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Archive for: June 2014

आंध्र प्रदेश गेल रिफायनरी की पाइप लाइन में आग से १४ की मौत :पी एम ने शोक व्यक्त किया, राहत राशि दी

नव गठित आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी जिले के नगरम गावं में गेल रिफायनरी की पाइप लाइन में आग लगने से १४ लोगों की मौत और १६ जख्मी हो गए हैं अनेकों मकान भी जल गए हैं | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मृतकों के लिए शोक व्‍यक्‍त किया और मृतकों के आश्रितों को २ लाख और गंभीर घायलों के लिए ५० हजार रुपयों की सहायता राशि की घोषणा की |यह राशि पेट्रोलियम मंत्रालय+राज्य द्वारा जारी राशि से अतिरिक्त होगी |
आग लगाने के कारणों की जांच के आदेश दे दिए गए हैं|
प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज सुबह आंध्रप्रदेश के गेल पाइपलाइन अग्निकांड में मृतकों के लिए शोक व्‍यक्‍त किया। उन्‍होंने पेट्रोलियम मंत्री, कैबिनेट सचिव और गेल के अध्‍यक्ष से बात की और उन्‍हें यह सुनिश्चित करने को कहा कि दुर्घटनास्‍थल पर राहत कार्य सुचारू रूप से चले।
प्रधानमंत्री का ट्वीट :
”मेरी सहानुभूति उन परिवारों के साथ है, जिनके सदस्‍य गेल पाइपलाइन अग्निकांड में अपनी जान गंवा बैठे हैं, घायल व्‍यक्तियों के लिए मेरी प्रार्थना।
मैंने पेट्रोलियम मंत्री, कैबिनेट सचिव और गेल के अध्‍यक्ष के साथ बात की है और उन्‍हें दुर्घटनास्‍थल पर राहतकार्य सुनिश्चित करने को कहा है।”

अखिलेश जी पेट्रोल डीजल पर उपकर से समाजवादी पेंशन देने के बजाय पैसे देकर अपनी फोटो छपवानी बंद करो

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

सपाई चीयर लीडर

ओये झल्लेया मुबारकां ओये इन भाजपाई+बसपाई+कांग्रेसियों ने हसाड़ी सरकार की साइकिल के टायर पंचर करने की लाख कोशिशें कर ली लेकिन हसाडे सोणे मुख्य मंत्री अखिलेश यादव ने विकास की रफ़्तार कम नहीं की है अब देख तमाम विरोधों के बावजूद समाजवादी पेंशन योजना को लागू कर दिया अब प्रदेश के ४० लाख परिवारों को ५००/= से ७५०/=तक का लाभ मिलेगा

झल्ला

पहलवान जी “लोक लुभावन”उन्मुक्त योजना से भी अगर आपकी”साइकिल”बची रह जाये तो गनीमत समझना क्योंकि अभी तक गरीबी की रेखा तो तय हुईनहीं और आप लोग चले हो गरीबी दूर करने |झल्लेविचारनुसार यदि आप लोग अख़बारों में पूरे पूरे पेज के महंगे विज्ञापनों में अपनी तस्वीर छपवाना बंद कर दें तो हजारों गावों में विकास के फोटो छपने लगेंगे |इसके लिए पेट्रोल डीजल पर वेट उपकर भी नहीं लगाना पढ़ेगा |बेशक लैपटॉप+हमारी बेटी उसका कल+पेंशन आदि की योजनाओं का बोझ उतार कर समाजवादी साइकिल की स्पीड बढ़ेगी लेकिन अखिलेश यादव जी पैसे देकर आप को अपनी फोटो छपवाने से परहेज भी करना होगा

नरेंद्र दामोदर दास मोदी ने जशोदा बेन नहीं मांगी १०० दिन का ओनली राजनीतिक हनीमून ही तो माँगा है

