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Archive for: May 2013

रालोद ने लोक सभा चुनावों की तैय्यारी शुरू करके प. उ. प्र. की इकाई भंग की :सत्य वीर त्यागी को कमान सौंपी

राष्ट्रीय लोक दल [रालोद]ने २०१४ में होने वाले लोक सभा चुनावों की तैय्यारियाँ शुरू कर दी हैं इसकी कड़ी में आज पार्टी की पश्चिमी उत्तर प्रदेश शाखा को भंग कर दिया गया है|पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सत्यवीर त्यागी को पश्चिमी उत्तर प्रदेश की कमान सौंपी गई है|
रालोद के प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान ने आज बताया के मुंशी राम पाल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है और उनके स्थान पर सत्य वीर त्यागी को प्.उ.प्र. का अध्यक्ष बनाया गया है|
इस बदलाव के कारण पूछे जाने पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने बताया के पश्चिमी उत्तर प्रदेश में टीम को सदस्यता अभियान चलने के निर्देश दिए गए थे इस राष्ट्रीय न्रेत्तव के आदेश के प्रति प. उ. प्र. की इकाई ने कोई विशेष रूचि नही ली यहाँ तक के पा. उ. प्र. प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व सांसद श्री पाल स्वयम भी सदस्यता फ़ार्म नही भर पाए| इसी शिथिलता के चलते उन्हें हठा कर श्री त्यागी को प. उ. प्र.की कमान सौंपी गई है|शेष पदाधिकारियों की घोषणा अगले माह तक किये जाने की संभावना है|
प्रदेश अध्यक्ष ने बेशक इस बदलाव के लिए सदस्यता अभियान में शिथिलता को एक कारण बताया है लेकिन सूत्रों की माने तो लोक सभा के चुनावों के मध्यनज़र पार्टी के ढीले पुर्जे बदलने की कवायद शुरू हो गई है|
गौरतलब है के पिछले चुनावों में पार्टी ने पांच सीटों पर चुनाव जीते थे और वर्तमान में उनमे से केवल तीन सांसद ही पार्टी के झंडे के साथ हैं|और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह केंद्र सरकार में भरी भरकम सिविल एविएशन मंत्रालय में मंत्री हैं|

पोलिटिकली+कल्चरली सेंसरशिप स्वीकार्य है : सीधे एल के अडवाणी के ब्लाग से

एन डी ऐ इन वेटिंग और वरिष्ठ पत्रकार लाल कृषण अडवाणी ने अपने नवीनतम ब्लॉग के पश्च्य लेख[ TAILPIECE ] के माध्यम से इन्टरनेट के माध्यम से व्यक्त किये जा रहे विचारों पर लगाई जा रही सेंसरशिप का उल्लेख किया है | उन्होंने सी आई ऐ [CIA ]के पूर्व निदेशक MichaelHayden के हवाले से पोलिटिकली+कल्चरली [ POLITICALLY AND CULTURALLY ] सेंसरशिप को बेहतर बताया है| श्री आडवाणी ने माइकल हेडेन [ MichaelHayden ] की पुस्तक के हवाले से विश्व में तीन प्रकार की सेंसरशिप का उल्लेख किया है|
[१]

खुल्लमखुल्ला

सेंसर शिप के लिए दबंग चाइना का ज्वलंत उदहारण दिया जा सकता है| चाइना में फेस बुक+ट्विटर+टुम्बिर आदि सोशल साईट्स को थियमनन चौक कांड के बाद [ Tianenmen Square ] सरकार द्वारा खुल्लम खुल्ला बैन कर दिया गया| दलाई लामा के तिब्बत आन्दोलन पर चर्चा पर पूर्णतया पाबंदी है|
[२]

शर्मनाक भेड़ छननी

[ SHEEPISH:Filter ]इसके सपोर्ट में टर्किश सरकार का उदहारण दिया गया है| टर्किश सरकार स्वयम को इंटरनेट यूसर्स के साथ असहज मानती है| बेशक यहाँ चीन की तरह खुल्लम खुल्ला दबंगई नही है फिर भी सूचना या चेतावनी दिए बगैर ही लगभग ८००० वेबसाइट ब्लाक कर दी गई है|
[३]

