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Archive for: March 2021

काहे की होली? काहे की हमजोली ??जब दो गज की दूरी और मास्क भी जरूरी!

झल्लीगल्लां
भजपाईचेयरलीडर
ओए झल्लेया!रंगों के मस्त त्यौहार होली दियाँ लख लख मुबारकां।
ओए कल होलिका के दहन से बुराईओं का खात्मा हो चुका अब खुल के रंग बरसाओ।बरसाने से अयोध्या या फिर काशी नहाओ।
झल्ला

Holi

Holi

चतुर सेठ जी!हमारी काहे की होली??? काहे की होली? काहे की हमजोली ??जब दो गज की दूरी और मास्क भी जरूरी!
संग खड़ी हमजोली!फिर भी दो गज की दूरी ऊपर से मास्क भी जरूरी।हाँ तुम लोगों ने तो महाराष्ट्र के फार्म हाउस में एन सी पी वालों से होली मिलन कर ही लिया।बंगाल में ममता और आसाम में कांग्रेस के गाल बिना गुलाल के ही लाल कर लिए।
बुरा ना मानो
होली के हुलियारे बेचारे ,तुम्हारी कोरोना चेतावनियों के मारे
ढूंढ रहे रघुबीरा,लेकर सोने का बीड़ा,दिख नही रहा हुड़दंगी कन्हाई
किलस किलस गुलाल से कर रहे अपने ही दोनों गाल लाल
काहे की खुशियां ?काहे के रंग ?? होली हुई बदरंग

होली और शबेरात में घुस आई बुराईयों से निजात पाने को दुआ करें

झल्लीगल्लां
आमनागरिक

झल्ला

झल्ला

ओए झल्लेया!होली दियां लख लख वधाइयाँ!ओए आज एक साथ दो दो मुकद्दस ध्याड़े हैं!होली पर बुराईयों का अंत करने के लिए होलिका को जलाया जाता है तो गुनाह माफ करवाने के लिए अल्लाह की इबादत करते हुए शबे रात मनाने का चलन है।
झल्लाझल्ला खैर मुबारक जी!वाकई ये दोनों त्यौहार ईमानदारी से मनाए जाएं तो हसाडा भारत स्वर्ग बण जाए।दुर्भाग्य से होली पर रंग फैंकने में बदनीयत और आतिशबाजों के साथ स्टंट बाज समाज के दूसरे वर्गों में जो ख़ौफ़ पैदा करते है उससे त्यौहार के रंग फीके हो जाते हैं ।आओ इन बुराईयों से निजात पाने को दुआ करें

मोदीभापे !हमारे हाथ उठ रहे तुम्हारी तरफ मगर तुम्हारी नजर आसमान की और

#मोदीभापे
तुम्हारी आरज़ू है सितारा बन अमर हो जाने की ,नज़रें और हाथ आसमान की और रख छोड़े तुमने
तुम भी खेवनहार न बन सके हम पीड़ितों के ,हम डूबते जा रहे हैं मगर तुम्हें ही पुकारते आ रहे हैं
#कंपनसेशन/#रिहैबिलिटेशन क्लेम की सरकारी लूट
#PMOPG/E/2016/0125052

मोदीभापे !खाली थाली,नंगी छत,जनाज़ा गरीब का ही भारी क्यूँ लगता है

मोदीभापे
दिल के फफोले
देशप्रेम का ठीकरा हमेशा गरीब के ही सर् क्यूँ फूटता है
खाली थाली,नंगी छत,जनाज़ा इसका भारी क्यूँ लगता है
जेब मे दमड़ी नही,सर् पर छत नही,पीड़ित बेमिसाल है
देशप्रेम का फकत यही तो झंडाबरदार है
#कंपनसेशन/#रिहैबिलिटेशन क्लेम की सरकारी लूट
#PMOPG/E/2016/0125052