झल्ले दी झल्लियां गल्लाँ

कांग्रेसी चीयर लीडर

ओये झल्लेया देख तो ये ५६ इंच के सीने वाले भाजपाई नरेंद्र मोदी के सुशासन के सारे दावे एक ही महीने में ध्वस्त हो गए |अब कैसा तड़प कर अपने ब्लॉग में १०० दिन का हनीमून मांग रहा है|ओये दूर के ढोल सभी को सुहावने ही दीखते हैं नजदीक आते ही सारी गलतफहमियां दूर होजाती हैं

झल्ला

ओ मेरे चतुर सुजाणा नरेंद्र भाई दामोदर दास मोदी को अपनी पत्नी जशोदा बेन से १९६८ से अलग रखा जा रहा है इस पर अब मांगने पर भी राजनीतिक हनीमून और ओनली १०० दिन का हनीमून देने में भी आप लोग कांग्रेसियाये जा रहे हो | ६० महीने के जनादेश से सुशोभित सरकार का ओनली एक महीने में ही पोस्ट मार्टम करने लग गए,अब क्या बच्चे की जान ही ले लोगे?

नरेंद्र मोदी ने अपनी ३० दिन की सरकार के आलोचकों को ब्लॉग में जवाब दिया:राष्ट्रहित में प्रत्येक फैंसला

नरेंद्र मोदी ने १६ वी लोक सभा के लिए देश से ६० महीनो के लिए जनादेश माँगा था लेकिन मात्र एक महीने में ही मोदी सरकार की उपलब्धियों का पोस्ट मार्टम होने लग गया हैजिससे व्यथित १५वे प्रधानमंत्री मोदी ने ब्‍लॉग लिख कर अपने आलोचकों को जवाब देते हुए अपने प्रत्येक फैंसले को राष्ट्रहित में लिया गया फैंसला बताया है
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी सरकार का एक महीना पूरा होने के मौके पर एक ब्लॉग लिखा है। उन्होनें कहा कि लोगों का भरपूर प्यार और समर्थन मिला है जिससे उन्हें और कड़ी मेहनत करने की प्रेरणा मिली है।
उन्होंने कहा कि हर फैसला देश हित को ध्यान में रखकर लिया गया है।
प्रधानमंत्री ने लिखा है “26 जून मेरे लिए एक महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन लोगों की इच्छाएं पूरी करने की दिशा में हमारी यात्रा का एक माह पूरा हुआ है। इस दिन का एक और भी महत्व है। 1975 में मैं उस दौर का गवाह रहा हूं जिसने मुझे एक जीवंत लोकतंत्र के महत्व का पाठ पढ़ाया। 26 जून वह दिन था जब इमरजेंसी शुरू हुई थी, जिसे एक दिन पहले ही लागू किया गया था।
मोदी ने अपनी व्यथा व्यक्त करते हुए आलोचकों को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि पिछली सरकारों के 67 वर्षों के कार्यकाल की तुलना में उनकी सरकार का एक माह कुछ भी नहीं है। लेकिन पिछले माह में हमारी पूरी टीम ने लोगों की भलाई के लिए हर पल कार्य किया है। हमने जो भी निर्णय लिए वे पूरी तरह से राष्ट्रहित से अनुप्रेरित है।
श्री मोदी ने आशा व्यक्त करते हुए कहा “एक माह पूर्व जब हमने कार्यभार ग्रहण किया तो मेरी यह सोच थी कि इस स्थान पर मैं नया हूँ और कुछ लोगों की यह धारणा थी कि केन्द्र सरकार की कार्यप्रणाली की जटिलताओं को सीखने में मुझे एक साल अथवा दो साल लगेंगे। सौभाग्यवश, एक माह के बाद मुझे ऐसा नहीं लगता है। मेरा विश्वास और दृढ़संकल्प लगातार बढ़ता रहा और इसका श्रेय कुछ मैं अपने मंत्रालय के सहयोगियों के सामूहिक अनुभव और बुद्धिमत्ता को देता हूँ”

शौहर अगर बीबी को मानसिक पीड़ा पहुंचा कर अपमानित करता है तो यह भी घरेलु हिंसा है :नई रौशनी