पोलिटिकली+कल्चरली स्वीकार्य

[POLITICALLY AND CULTURALLY ]इस फ़िल्टर को सबसे भिन्न बताया गया है| इसके लिए साउथ कोरिया+ जर्मनी + मलेशिया के उधारण हैं| यह सेंसर शिप चुनिन्दा और कानूनन कुछ स्पेशल केसों पर ही लागू होती है| जिसे छुपाया नहीं जाता +जबरदस्ती थोपा नही जाता+चोरी छुपे लागू नहीं किया जाता| हेडेन की पुस्तक में इस तरीके की सेंसरशिप की कामना की गई है|
सर्व विदित है के भारत में इमरजेंसी के कारण श्री आडवाणी आदि राजनीतिज्ञों ने जेलों में कष्ट सहे थे|और उस उत्पीडन से उबरने के लिए जनता पार्टी का गठन किया गया था| अब फिर से देश में सोशल मीडिया पर पाबन्दी लगाने के लिए प्रयास शुरू हो गए हैं ऐसे में यह लेख आई ओपनर हो सकता है|

जेंटल मैन के गेम आइ पी एल में फिक्सिंग की जांच होने तक श्रीनिवासन को आफिस से बाहर बैठाना सभ्यता की निशानी होगी

भारत में कर्णधारों द्वारा एक विशेष धर्म का पालन बड़े धर्म से किया जाता है और वोह धर्म है विपक्षी के परिवारजनों के सभी नैतिक अनैतिक कार्यों पर मौन धारण करना | इस राष्ट्रीय धर्म का पालन क्रिकेट जैसे राष्ट्रीय खेल में भी किया जा रहा है| इस खेल में छोटे मोटे आरोपियों को लोहे की सलाखों के पीछे रखने के लिए दिन रात पसीना बहाया जा रहा है लेकिन क्रिकेट के कर्णधारों के परिवार जनो के प्रति मौन धर्म का पालन पूरे धर्म से किया जा रहा है|
स्पॉट फिक्सिंग की जांच अब केवल तीन खिलाड़ियों तक ही सिमित नही रही इसकी आंच बड़े लोगों तक पहुँचने लगी है|भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की पत्नी श्रीमति साक्षी धोनी और बी सी सी आई के टाप बॉस श्रीनिवासन के दामाद एम् गुरुनाथ का नाम भी आरोपियों में आने लगा है| गुरुनाथ स्वयम आई पी एल की टीम के फ्रेंचाइसी[C S K] हैं और उनके लिंक फिक्सिंग के आरोपियों से जुड़ रहे हैं|
श्री मति धोनी को एक मैच में एक आरोपी बिंदू दारा सिंह के साथ मैच में ठहाके लगाते देखा गया |उस मैच में धोनी के हाफ सेंचुअरी बनाने के बावजूद भी दूसरी टीम जीत गई| इसके अलावा स्वयम बिंदू ने अपने संबंधों को आई पी एल की एक टीम के मालिक मय्यपन गुरुनाथ [फ्रेंचाईसी] के साथ स्वीकार कर लिया है यह फ़्रेञ्चाईसी बी सी सी आई के चेयर मैन एन श्रीनिवासन का दामाद है|
