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संसद में ऍफ़ डी आई पर नियम १८४ के अंतर्गत चर्चा जारी

भारतीय संसद में आज मंगलवार को ऍफ़ डी आई पर नियम १८४ के अंतर्गत चर्चा जारी है|इस पर वोटिंग कल होगी | विपक्ष की नेत्री सुषमा स्वराज ने अपनी बहस के दौरान तीन बार पानी पीकर , जहाँ तीखे तेवरों में, अनेकों आंकड़ों के साथ ,सरकार की ऍफ़ डी आई नीति को विकास की सीढ़ी नहीं बल्कि विनाश का गड्ढा बताया तो कांग्रेस के कपिल सिब्बल ने उसी तेवर में विपक्ष के दावों का खंडन करने के लिए अनेको आकडे प्रस्तुत करके अपनी नेत्री श्रीमती सोनिया गांधी और प्रधान मंत्री के चेहरे पर मुस्कान ला दी मगर सपा के मुलायम सिंह यादव ने अपने संक्षिप्त संबोधन में ऍफ़ डी आई का विरोध करके सत्ता पक्ष की इस मुस्कान को गायब कर दिया|

विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज

संसद में ऍफ़ डी आई पर नियम १८४ के अंतर्गत चर्चा जारी


ने कहा कि विदेशी किराना का फैसला सरकार वापस ले। उन्होंने कहा कि” मैं आपको वोट के जरिए हराकर नहीं बल्कि मना करके जीतना चाहती हूं क्योंकि यही देशहित में है”.| उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री अमीरों और विदेशी कंपनियों की लड़ाई लड़ रहे हैं. हर चौराहे पर जब विदेशी कंपनियों के किराना स्‍टोर खुलेंगे तब जाकर 40 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा|उन्होंने कहा ” मैं प्रधानमंत्री से गुजारिश करती हूं कि जब दुनिया में इसके विरोध में आवाज़ें उठ रहीं हैं तो फिर भारत में इसे लागू करने की कोई आवश्यकता नहीं है.” 2011 में भी इस फैसले का विरोध हुआ था। अमेरिका अपने यहां छोटे उद्योग को बढ़ावा दे रहा है. राष्ट्रपति ओबामा खुद ही शनिवार को छोटे दुकानों में शॉपिंग करने जाते हैं.|९०% फीसदी माल चीन से आएगा। एकाधिकारी बाजार उपभोक्ता के हित में नहीं है। प्रतियोगी बाजार उपभोक्ता के हित में होता है। यह विकास की सीढ़ी नहीं, विनाश का गड्ढा है।

उधर केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल

ने एफडीआई के फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि इससे देश में निवेश आएगा. ”कोई भी अगर एफडीआई में आना चाहता है तो उसको 100 मिलियन ड़ालर (10 करोड़ डॉलर) का निवेश करना पड़ेगा.”जिसमे से ५० करोड़ डालर्स स्थानीय विकास में लगाया जाएगा|
उन्होंने कहा कि यह कहना गलत है कि बड़ी कंपनियों को इससे बहुत फायदा पहुंचेगा. उन्होंने कहा कि चीन में जब 1992 को एफडीआई को इजाज़त दी गई तो व़ॉलमार्ट भी आया. ”लेकिन 2008 में वो पहली बार मुनाफे में आया तब तक वो घाटे में था.” इसके अलावा उन्होंने आंकड़े प्रस्तुतु करते हुए केवल १८ शहरों में ही वाल मार्ट के आने की संभावना जताई|और दिल्ली का उदहारण देते हुए बताया कि उनके चुनाव छेत्र चांदनी चौक में न तो जगह है और नाही खरीददार |ऐसे में यह कहना कि वाल मार्ट देश पर कब्जा कर लेगा, बेबुनियाद है|

मुलायम सिंह यादव

ने ऍफ़ डी आई का विरोध करते हुए कोका कोला और पेप्सी का उदहारण दिया और इसे किसान और छोटे व्यापारियों के विरोध में बताया |उन्होंने पार्टी लाईन से ऊपर उठ कर देश हित में ऍफ़ डी आई को वापिस ले लिए जाने की मांग की
इससे पहले बीजेपी के नेता यशवंत सिन्हा ने मांग की थी कि फेमा के लिए संसद में अलग से चर्चा और वोटिंग की जाए.लेकिन समान विषय होने के कारण अध्यक्षा महोदया ने इसकी इजाजत नहीं दी

Comments

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