[मेरठ]शोभित विश्वविद्यालय में चलाये जा रहे “नयी रौशनी” के प्रशिक्षण शिविर में अल्पसंख्यक महिलाओं को परिवार नियोजन और अपने अधिकारों की महत्वपूर्ण जानकारी दी गई | स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ विनीता त्यागी ने छोटा परिवार रखने के लिए सरकारी कार्यक्रमों का लाभ उठाने का आह्वाहन किया | डॉ विनीता त्यागी ने माँ का स्वास्थय ठीक रखने के लिए बच्चों के जन्म में अंतर रखने की सलाह दी| जन्मदर नियंत्रण के लिए रासायनिक व् हार्मोनल विधियों की जानकारी दी| उन्होंने कहा कि गर्भ निरोधक गोलियों व् यंत्र यूटेराइन डिवाइस, डेपो प्रोवीरा इंजेक्शन अनचाही संतान को रोकने हेतु ९९% कारगर उपाय है|
शोभित विश्वविद्यालय के लॉ विभाग के प्रवकता ज़ीनत परवीन ने अल्पसंख्यक महिलाओं को उनके मौलिक अधिकारों के प्रति जाग्रत किया| उन्होंने कहा कि अधिकारों के प्रति जागरूक रहना आवश्यक है| दैनिक जीवन में महिलाएं घरेलु हिंसा, शारीरिक हिंसा से ग्रसित हो, अगर कोई पुरुष उनको मानसिक पीड़ा पहुंचाता है अपमानित करता है वह भी घरेलु हिंसा की श्रेणी मैं आता है| घरेलु हिंसा की शिकायत महिलाएं मजिस्ट्रेट से कर सकती है| अनैतिक व्यापार के तहत महिलाओं को बंधक बनाना अपराध है|
“नयी रौशनी” के प्रशिक्षण शिविर में नेहा त्यागी, अनुराधा कुमारी, ज़ीनत, अंशु चौधरी ने बैंक में खाता खोलने, फिक्स डिपाजिट करने के फॉर्म भरने, तथा बैंक लोन लेने के तरीके, फायदे और नुकसान के बारे में जानकारी प्रतिभागियों को दी|
इसके अलावा विश्वविद्यालय में २५ जून २०१४ से बायोलॉजिकल संकाय द्वारा “समर सर्टिफिकेट कोर्स इन बायोइन्फरमेटिक्स” भी चलाया जा रहा है | इस कार्यक्रम के द्वारा प्रतिभागियों को जैव सूचना विज्ञानं में नवीन कोसहल विकसित करने हेतु प्रशिक्षण दिया जा रहा है| २९ जून २०१४ तक चलने वाले कोर्स के माध्यम से जैविक डेटाबेस, डी एन ए अनुक्रम का विश्लेषण, जीनोमिक्स डेटा विश्लेषण, प्रोटीन मॉडलिंग क्षेत्रों में प्रशिक्षणकी व्यवस्था है विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो आर पी अग्रवाल के अनुसार इस प्रकार के जैव सूचना विज्ञानं क्षेत्र में आने वाली क्रन्तिकारी परिवर्तनों से यह कार्यशाला प्रतिभागियों को अवगत कराएगी| कार्यक्रम के आयोजन में डॉ रेखा दीक्षित, डॉ जयानंद,डॉ ज्योति शर्मा, राशि अग्रवाल, आदित्य पुण्ढ़ीर, सौन्दरा राजन का विशेष योगदान रहा|