दिल्ली +मुम्बई की पोलिस आये दिन एक के बाद एक नए खुलासे करके एक दूसरे पर स्कोर करने की कौशिश में हैं| कांग्रेस +भाजपा+एन सी पी आदि पार्टियों के राजनीतिक इस प्रकरण पर अफ़सोस जता रहे हैं मीडिया चिल्ला चिल्लाकर सबका ध्यान इस दिशा में ला रहा है | इस सब के बावजूद कोई श्रीनिवासन या एम् एस धोनी जैसों के विषय में बोलना भी गवारा नही कर रहा| पोलिस गुरुनाथ को आई पी सी की धारा १६० के अंतर्गत तत्काल पूछ ताछ तक के लिए अपने थाणे में नही बुला सकी|
कांग्रेस के संसदीय राज मंत्री राजीव शुक्ला[स्वयम भी पत्रकार ] की रटी रटाई स्टीरियो टाइप प्रतिक्रिया है कि कानून अपना काम कर रहा है|भाजपा कोटे के युवा नेता अनुराग ठाकुर तो किसी बात से अनभिज्ञता जाहिर करते फिर रहे हैं| भाजपा के राज्य सभा में नेता अरुण जेटली की क्रिकेट से बर्खास्तगी की मांग उठने लग गई है| इससे पूर्व पार्टी की लोक सभा में नेता श्री मति सुषमा स्वराज ने आइ पी एल पर प्रतिबन्ध लगाये जाने का विरोध जताया है|खेल से जुड़े एन सी पी के सुप्रीमो शरद पवार की चुप्पी टूटी नहीं है|टीम चयन के लिए जिम्मेदार के.श्रीकांत+ वरिष्ठ सुनील गवास्कर+कपिल देव आदि श्रीनिवासन के खिलाफ बोलने को तैयार नही दिख रहे है | पूर्व पी एम् अटल बिहारी वाजपई के दामाद से लेकर वर्तमान यूपी ऐ की अध्यक्षा के दामाद के केस में इसी धर्म का पालन किया जाता रहा है|अब क्रिकेट के चेयर मैन एन श्रीनिवासन के दामाद के केस में भी उसी लाईन को फॉलो किया जा रहा है|
देश और खेल के कर्णधारों का यह व्यवहार कहीं न कहीं इस धर्म का सन्देश जरुर देता है कि किसी के परिजनों पर अटैक नही करना चाहिए|
यहाँ यह कहना उचित ही होगा कि क्रिकेट कि सबसे बड़ी संस्था आई सी एल ने स्पॉट फिक्सिंग के मात्र आरोप के आधार पर पाकिस्तान के एम्पायर असद रऊफ को आगामी चैम्पियंस ट्रॉफ़ी क्रिकेट प्रतियोगिता से बाहर कर दिया है| लेकिन भारत में अपने प्रतिनिधि एन श्रीनिवासन को हटाने को तैयार नही है| अगर असद रऊफ़, की बर्खास्तगी खेल और प्रतियोगिता के हित में है और किसी भी जांच के नतीजे की प्रतीक्षा किये बगैर ही असद को हत्या जा सकता है तो एम् एस धोनी और एम् गुरुनाथ के विषय में कोई कार्यवाही नही की जा रही |यहाँ यह कहना अनुचित नही होगा के क्रिकेट को जेंटल मैन का गेम कहा जाता रहा है ऐसे में जेंटल मैन के नैतिक धर्म को कानून की पैचिदिगियों के नीचे नही दबाना चाहिए|इसीलिए आइ पी एल में वर्तमान फिक्सिंग की जांच होने तक एन श्रीनिवासन को आफिस से बाहर बैठाना सभ्यता की निशानी होगी|