उद्धव बेचारा गृहमंत्री की लगाई आग से छुटकारा पाए तो अस्पतालों की सुध ले

झल्लीगल्लां
चिंतितमुम्बईकर
ओए झल्लेया!ये हसाडे महाराष्ट्र को किस भेड़े की भेड़ी नजर लग गई ?
देख तो सब तरफ आग ही आग। पुणे केंटोनमेंट के स्ट्रीट बाजार हो या फिर भांडुप के ड्रीम्समॉल सभी मे आग लग रही है।मॉल में बने सनराइज अस्पताल में तो 11 मरीज बेचारे जल कर मर गए।इससे पहले भी 10 बच्चे जल कर मर गए लेकिन आग से बचाव को कोई उपाय करने को तैयार नही।
बीएमसी के भ्र्ष्टाचार पर कोई नकेल नही ।हसाडे मुख्यमंत्री श्री उद्धव ठाकरे की तो किस्मत ही खराब है।देख तो जैसे तैसे जोड़तोड़ कर सीएम की कुर्सी मिली।इन्होंने कोरोनासुरों से युद्ध मे जनताभलाई खातिर मॉल तक मे अस्पताल खुलवा दिया मगर यहां भी आग लग गई।वाकई सही कहा गया है कि जब बुरा वक्त आता है तो ऊंट पर बैठने पर भी कुत्ता काट ही जाता है।अब सुबह सुबह प्रभादेवी इलाके के वीर सावरकर रोड पर अछी खासी खड़ी पांच मंजिला वाणिज्यिक इमारत में आग लग गई।
झल्ला
वाकई भाऊ !
अब बेचारा सीएम गृहमंत्री अनिल देशमुख टॉपकॉप परमवीर और सुपर कॉप सचिन वाज़े द्वारा सीएम की कुर्सी के नीचे लगाई आग को बुझा पाए तो बाजार और मॉल की सुध ले पायेगा

मोदीभापे!हमारे हमारे विचार सही है ,लक्ष्य ईमानदार है और प्रयास संवैधानिक हैं

#मोदीभापे
#दिलकेफफोले
मोदीभापे!हमारे हमारे विचार सही है ,लक्ष्य ईमानदार है और प्रयास संवैधानिक हैं
बालगंगाधरतिलक के अनुसार सफलता के लिए सही विचार+लक्ष्य ईमानदार और प्रयास संवैधानिक होने चाहिए
और हमारे हमारे विचार भी सही है ,लक्ष्य बेहद ईमानदार है और प्रयास पूर्णतया संवैधानिक हैं फिर भी हमे सात दशकों से न्यायोचित #कंपनसेशन/#रिहैबिलिटेशन क्लेम के लिए क्यूँ भटकना पड़ रहा है ???

मोदीभापे! तड़प का मल्हम नही हुक्मरां के हाथ दुनिया की फिक्र करने का दावा करते हैं

मुझ में जबतक मैं हूँ तभी तक तो मैं जिंदा हूँ
अपने ही जख्मों को रफू करने से नही फुरसत
तड़प का मल्हम नही वक्ती हुक्मरां के हाथ
दुनिया की फिक्र करने का दावा रोज करते हैं
#कंपनसेशन/#रिहैबिलिटेशन क्लेम की सरकारी लूट
#PMOPG/E/2016/0125052

पोलिटिकल होलिकाएँ जनता रूपी प्रह्लाद को फूंक कर बच निकलने में माहिर

झल्लीगल्लां
उत्सवप्रेमी
Holiओए झल्लेया!फाल्गुनी शुक्लपक्ष में हर तरफ होली की मस्ती छाई है।मन हुआ मृदंग ,कामदेव ठोक रहा ताल
हर तरफ मस्ती छाई है।ओए होलिका दहन की तैयारी कर लो। प्रह्लाद को बचाने के लिए होलिका को फूंकना जरूरी है।सुना है इस त्यौहार से वातावरण में बैक्टेरिया को समाप्त हो जाते हैं।ओए कोरोनासुरों का भी नाश हो जाना है