एयर पोर्ट अथॉरिटी ने एआई 410 उड़ान के दौरान सुरक्षा से किसी समझौते से इंकार किया

एयर पोर्ट अथॉरिटी ने एआई 410 उड़ान के दौरान सुरक्षा से किसी समझौते से इंकार करते हुए मीडिया के सेक्शन पर आरोप लगाया कि यह भ्रामक खबर सनसनी पैदा करने के लिए चलाई गई थी|
भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण[ AAI ] ने आज स्पष्ट किया है कि पटना से नई दिल्ली के एआई 410 उड़ान के दौरान सुरक्षा नियम या उड़ान सुरक्षा संबंधी नियम का उल्लंघन नहीं हुआ।
गौरतलब है कि बीते दिनों एयर इंडिया के 410 विमान के पटना से दिल्ली उड़ान के बारे में कुछ अखबारों में यह खबर आई थी कि यह विमान आकाश में क्षणभर में खतरनाक रूप से 5000 फीट नीचे आ गया था।
अधिकारीयों के अनुसार विमान पटना हवाई अड्डे से सवेरे 9 बजकर 37वें मिनट पर उड़ान भरकर वाराणसी तथा दिल्ली के नियंत्रण कक्ष के राडार जांच दायरे में था। विमान के पायलट + विमान के राडार डाटा से एआई 410 के नीचे आने की कोई रिपोर्ट नहीं मिली है|
एयर इंडिया के इस विमान को ३२००० फीट की ऊँचाई पर उड़ने की अनुमति थी।
बताया गया है कि भारतीय समय के अनुसार 9 बजकर 56 मिनट पर 33 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ान भर रहे तुर्की एयर लाइन का विमान टीएचवाई 70 के गुजरने के समय एआई 410 विमान को 34 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ान भरने की अनुमति मिली। स्वीट्जरलैंड का एक विमान एसडब्ल्यूआर-138 35 हजार फीट ऊंचाई पर उड़ान भरते हुए एआई 410 से गुजरा। इन एआई 410 और उपरोक्त दोनों विमानों की ऊंचाई में उर्ध्व रूप से 1000 फीट का अलगाव था। यह मानक उर्ध्व अलगाव होता है। इसलिए एयर इंडिया के विमान 410 और उपरोक्त दोनों विमानो के बीच सामान्य मानक को अपनाया गया। इसलिए किसी भी परिस्थिति में एयर इंडिया का 410 विमान नीचे नहीं आया। मालूम हो कि मीडिया के एक सेक्शन ने खबर दी थी कि विमान क्षणभर में 5000 फीट नीचे आ गया। चूंकि इस प्लेन में यूनियन एग्रीकल्चर मिनिस्टर राधा मोहन सिंह और पूर्व पोलिस महानिदेशक डी एन गौतम आदि भी थे इसीलिए इस खबर को सनसनी पैदा करने के लिए चलाई गई थी।

सस्ती+समयबद्ध और सुरक्षा के दावेवाली+इंडिगो एयरलाइन का एक और विमान दुर्घटना का शिकार:यात्री सुरक्षित

इंडिगो एयर लाइन का एक और यात्री विमान हवा में हादसे से दो चार हुआ | उड़ान में सवार सवा सौ यात्री सुरक्षित बताये गए हैं|
बजट एयर लाइन होने का दावा करने वाली “इंडिगो”एयर लाइन की सुरक्षा व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह लगाने की रफ़्तार कम नहीं हुई है| अब इसकी विंड शील्ड चटखने की घटना हुई है| बुधवार को इंडिगो एयर लाइन का एक और यात्री विमान हादसे का शिकार हुआ |”भाषा” के अनुसार उड़ान में सवार सभी १२५ यात्री सुरक्षित हैं| भुवनेश्वर से विशाखापत्तनम के लिए उड़ान भरने वाली इंडिगो की उड़ान में सवार 125 यात्री आज उस समय बाल बाल बच गये जब इसके कॉकपिट के विंडशील्ड में दरार पड़ गयी। हवाईअड्डे के अधिकारियों के अनुसार विमान को सुरक्षित उतार लिया गया और सभी यात्री महफूजबताये गए हैं|
ऐसा नहीं के सस्ती+सुरक्षित +समयबद्ध हवाई यात्रा कराने के बड़े बड़े ड्रम पीटने वाली इस इंडिगो एयर लाइन में यह पहला हादसा हुआ हो साल के प्रारम्भ में ही जिन तीन एयर लाइन्स को सुरक्षा से सम्बंधित निर्देशों का उल्‍लंघन करने के लिए दण्डित करते हुए दिल्‍ली से निर्धारित समय अवधि[ time slots ] को वापस लिया गया था उनमे से एक इंडिगो एयर लाइन भी थी |घने कोहरे के कारण दृश्‍यात्‍मकता बेहद कम होने के बावजूद उड़ान स्थगित नहीं की गई और यात्रियों के प्राणों को संकट में डाल कर उड़ाने भरी गई|
नागरिक विमानन महानिदेशालय[ DGCA ] ने दिल्‍ली से संचालित होने वाली इंडिगो के टाइम स्लॉट 6E-०२४ और 6E-३१६ को तत्‍काल प्रभाव से वापस ले लिया गया था ।मार्च के शुरूआती दूसरे सप्ताह में चंडीगढ़ से १४० यात्रियों के साथ मुम्बई आ रही इंडिगो एयर लाइन्स की फ्लाईट ६ ई ४३३ रनवे पर ही फिसल गई