केंद्र सरकार अपने रक्षा सचिव को कैग के बजाय अकाउंटेंट के रूप में इस्तेमाल कर सकता है ;जनहित याचिका

नए कैग की न्युक्ति को लेकर आर टी आई के बाद अब पी आई एल दाखिल कर दी गई है| राष्ट्रपति डा, प्रणव मुखर्जी ने देश के लेखानियंता[ Comptroller ]& [ AuditorGeneral ] के रूप में केंद्र सरकार के रक्षा सचिव शशिकांत शर्मा को शपथ दिला दी है लेकिन इसको चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय में गुरुवार को एक जनहित याचिका भी दायर कर दी गई।याचिका में कहा गया है कि वह खुद रक्षा सचिव के रूप में काम कर चुके हैं और हाल के दिनों में रक्षा सौदे में अनेकों घोटालों की बात सामने आई है। कहा गया है कि रक्षा विभाग के एक पक्षकार द्वारा किया जाने वाला लेखा आडिट निष्पक्ष कैसे हो सकता है|।इस जनहित याचिका की सुनवाई ग्रीष्मावकाश के बाद होने की प्रबल संभावना है।
उल्लेखनीय है कि श्री शर्मा ने आज ही सीएजी[ CAG ] के रूप में शपथ ली है। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। श्री शर्मा का कार्यकाल 24 सितंबर 2017 तक होगा। उन्होंने विनोद राय का स्थान लिया है जो कल सेवानिवृत्त हो गए। श्री शर्मा इससे पहले रक्षा सचिव थे।
आम आदमी पार्टी के प्रशांत भूषण ने भी यह आरोप लगाया है कि ‘शर्मा ने 2003 से 2010 तक रक्षा मंत्रालय में संयुक्त +अतिरिक्त सचिव के रूप में अलग-अलग पदों पर काम किया है । इसके बाद 2011 में रक्षा सचिव बने। इस दौरान लाखों-करोड़ों के रक्षा सौदे हुए।इन सौदों पर आपत्ति कि जा रही है और इनका आडिट किया जाना है|
1976 बैच के बिहार कैडर से आईएएस अफसर शशिकांत शर्मा जुलाई 2011 से रक्षा सचिव हैं। और फिलहाल सर्विस एक्सटेंशन पर हैं|यूनिवर्सिटी ऑफ यॉर्क से राजनीति विज्ञान में मास्टर डिग्री हासिल करने वाले हैं। रक्षा सचिव बनने से पहले वे वित्त मंत्रालय में सचिव (वित्त सेवाएं) थे। उसके पहले 2003 से 2010 के दौरान उन्होंने रक्षा मंत्रालय में ही संयुक्त सचिव, अतिरिक्त सचिव और महानिदेशक (खरीद) पदों पर भूमिका निभाई है।
कैग न्युक्ति की प्रक्रिया
इस न्युक्ति पर पहले भी आर टी आई के माध्यम से आपत्ति उठाई जा चुकी है|जिसके जवाब में केंद्र सरकार ने यह स्वीकार किया है कि कैग की न्युक्ति के लिए योग्यता का कोई माप दंड नही है|परम्परा को ही न्युक्ति का आधार बनाया गया है|बताया गया है कि
[१]कैग की नियुक्ति 6 साल या 65 वर्ष की आयु तक के लिए होती है।
[२]वित्त मंत्रालय के प्रस्ताव पर सरकार राष्ट्रपति को सिफारिश भेजती है।
[३]इसके लिए कोई औपचारिक व्यवस्था नहीं है। पुरानी परंपरा का ही पालन होता है।
[४]कैग के पद पर नियुक्ति के लिए योग्यता के संबंध में कोई शर्त नहीं है।
[५]इसके लिए कोई सलेक्शन कमेटी नहीं । सरकार जिसे चाहे उसे बना सकती है।

पशु कत्लगाहों के पुराने नासूर पर प्रशासन ने ध्वस्तीकरण का नश्तर चला कर कानून व्यवस्था को स्थापित किया

[मेरठ]] कमेले[SlaughterHouses ] के पुराने नासूर पर प्रशासन ने ध्वस्तीकरण का नश्तर चला कर कानून व्यवस्था को स्थापित किया|प्रदेश में नगर विकास मंत्री आज़म खान की सख्ती + अदालत की तत्परता +स्थानीय प्रशासन की यौजना और अधिकारियों की समर्पित भावना के फलस्वरूप शहर के एक अहम् हिस्से में कानून व्यवस्था को पुनः स्थापित करने के लिए सैकड़ों अवैध भट्टियों के साम्राज्य को ध्वस्त कर दिया गया |
हापुड़ रोड स्थित पुराने कमेले को यदपि घोसीपुर शिफ्ट किया जा चूका है लेकिन इसके मालिकों की हटधर्मी + सत्ता से नजदीकियों से पुराना कमेला बदस्तूर पशुओं की कत्ल गाह बना रहा यही नहीं मीत व्यापारियों द्वारा एक वर्ग विशेष में बगावत की चिंगारी भी सुलगाने के प्रयास शुरू हो गए| जिसके विरुद्ध आये दिन आवाज उठती रही है और मामले को कौर्ट में भी लेजाया गया|
अब चूंकि अदालत का फैसला इनके विरुद्ध आ चूका है इसीलिए विश्व प्रसिद्ध मेला नौचंदी के समाप्त होते ही पूरी सुरक्षा फ़ोर्स से और सबके सहयोग से पुराने कमेले पर कब्ज़ा अभियान चलाया गया जिसमे सफलता भी मिली|इस इलाके को एक तरह से पोलिस की छावनी में तब्दील कर दिया गया |आने जाने वाले रास्तों पर बैरिकेटिंग लगा दी गई| एक तरफ तो प्रशासन के [३] बुलडोजर[JCB]अवैध निर्माण ढहाने में लगा था तो दूसरी तरफ सैकड़ों सफाई कर्मी भी तत्परता से मलबा हटाने में जुटे रहे|
गौरतलब है के नगर निगम की भूमि पर मीत कारोबारियों की दबंगई से १२० मीट गौदाम के अलावा प्राईवेट जमीन पर लगभग पांच गुना गौदाम थे| जिन्हें अवैध घोषित किया जा चूका है|
बताते चलें के शहर में पशुओ की सडकों पर हत्या+चोरी और लूट की घटनाये बढने लगी हैं बताया जा रहा है के इस प्रकार के पशुओं को इन्ही कत्लगाहों पर लेजाकर बेचा जाता रहा है|अब इससे राहाह्त मिलने की आशा जताई जा रही है|[इसकी पुष्टि के लिए मीट व्यापारी से संपर्क नही हो पाया]

