CGHS empanelled private hospitals Are Directed To Continue cashless /credit facilities to the eligible CGHS beneficiaries.It Is also ensured that Delay in payments in the last quarter of the financial year is due to budgetary constraints which is not a new phenomenon and the hospitals are aware of it.
Ministry of Health and Family Welfare ,In This Regards, has taken special steps and the pendency is likely to be cleared within a week.
In A Press Note, Ministry of Health and Family Welfare ,Has Stated That There have been reports in the Media that private hospitals on the panel of CGHS are denying credit facilities to the eligible CGHS beneficiaries for delay in settlement of hospitals bills. Lower package rates and inadmissible deductions etc. have also been reported to be the other reasons for withdrawal of agreed cashless /credit facilities.
In this regard, the CGHS beneficiaries are advised not to be guided by such misleading information. Delay in payments in the last quarter of the financial year due to budgetary constraints is not a new phenomenon and the hospitals are aware of it. Ministry of Health and Family Welfare has taken special steps and the pendency is likely to be cleared within a week.
CGHS has already invited bids for revision of package rates through a transparent tender process. The last date for submission of bids is 10th March, 2014. Measures have also been taken to streamline the payment related issues in the ensuing empanelment process.
The Ministry of Health and Family Welfare will ensure that the CGHS empanelled private hospitals continue to extend cashless /credit facilities to the eligible CGHS beneficiaries in compliance with the terms and conditions as laid down in the Memorandum of Agreement signed by them with CGHS. As per the information received by the Ministry, most of the private hospitals are continuing to extend the cashless facilities to the CGHS beneficiaries.
Category: Unrest Strikes
Pendency in Payments Will be cleared So Continue cashless facilities To CGHS Beneficiaries
औषधि महानियंत्रक और भारतीय दवाओं की क्वालिटी खराब बताने वाली खबरें गलत
भारत में बनी दवाओं की क्वालिटी को ख़राब बताने वाली ख़बरों का खंडन करते हुए भारत सरकार ने औषधि उद्योग को बदनाम करने की साजिश बताया है
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने उन खबरों को गलत बताया है तथ्यात्मक रूप से और जिनके अनुसार भारत में बनी दवाओं की क्वालिटी अच्छी नहीं होती।
भारत के स्वास्थ्य एवं और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में देश विदेश के प्रिंट मीडिया में हाल ही में छपी ये खबरें भारत के औषधि उद्योग और भारतीय राष्ट्रीय नियामक प्राधिकरण अर्थात भारत के औषधि महानियंत्रक को बदनाम करने की नीयत से फैलाई गई हैं। विज्ञप्ति के अनुसार भारत के औषधि महानियंत्रक ने 30 जनवरी 2014 को अपने इंटरव्यू में जो कुछ कहा था वह उसे संदर्भ से हट कर और सनसनीखेज बनाकर छापा गया है। औषधि एवं सौंदर्य प्रसाधन अधिनियम 1940 में ऐसे अनेक प्रावधान हैं जिनके जरिये दवाओं की गुणवत्ता, सुरक्षा और प्रभावशीलता सुनिश्चित की जा सकती है। असलियत यह है कि भारतीय औषधियां 205 से ज्यादा देशों में प्रचलित हैं। इनमें विकसित और विकासशील देश शामिल हैं।
विज्ञप्ति में बताया गया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक अंतर्राष्ट्रीय टीम ने 2013 में भारत के औषधि महानियंत्रक कार्यालय का निरीक्षण किया था और एलान किया था कि भारतीय राष्ट्रीय विनियामक प्राधिकरण टीकों के मापदंडों पर ठीक काम कर रहा है। भारतीय औषधियों ने दुनिया की मंडियों में अपनी जगह बना ली है और दुनिया के अनेक देशों को भारत से 15 अरब अमरीकी डॉलर के मूल्य की दवाएं निर्यात की जाती हैं। देश में कुल 360 औषधि निर्माण यूनिटें हैं जो अमरीका की फेडरल ड्रग अथॉरटी (एफडीए) से अनुमोदित हैं।
“AAP” Party Retaliated And Labeled Congress party With “Horse Traders Party”
While retaliating U P A Government Aam Aadmi Party has again Labeled Congress party A Horse Traders Party ‘It is said by aap party that on behalf of imaginary dissent in the aap party, Congress Lead U P A Govt.Imposed L G Rule in the state .
In response to the petition filed by the Aam Aadmi Party questioning imposition of President’s rule in Delhi, the Central Government has filed an affidavit in the Supreme Court. Explaining reasons for imposing President’s rule in Delhi, the government has said that there was a possibility of the BJP staking a claim to form the government. The UPA government has claimed in the affidavit that there was “dissent” in the Aam Aadmi Party and in view of this “dissent”, the possibility of the BJP staking claim to form the government could not be ruled out.