महंगी “रसोई” में गैस कम खपेगी,ऐसे में मोदी भापा गैस के दाम बढ़ा कर राजनीतिक घाटे का सौदा क्यूँ करेगा

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

भाजपाई चीयर लीडर

ओये झल्लेया देखा हसाडे सोणे पी एम नरेंद्र मोदी की सरकार ने तीन महीने तक रसोई गैस+केरोसिन तेल के दाम नहीं बढ़ाने की घोषणा कर दी है| हम लोग पिछली यूं पी ऐ सरकार के झांसे में नहीं आने वाले |उन्होंने तो१० जनवरी को दाम बढ़ा कर मॉडल कोड आफ कंडक्ट के नाम पर हसाडे लिए पेंडिंग में डाल दिए थे | ओये खुश हो जा अब तो हसाड़ी CCEA ने भी कह दिया है कि रसोई गैस के दाम[ MMBTU] सितम्बर तक ४.२ $ ही रहेंगे|झल्ला

ओ मेरे सेठ जी कर दी न आपने व्यपारियों वाली बात| अरे फ़िलहाल महंगाई के कारण आम रसोई ठंडी चल रही हैं सो गैस की खपत भी कम होगी और ऐसे में गैस कंपनियों की आमदनी भी तो कम ही होगी | जाहिर है महंगी “रसोई” में गैस कम खपेगी, मोदी भापा तो ठहरा गुज्जू खुर्राट सो गैस के दाम बढ़ा कर राजनीतिक घाटे का सौदा क्यूँ करेगा |

जनाब गोपाल सुब्रमण्यम ने UPAशासन में जो न्याय मित्र बन कर चुपड़ी खाईं थी उनका दर्द तो अब NDAमें होना था

झल्ले दी झल्लियां गल्लां

कांग्रेसी चीयर लीडर

ओये झल्लेया ये मोदी सरकार तो अब न्यायधीशों की न्युक्ति में भी पंगा करने लग गई है ,लेकिन सभी एक जैसे “जी हजूर” नहीं होते|प्रमुख वकील न्याय प्रिय गोपाल सुब्रमण्यम ने तो सीधे सीधे नौ पेजों की चिट्ठी में लिख दिया है कि सुप्रीम कोर्ट में न्यायधीश की न्युक्ति उन्हें स्वीकार्य ही नहीं है |इस पर नए कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद को जवाब देते तो बन नहीं रहा उलटे सुब्रमण्यम पर सी बी आई को और छोड़ दिया है|

झल्ला

ओ मेरे चतुर सुजाण जी पुरानी कहावत है कि जिसने चुपड़ी खाई उसी के पेट में दर्द होता है |यूं पी ऐ सरकार को खुश करने के लिए गुजरात में सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले की तफ्तीश में जनाब सुब्रमण्यम साहब एमिकस क्यूरी[न्याय मित्र] की भूमिका में थे उस समय जनाब ने मोदी के खासुलखास अमित शाह के विरुद्ध सी बी आई जाँच करवाने के लिए पूरे कानून को ही उधेड़ डाला था| उस समय उन्हें ख़्याल भी नहीं आय होगा कि जिस यूं पी ऐ के आँगन में वोह राजनितिक कबड्डी खेल रहे हैं वोह आँगन बदल भी सकता है| अब चूँकि जिस आँगन के वोह एक्सपर्ट हैं वोह आँगन ही बदल गया तो नया आँगन कुछ समय तकउन्हें टेड़ा तो दिखेगा ही|