ओकलाहामा में आए बवंडर के पीड़ितों के इलाज और पुनर्वास के प्रयास शुरू ही गए हैं

ओकलाहामा में आए बवंडर के पीड़ितों के इलाज और पुनर्वास के प्रयास शुरू ही गए हैं

ओकलाहामा में आए बवंडर के पीड़ितों के इलाज और पुनर्वास के प्रयास शुरू ही गए हैं

अमेरिका के ओकलाहामा में आए जबर्दस्त बवंडर[ TORNADO] से हुई भारी तबाही से उभरने के लिए प्रयास शुरू हो गए हैं |पीड़ितों के इलाज और पुनर्वास के प्रयास किये जा रहे हैं|
इस वबंडर के कारण बड़ी बड़ी इमारतें मलबे में तब्दील हो गई हैं. सोमवार को दो मील चौड़े और 17 मील लम्बे बवंडर ने अधिकांश प्रांत को मलबे के ढेरों में तब्दील कर दिया है । सीएनएन ने भी इस बात की पुष्टि की है।इस तूफान से सबसे ज्यादा तबाही ५६००० की आबादी वाले मूर कस्बे में हुई है| इससे पहले यह कस्बा 1999 में और फिर चार वर्ष के बाद तूफान टि्वस्‍टर का शिकार हुआ था। घायलों की संख्या तीन डिजिट्स में पहुँच चुकी है|
सैकड़ों घर+ स्कूल + अस्पताल मलबे में तब्दील हो गए है और 260 घायलों में से भी 60 बच्चे बताये गए हैं। तूफान की चपेट में बच्चे इसलिए आए क्योंकि वे उस समय अपनी क्लासों में थे जब तूफान ने स्कूलों, इमारतों, अस्पतालों को अपनी चपेट में लिया।
सी एन एन +एनडब्लयूएस +के आर क्यू की ४ आदि एजेंसियों के अनुसार इस तूफान का रास्ता साढ़े सत्ताईस किलोमीटर का था और इसकी चौड़ाई करीब दो किलोमीटर से अधिक थी. इस चक्रवाती तूफान ने तबाही का सिलसिला 45 मिनट तक जारी रखा और करीब 56,000 लोगों को अपने चपेट में ले लिया. राहतकर्मियों ने 100 से ज्यादा लोगों को मलबे से निकाला वहीं मरने वालों की संख्या निरंतर बढती जा रही है \ 237 लोग इस घटना में घायल हुए. राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ओकलाहोमा में आए चक्रवाती तूफ़ान को एक बड़ी त्रासदी बताया है.| अमेरिकन रेड क्रॉस ने सहायता कार्यक्रमों के अलावा कुछ सुझाव भी दिए हैं इनमे बिजली और गैस पाईपों के टूटा होने की संभावना के मध्य नज़र सावधानी बरतने को कहा गया है|

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कांग्रेस के जश्न से यह तो साफ हो गया कि सोनिया और सिंह में कोई पंगा नही है


