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Tag: Toll plaza captured by farmers

दिल्ली-देहरादून नेशनल हाईवे के सिवाया टोल प्लाजा पर गाड़ियां बिना टोल टैक्स के गुजर रही है:

मेरठ में

दिल्ली-देहरादून नेशनल हाईवे सिवाया टोल प्लाजा :

किसानों ने कर्मचारियों को टोल वसूलने से रोक कर प्लाज़ा को अपने कब्जे में ले लिया है | . इस वजह से गाड़ियां बिना टोल टैक्स के गुजर रही है|. यह धरना रूपी कब्जा भारतीय किसान युनियन ने दिया है.|इससे पूर्व वकील कुंवर प्रेम सिंह सोम ने अभद्र व्यवहार के विरोध में आत्मदाह की चेतावनी दे चुके हैं | जिला पंचायत के सदस्यों के आलावा स्थानीय ग्रामीण इलाके के पेसेंजर्स द्वारा भी निशुल्क आवागमन की मांग की जा चुकी है|
20 अप्रैल 2011। से राष्ट्रीय राजमार्ग-58 पर वेस्टर्न यूपी टोल वे कंपनी ने टोल वसूलना शुरू किया। तत्कालीन जिलाधिकारी सुभाष चंद शर्मा ने कंपनी के अफसरों के साथ ही एनएचएआइ के अफसरों को हिदायत दी थी कि 25 जुलाई 2011 तक सभी अपूर्ण कार्य पूरे हो जाएं। टोल से 10 किमी की परिधि में रहने वाले लोगों को लोकल पास जारी करने के लिए आदेश जारी किये जा चुके हैं| दर्जनों बार अधूरे पड़े कार्यों को पूरा कराने के लिए विभिन्न राजनैतिक व सामाजिक संगठनों ने प्रदर्शन किए, पर अभी तक विकास कार्य पूरे नहीं हुए।
स्थानीय लोगों को 15 रूपये देकर अपना वाहन पास कराने में दिक्कत आ रही है। इसके आलावा प्लाजा पर तैनात वसूली करने वाले बाउंसरों के दुर्व्यवहार से भी लोग परेशां हैं|हाल ही में एक नागरिक अपनी कर ही प्लाजा पर छोड़ गया |ऐसे में टोल पर भाकियू ने कब्जा करके वहां टोल फ्री करा दियाहै|भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत के अनुसार टोल प्लाजा पर कब्जा तब तक जारी रहेगा जब तक टोल प्लाजा को यहां से 20 किमी दूर स्थानान्तरित कर आसपास के किसानों को टोल टैक्स से मुक्त नहीं किया जाता.| उन्होंने यह भी कहा कि किसानों का जो बकाया है उसको ब्याज समेत किसानों को दिया जाना चाहिए.
दूसरी ओर टोल प्लाजा के एजीएम जीवी रंगासाई ने भाकियू कार्यकर्ताओं की इस हरकत को गैर कानूनी बताते हुए पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराने की बात कही है. हालांकि समाचार लिखे जाने समय तक उनकी रिपोर्ट दर्ज नहीं हो सकी थी.
बताते चलें कि बुधवार दोपहर को भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत की अगुवाई में मोदीपुरम स्थित टोल प्लाजा पर पहुंचे भाकियू कार्यकर्ताओं ने टोल पर कब्जा जमा लिया. शुरू में टोल कर्मियों ने भाकियू कार्यकर्ताओं का विरोध किया लेकिन बाद में मौके पर भाकियू के समर्थान में किसानों की बढ़ती भीड़ और उनके कड़े तेवरों को देखते हुए टोल कर्मचारियों ने मौके से भाग निकले. इस दौरान यहां काफी हंगामा और तोड़फोड़ भी की गयी|बताया जा रहा है कि अब तक ५० लाख रुपयों का नुकसान हो चुक है|. वहीं इस मामले में स्थानीय प्रशासन हमेशा कि भांति किंकर्तव्य विमूड ही दिख रहा है|