोफेसर (श्रीमती) क़मर गफ्फार2. श्री एम.एच. सिद्दकी
[इ]अरबी
[१]. श्री मोहम्मद अज़ीमुद्दीन[२]. प्रोफेसर जिक्रूर रहमान[३]. प्रोफेसर अहमद नसीम सिद्दकी
[ई]]
पाली/प्राकृत
[१]. प्रोफेसर भिक्षु सत्यपाल
[उ]इसके अतिरिक्त, महामहिम राष्ट्रपति संस्कृत, फारसी, अरबी तथा पाली/प्राकृत के निम्नलिखित विद्वानों को महर्षि वदरायन व्यास सम्मान भी प्रदान करते हैं :संस्कृत[१]. डॉ. बलराम शुक्ला
[2.] डॉ. धनंजय वायुदेव द्विवेदी
[३]. श्री के. वेंकटेश मूर्ति
[४]. प्रोफेसर नीरज शर्मा
[५]. डॉ. उपेन्द्र कुमार त्रिपाठी
फारसी[१]. श्री शबीब अनवर अल्वी
अरबी[१]. डॉ. अशफ़ाक अहमद
पाली/प्राकृत1. डॉ. अनेकांत कुमार जैन यह सम्मान स्वतंत्रता दिवस पर वर्ष में एक बार संस्कृत , फारसी, अरबी तथा पाली/प्राकृत के क्षेत्रों मेंमहत्वपूर्ण योगदान के लिए प्रदान किया जाता है।
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