Party Spokesperson said that deposition by the UPA government in the Supreme Court is a clear admission by the Congress party that it is encouraging horse trading to help the BJP in forming government in Delhi by using illegal and unethical means.
Party has alleged t “It’s clear that after the Aam Aadmi Party government in Delhi registered an FIR against Mr. Mukesh Ambani, the BJP and Congress got together. Now, both the parties are working in coordination to crush the Aam Aadmi Party”
AAP Party has also linked yesterday’s episode at the entrance gate of B J P Party and repeated that BJP and Congress has also been exposed by the biased action of the Delhi Police in the violence unleashed by BJP workers yesterday. There is evidence to show that BJP workers started stone pelting and carried out an assault on Aam Aadmi Party workers carrying out a peaceful protest. The violence left 22 AAP workers severely injured. National spokesperson of the BJP, Shri Nalin Kohli is seen leading the attackers in the footage run by TV channels. Mr. Kohli also admitted on camera that he led what he called “the counter attack” on Aam Aadmi Party workers. Despite compelling evidence, the police chose to act against leaders and workers of the Aam Aadmi Party.
डॉ मन मोहन सिंह खुद ही धरना देने वाले चार मुख्य मंत्रियों के खिलाफ कहीं दरी न बिछा लें
झल्ले दी झल्लियां गल्लां
परेशां नागरिक
ओये झल्लेया ये मुख्य मंत्रियों ने क्या नया ष्टराग शुरू कर दिया पहले दिल्ली के अल्प कालीन मुख्य मंत्री अरविन्द केजरीवाल दिल्ली में खुद ही धरने पर बैठ गए इसके अलावा आंध्र प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमन्त्री एन किरण रेड्डी भी ओपन में कोप भवन बना चुके हैं | बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने बिहार में दरी बिछा दी और अब मध्य प्रदेश के मुख्य मंत्री शिवराज राज चौहान अपने मंत्रीमंडल के रत्नों के साथ भोपाल में उपवास +धरना देने जा रहे हैं यारा ऐसे कैसे देश चलेगा ?
झल्ला
भापा जी बेशक इन चरों मुख्य मंत्रियों के पास धरने पर बैठने के समर्थन में अपने अपने जायज कारण हैंलेकिन ये चारों कही न कहीं केंद्र में सत्ता रूड कांग्रेस से खफा हैं झल्लेविचारानुसारकही ऐसा न हो जाये कि प्रधान मंत्री डॉ मन मोहन सिंह इन चारों मुख्य मंत्रियों के खिलाफ धरने पर बैठ जाएँ और इस चुनावी बेला में गंगा नहा लें |
समाजवादी संक्रमण की ज्वलंत समस्या का हल तलाशने के लिए10 मार्च से इलाहाबाद में संगोष्ठी
समाजवादी संक्रमण की ज्वलंत समस्या के हल तलाशने के लिए संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है 10 मार्च से इलाहाबाद में आयोजित पांच दवसीय संगोष्ठी का आयोजन अरविन्द स्मृति न्यास द्वारा किया जा रहा है|
‘समाजवादी संक्रमण की समस्याएँ’ विषय पर 10 मार्च से इलाहाबाद में शुरू हो रही पाँच दिवसीय संगोष्ठी में विषयक प्रश्न पर गहन चर्चा होगी। संगोष्ठी में देश के विभिन्न हिस्सों के प्रसिद्ध विद्वानों, लेखकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ ही विदेशों से भी इस विषय से जुड़े अध्येता और कार्यकर्ता भागीदारी करेंगे।