डॉ. हर्षवर्धन ने पूर्व के बयान पर स्पष्टीकरण देते हुए एड्स रोकथाम में कंडोम भूमिका कम आंकने से इंकार किया

डॉ. हर्षवर्धन ने अपने पूर्व के बयान पर स्पष्टीकरण देते हुए एड्स रोकथाम में कंडोम की भूमिका को कम आंकने से इंकार किया
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने 24 जून को न्यूयॉर्क टाइम्स को दिए साक्षात्कार में उनके बयान को मीडिया में तोड़-मरोड़कर पेश किए जाने पर निराशा व्यक्त की है।
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि भ्रम पैदा करने वाले शीर्षकों से यह छवि बनाने की कोशिश की गई है कि मुझे कंडोम की सफलता के बारे में गलतफहमी है या कंडोम को लेकर मेरे मन में कोई नैतिक समस्या है। यह तथ्य से परे है, क्योंकि पिछले दो दशकों से मैं सुरक्षित यौन संबंध की आवश्यकता पर जोर दे रहा हूं और कंडोम तथा अनुशासन के इस्तेमाल पर जोर दे रहा हूं। यह यूएनएआईडीएस के संयम-निष्ठावान बनें- कंडोम (Abstinence-Be Faithful-Condom- ABC) की लाइऩ पर है और इससे यूगांडा में बहुत सफलता मिली है। अब यह दुनिया के अनेक देशों के एड्स विरोधी अभियान का हिस्सा है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि उन्होंने पूरे देश में सुदृढ़, स्वैच्छिक रक्तदान प्रणाली की नींव रखी है और इससे दूषित रक्त से एचआईवी वायरस के संक्रमण पर रोक लगता है।अमरीका की सरकारी यात्रा पर गये डॉ. वर्षवर्धन ने कहा कि स्वयंसेवी संगठन का कोई भी अनुभवी कार्यकर्ता यह जानता है कि कंडोम इस्तेमाल करते हुए कभी कभार फट जाता है। इसीलिए सरकार को भारत में राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन या राज्य सरकारों के जरिए सुरक्षित यौन संबंध को समग्र मानने पर ध्यान देना चाहिए। इसमें जीवन साथी के प्रति निष्ठा की भूमिका को प्रमुखता से बताने पर जोर होना चाहिए।
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि उनके बयान को भारत में समलैंगिकता के अपराधिकरण से जोड़कर देखा गया, जबकि यह मामला स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के दायरे से बाहर है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि विवाह की संस्था को बचाए रखने की परम्परा प्रासंगिक सरकारी कानूनों से जुड़ी है। यहां तक कि तलाक संबंधी कानून भी मेल-मिलाप के प्रयासों पर जोर देता है और अंतिम विकल्प के तौर पर ही अलगाव का सुझाव देता है। पति-पत्नी को पूर्णता का अर्ध मानने की संस्कृति आधुनिक युग में भी बनाई रखी जानी चाहिए, क्योंकि आधुनिक समय में मूल्यों में गिरावट आ रही है।
“स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि एड्स की रोकथाम में वैवाहिक, ईमानदारी और निष्ठा की प्रमुखता के बारे में जानकारी देने वाला मेरा बयान न केवल सांस्कृतिक परामर्श है, बल्कि यह वैज्ञानिक भी है। स्वास्थ्य मंत्री के रुप में एड्स विरोधी सरकारी कार्यक्रमों के बारे में संचार रणनीति में इस साधारण संदेश को शामिल करने को मैं औचित्यपूर्ण मानता हूं।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कंडोम सुरक्षित यौन संबंध का वायदा करता है, लेकिन सर्वाधिक सुरक्षित यौन संबंध वफादार जीवन साथी के साथ ही होता है। बचाव इलाज से बेहतर है। ”