होली

होली

झल्ला आजकल तो गूलर+दार+पलाश+खैर+पीपल+शमी+दूबकी लकड़ी छोड़ो कुश भी नही नसीब होता।ये सभी देसी घी और उपलों संग जल कर बैकटीरिया नष्ट करते हैं।अब तो जो मिला उसी से ही ओपचारिकता निभा ली जाती है।वैसे विष्णु जी झूठ ना बुलवाएं।आजकल की होलिकाएँ भी राजनीति सीख गई हैं इन्हें जनता रूपी प्रह्लाद को फूंक कर बच निकलने में महारथ हासिल है

मोदीभापे! ना जाने किस को तूने हक दिया,ना जाने किस को वरदहस्त हासिल

#मोदीभापे
ना जाने किस को तूने हक दिया,ना जाने किस को तेरा वरदहस्त है हासिल
भव्य अट्टालिकाओं की भृष्ट प्रणाली में पिसता ये पीड़ित आज भी उदास है
#रिहैबिलिटेशन/#कंपनसेशन क्लेम की सरकारी लूट
#PMOPG/E/2016/0125052

सांसद राजेन्द्रअग्रवाल लोकसभा के प्रश्नकाल में प्रदूषित “कालिंदी” पर चूके

(नई दिल्ली) सांसद राजेन्द्रअग्रवाल लोकसभा में प्रश्नकाल में प्रदूषित कालिंदी पर निशाना लगाने से चुके
मेरठ से भजपा सांसद #राजेन्द्रअग्रवाल ने #लोकसभा मे कालिंदी नदी के शुद्धिकरण में हो रहे विलंभ पर सवाल उठाया लेकिन प्रश्नकाल के दौरान मूलप्रश्न यमुना नदी था सो जलशक्ति राज्य मंत्री रतन लाल कठेरिया ने इसका जवाब नही दिया।इस पर बागपत से भाजपा के ही सांसद डॉ सत्यपाल सिंह ने पुनः मंत्री को घेरते हुए बताया कि यमुना संग दूसरी नदियां भी यूपी से बहती हैं। और कालिंदी को गंगा की एक सहायक नदी बताते हुए बागपत में यमुना पर प्रस्तावित/लम्बित रिवर फ्रंट से जोड़ते हुए प्रश्न उठाया।इसके उत्तर में मंत्री ने बताया कि 2022 तक कालिंदी का प्रोजेक्ट पूर्ण हो जाएगा। मंत्री की इस नासमझी पर मंत्री के पीछे बैठे मेरठ के सांसद व्यंगात्मक रूप से हंसते दिखाई दिए।इस दृश्य से भाजपा में गुटबाजी के भी संकेत दृष्टिगोचर हुए।
मालूम हो कि कालिंदी मेरठ से बहती हुई गंगा में जाकर मिलती है
मेरठ से कालिंदी(काली) नदी होकर गुजरती है जो सहारनपुर से चलती है और आगे जा कर गंगा में मिल जाती है इसीलिए यह गंगा की सहायक नदी है और यह देश की सर्वाधिक प्रदूषित नदियों में से भी है जिसके किनारों पर बसे निकट ही मेरठ के ऐसे गावँ हैं जो विषाक्त हो गए हैं, पानी की दृष्टि से जिससे हेपेटाइटिस बी और कैंसर जैसेजानलेवा रोग हो रहे हैं। इसके पानी को शुद्ध करने के लिए मार्च 2018 में नमामि गंगे योजना मंजूर हुई थी, परंतु इसका कार्य इतने धीरे से चल रहा है की नदी अभी भी प्रदूषित है।
उत्तर प्रदेश में 12 नदियां प्रदूषित स्वीकारी जा चुकी है
Hindon, Kalinadi, Varuna, Yamuna, Gomti, Ganga, Ramganga, Betwa, Ghaghara, Rapti, Sai, Saryu