झल्ले दी झल्लियाँ गल्लां

एक आम आदमी पार्टी का परेशां नेता

ओये झाल्लेया ये कांग्रेस और भाजपा क्या आम जनता को भांभड भूसे में डाले जा रही है|ओये कांग्रेस अपनी नौंवी वर्षगाँठ पर जश्न मना रही है और नाकामी+ भ्रष्टाचार+शिथिलता के किस्सों को केमोफ्लेज करके अपनी कथित उपलब्धियों का ढोल पीट रही है दूसरी तरफ भाजपा ने कुछ किया नही और कांग्रेस को को गालियाँ निकाल कर ही सत्ता में आना चाह रही है| ओये देश की जनता को इन लोगों ने बेवकूफ समझ रखा है क्या?रोजगार में बढ़ोत्तरी+ मनरेगा के दैनिक भत्ता दोगुना करने+ खाद्य सब्सिडी में तीन गुना वृद्धि+ और सामाजिक क्षेत्र में बढ़ोत्तरी दिखाने वाले आंकड़े पेश किये जा रहे हैं ओये इनके पीछे छुपे घोटालों का कोई जिक्र नही है|भाजपा में प्रधान मंत्री के लिए घमासान मचा हुआ है ऐसे में देश हित में किसी तीसरी शक्ति को आना ही होगा |

झल्ला

ओ बू जी आज की रिपोर्ट कार्ड से दो बातें तो समझ में आई है कि यूं पी ऐ कि अध्यक्षा श्री मति सोनिया गाँधी और हसाडे सोणे ते मन मोहणे प्रधान मंत्री के बीच [१]कोई पंगा नही है [२]और कांग्रेस को मिला खाली ग्लास भरने के लिए अभी सत्ता का एक और कार्यकाल चाहिए |जहाँ तक आप जी का सवाल है तो श्रीमान जी आप पेड के नीचे बैठ कर आम के टूट कर आपकी झोली में गिरने की फिराक में हैं|खैर उम्मीद पर दुनिया कायम है जी

दिल्ली की मुख्य मंत्री शीला दीक्षित से ग्यारह करोड़ रुपये वसूले जाएँ :लोकायुक्त मन मोहन सरीन की टेडी नज़र

निजी छवि को सुधारने के लिए छपवाए जा रहे विज्ञापनों में सरकारी धन के दुरूपयोग पर लोकायुक्त ने टेडी नज़र करते हुए दिल्ली कीमुख्य मंत्री शीला दीक्षित से ग्यारह करोड़ की रिकवरी की सिफारिश की है| लोकायुक्त जस्टिस मनमोहन सरीन ने बुधवार को विज्ञापनों में सरकारी धन के दुरुपयोग के मामले में राष्ट्रपति डा . प्रणव मुखर्जी से सिफारिश की है के दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को भविष्य में ऐसा न करने की ‘चेतावनी’ दी जाए और विज्ञापनों पर खर्च सरकारी 11 करोड़ रुपए वसूले जाएँ|आदेश में कहा गया है कि पूरे साल छपे विज्ञापनों में पूरा तारतम्य नजर आता है। लोकायुक्त ने अपने आदेश में कहा कि शीला दीक्षित ने न तो अपने ऊपर लगाए आरोपों को झूठा साबित करने की कोशिश की और न ही अभियान से संबंधित लेख के संबंध में यह सबूत पेश किए कि वह उनकी अनुमति के बगैर लिखा गया।
पिछले विधानसभा चुनाव वर्ष में विज्ञापनों पर 22 करोड़ 56 लाख रुपए खर्च किये गए थे इसका करीब 50 % रिकवर किये जाने की संतुति की गई है| इसे राजनीतिक फायदे के लिए खर्च किया बाते गया है| यह भी सुझाव दिया गया है कि यदि इस राशि को पर्याप्त न समझें तो राष्ट्रपति ज्यादा वसूलने का आदेश दें।
लोकायुक्त ने विज्ञापनों में सरकारी धन के इस्तेमाल को लेकर दिशानिर्देश बनाए जाने की भी सिफारिश की है
।’बदल रही है दिल्ली’,+ ‘परिवर्तन की डोर टूटे ना’,+ ‘डोन्ट स्टॉप क्लीन दिल्ली,+ ग्रीन दिल्ली’, आदि दर्जनों स्लोगन युक्त विज्ञापनों से शहर पटा हुआ दिखाई दे रहा था। इससे दिल्ली सरकार ने जनता के समक्ष सिर्फ अपनी पार्टी की बेहतर छवि बनाने के रूप में प्रयोग किया।77 पेज की मामले की सुनवाई व आदेश में उदय सहाय द्वारा लिखे गए लेख का उल्लेख करते बताया गया है कि मुख्यमंत्री ने एंटी इन्कम्बंसी फेक्टर को कम करने के लिए रणनीति तैयार की थी और उसके असर को कम करने के लिए इसे प्रचार अभियान में तब्दील किया।
भाजपा के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता की याचिका पर कराई जांच के आधार पर लोकायुक्त ने ७७ पेज के अपने आदेश में यह सिफारिश की है। गुप्ता ने आरोप लगाया था कि नवंबर २००८ के विधानसभा चुनाव में राजनीतिक फायदा पाने के लिए विज्ञापन अभियान में मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने अपने पद और सरकारी धन का दुरूपयोग किया। चुनाव के बाद जून, २००९ में एक अखबार में सूचना एवं प्रचार निदेशालय के निदेशक उदय सहाय के एक लेख को इस मामले का आधार बनाया गया, जिसमें यह बताया गया कि किस तरह सरकारी विज्ञापनों को रणनीति के तहत अभियान की तरह चलाया गया।

