प्रधानमंत्री ने भूटान नरेश महामहिम जिग्मे खैसर नामग्येल वांगचुक और प्रधानमंत्री तोबगे से महल में मुलाकत की
भारतीय प्रधानमंत्री ने इन मुलाकातों में बी टू बी [अर्थार्त भारत से भूटान] देशों के मध्य सघन विकास सहयोग+आर्थिक गठजोड़ में वृद्धि के लिए उपायों पर फोकस किया|
पी एम ने भूटान के नेताओं को उनके गर्मजोशीपूर्ण स्वागत के प्रबंध के लिए धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि यह हमारे देशों के बीच के द्विपक्षीय संबंधों की उष्मा को दर्शाता है। उन्होंने अपनी पहली विदेश यात्रा को सफल बनाने वाले व्यक्तियों के प्रयासों की भी प्रशंसा की।
उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों की बी-टू-बी अर्थात भारत से भूटान के रूप में व्याख्या की।
प्रधानमंत्री ने भारत को भूटान के सुविधा प्राप्त साझीदार माने जाने पर संतोष जाहिर किया और यह रेखांकित किया कि उनकी सरकार इन मजबूत संबंधों का पोषण ही नहीं करेगी इनको और मजबूत भी करेगी।
प्रधानमंत्री ने व्यापक शैक्षणिक संपर्कों की संभावनाओं पर जोर दिया+भारत में भूटानी छात्रों को दी जा रही छात्रवृत्ति को दोगुना करने का सुझाव दिया+ भारत 2 करोड़ रुपए की छात्रवृत्ति उपलब्ध कराएगा।
प्रधानमंत्री ने यह भी सूचित किया कि भारत उसे एक पुस्तकालय स्थापना में भी सहायता करेगा जो भूटानी छात्रों की 20 लाख पुस्तकों और पत्रिकाओं तक पहुंच बनाएगा। श्री मोदी ने कहा कि बेशक दोनों देशो के पासपोर्ट के रंग अलग अलग हैं लेकिन हमारी सोच और मूल्यों में समानता है | उन्होंने कहा कि आज विश्व जी डी पी की बात करता है लेकिन भूटान राष्ट्रीय ख़ुशी को प्राथमिकता देता है और अच्छा भरोसे मंद दोस्त ख़ुशी प्रदान करता है|नरेंद्र मोदी भूटान में दो दिवसीय दौरे पर हैं आज उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का भी उद्घाटन किया|
फोटो कैप्शन[१]The Prime Minister, Shri Narendra Modi meeting the King of Bhutan, His Majesty Jigme Khesar Namgyel Wangchuck, at Tashichhodzong Palace, in Thimphu, Bhutan on June 15, 2014.
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