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भारतीय सेना और निजी एयर लाइन्स के अधिकारियों की अपराधिक गठबंधन की जड़ों तक जाना जरुरी है

भारतीय सेना अनुशासन में रहने के लिए विश्व भर में प्रसिद्द है और एयर लाइन्स [नागरिक उड्डयन ] में इंडिगो एयर लाइन्स को सस्ती और प्रॉफिट मेकिंग के लिए नंबर वन कहा जा रहा है मगर पिछले सप्ताह मणि पुर पोलिस ने सीमांत[पल्लेल] गाँव के समीप से 20 करोड़ की ड्रग्स के साथ कुछ ड्रग्स तस्करों को भी पकड़ा ।दुर्भाग्य से इनमे से एक भारतीय सेना में कर्नल रैंक के अजय चौधरी और इंडिगो एयर लाइन्स के सहायक प्रबंधक ब्रिजेन्द्र सिंह भी पकडे गए हैं।सेना ने अपनी साख बचाने के लिए कार्यवाही के आदेश भी दे दिए हैं। Law , no doubt, will take its own course लेकिन प्रॉफिट मेकिंग एयर लाइन्स इंडिगो की तरफ से कोई ब्यान या स्टेटमेंट या स्पष्टिकरण ही नहीं दिया गया है।सिविल एविएशन मंत्रालय भी किंकर्तव्य विमुड दिख रहा है।यह बार्डर पर घटी एक सामान्य तस्करी के घटना नहीं है वरन राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी है | एक कर्नल की अशांत छेत्र में चार साल से पोस्टिंग और एक निजी एयर लाइन्स के एसिस्टेंट मैनेजर का यह अपराधिक गठबंधन की जांच निश्चित समय सीमा में पूर्ण की जानी चाहिए इसके लिए सेना को महज़ छेत्रिय पोलिस के भरोसे जांच को छोड़ कर अपनी जिम्मेदारी से बचने के बजाय स्वयम इसकी जड़ों तक जाने की जरूरत है|