सुब्रमण्यम स्वामी ने आई पी एल में मंत्रियों की संलिप्तता का दावा करके सरकार की नौंवी वर्षगाँठ में खलल डाला

U P A Ministers Involvment In I P L Scams
संप्रग सरकार की नौंवी वर्षगाँठ के उत्सव में खलल डालते हुए जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रमण्यम स्वामी ने एक नए घोटाले की तरफ इशारा किया और क्रिकेट के आई पी एल में व्याप्त फिक्सिंग घोटाले में अनेको मंत्रियों की संलिप्तता का दावा किया है| स्वामी ने दावा किया है कि आइपीएल फिक्सिंग मामले में जल्द ही डा.मनमोहन सिंह सरकार के कुछ मंत्रियों के भी नाम सामने आएंगे। बुधवार को पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में हिस्सा लेने श्रीनगर आए पार्टी अध्यक्ष स्वामी ने कहा कि केंद्र सरकार के आशीर्वाद के बगैर कोई घोटाला नहीं हो सकता । उन्होंने पिछले घोटालों को गिनाते हुए कहा कि सरकार में बैठे लोग कोयला , +कॉमनवेल्थ खेल घोटाले में शामिल रहे और अब आइपीएल फिक्सिंग में भी शामिल हैं।आइपीएल में फिक्सिंग समेत जितने भी घोटाले सामने आए हैं, मौजूदा संप्रग सरकार उन सबमें शामिल रही है।
स्वामी ने कश्मीर समस्या को सुलझाने के लिए नई रणनीति के साथ प्रयास करने पर बल देते हुए कहा कि कश्मीर समस्या को पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु की देन है | इस मुद्दे पर भारत को पाकिस्तान के साथ बातचीत की कोई जरूरत नहीं है। कश्मीर भारत का एक अविभाज्य अंग है। कश्मीर समस्या भारत का अंदरूनी मामला है, अब केवल पाकिस्तान के कब्जे वाले गुलाम कश्मीर कश्मीर को वापस लेने के प्रयास किये जाने चाहियें|

दिल्ली मैं सत्ताधारी कांग्रेस के एक विधायक ने भ्रष्टाचार को उजागर करने पर “आप” को धमकाया

दिल्ली मैं सत्ताधारी कांग्रेस के एक विधायक ने आम आदमी पार्टी को धमकाया |आम आदमी पार्टी [आप] ने यह आरोप लगाते हुए बताया है कि
बवाना से कांग्रेसी विधायक सुरेंदर कुमार के गुर्गो ने ‘आप’ के एक कार्यकर्ता को जान से मारने की धमकी दी है| विधायक के कुछ खास समर्थको मैं से एक बिजेंदर सोलंकी, आम आदमी पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता भगवान् सोलंकी के निवास पर गए और उनकी माता जी को धमकाते हुए कहा कि अपने

बेटे से कहो चुप चाप बैठ जाये नहीं तो जान से मार देंगे.

इसके जवाब में आप के कार्यकर्ता ने विधायक को चेतावनी देते हुए कहा

सत्य की लडाई के लिए अगर जान भी जाये तो कोई गम नहीं पर हम पीछे नहीं हटेंगे.

पार्टी के पत्र आआकके अनुसार 19 मई को बवाना विधायक के घेराव के दौरान भगवान् सोलंकी ने विधायक के द्वारा अवैध कब्जाई जमीनों के बारे मैं खुलासा किया था. इसके बाद विधायक और उनके साथी खासे नाराज थे.|