विज्ञान परिषद सभागार, महर्षि दयानन्द मार्ग में 10 से 14 मार्च तक चलने वाली संगोष्ठी के आयोजक ‘अरविन्द स्मृति न्यास’ की मुख्य न्यासी मीनाक्षी ने बताया कि आज जहाँ पूँजीवादी व्यवस्था वैश्विक वित्तीय संकट में धंसती जा रही है वहीं पूरी दुनिया में लोग नये सिरे से इसके विकल्प के तौर पर समाजवाद को देख रहे हैं। दुनिया के अनेक देशों में हुए समाजवादी प्रयोगों की सफ़लताओं-विफलताओं पर विचार हो रहा है तथा इस विचारधारा के विभिन्न पहलुओं पर गहन मन्थन जारी है।
संगोष्ठी में जिन प्रमुख विषयों पर विचार-विमर्श किया जाएगा वे हैं[१]समाजवादी संक्रमण की समस्याओं पर चिन्तन की ऐतिहासिक विकास प्रक्रिया [२] मार्क्स-एंगेल्स से माओ त्से-तुङ तक[३] महान बहस और महान सर्वहारा सांस्कृतिक क्रान्ति का महत्व[४] बीसवीं सदी के महान समाजवादी प्रयोगों की सफ़लताओं और असफ़लताओं का नये सिरे से आलोचनात्मक मूल्यांकन।[५] सोवियत संघ और चीन में समाजवादी संक्रमण के प्रयोग और उनकी समस्याएँ।[६] पूँजीवादी पुर्नस्थापनाः विविध अवस्थितियों का आलोचनात्मक मूल्यांकन; [७]स्तालिन और उनके दौर के पुनर्मूल्यांकन का प्रश्न[८] सर्वहारा अधिनायकत्व की अवधारणा और इसके अमली रूप।[९] समाजवादी संक्रमण के दौरान हिरावल पार्टी, वर्ग और राज्यसत्ता के बीच के सम्बन्ध; क्यूबा, उत्तर कोरिया, वियतनाम, “बोलिवारियन विकल्प”,[१०]यूनान में सिरिज़ा के प्रयोग और नेपाल में हुए प्रयोगों का आलोचनात्मक मूल्यांकन; [११]समाजवादी संक्रमण के बारे में त्रात्सकीपंथी, विभिन्न अकादमिक मार्क्सवादी, नवमार्क्सवादी, और उत्तरमार्क्सवादी अवस्थितियों की आलोचना।
संगोष्ठी में इस विषय के विभिन्न आयामों पर कई महत्वपूर्ण आलेख प्रस्तुत किये जायेंगे। सोवियत संघ में समाजवादी प्रयोगों पर आह्वान पत्रिका के सम्पादक अभिनव सिन्हा, चीन में समाजवादी निर्माण, सांस्कृतिक क्रान्ति व माओवाद पर पंजाबी पत्रिका ‘प्रतिबद्ध’ के संपादक सुखविन्दर, स्तालिन और सोवियत समाजवाद पर लुधियाना के डा. अमृतपाल, ‘उत्तर-मार्क्सवादियों’ के कम्युनिज्म पर दिल्ली विश्वविद्यालय की शिवानी एवं बेबी कुमारी, क्यूबा, वेनेजुएला आदि के परिधिगत समाजवादी प्रयोगों पर दिल्ली विश्वविद्यालय के सनी सिंह एवं अरविन्द राठी, सोवियत एवं चीनी पार्टियों के बीच चली महान बहस पर गुड़गांव के राजकुमार, माओवाद एवं माओ विचारधारा के प्रश्न पर मुंबई के हर्ष ठाकोर पेपर प्रस्तुत करेंगे।
वेंडी डोनेगर की“आन हिन्दुज़्म”को वापिस लेने के लिए ‘शिक्षा बचाओ आन्दोलन समिति’ की चेतावनी
वेंडी डोनेगर की एक और पुस्तक “आन हिन्दुज़्म”पर रोककी मांग तेज होने लग गई है | शिक्षा बचाओ आन्दोलन समिति ने वेंडी डोनेगर की पुस्तक “आन हिन्दुज़्म”के प्रकाशक एल्फ बुक कंपनी को पुस्तक वापस लेने हेतु चेतावनी पत्र लिखा है|
शिक्षा बचाओ आन्दोलन समिति के राष्ट्रीय संयोजक दीनानाथ बत्रा ने कल “आन हिन्दुज़्म” के प्रकाशक एल्फ बुक कंपनी को पुस्तक वापस लेने हेतु चेतावनी पत्र लिखा. शिक्षा बचाओ आन्दोलन समिति द्वारा शिकागो यूनिवर्सिटी के सहायक प्रोफ़ेसर वेंडी डोनेगर की ‘आन हिन्दुज़्म’ पुस्तक को वापस लेने संबंधी फैसले लेने के लिए पुस्तक के प्रकाशक को 10 मार्च, 2014 तक का समय दिया गया है. समिति के मीडिया प्रभारी राजीव गुप्ता के अनुसार प्रकाशक से यह मांग की गई है कि
१] सभी बिक्री केन्द्रों से पुस्तक वापस मंगाकर इन्हें नष्ट करे.
२]पुस्तक की बिक्री बन्द करे.
३] पुस्तक फिर से प्रकाशित न करने का विश्वास दिलाए.
श्री गुप्ता ने मीडिया से कहा कि यदि निर्धारित समयावधि में एल्फा बुक कंपनी द्वारा हमारी मांगों को स्वीकार कर “लिखित” में नही दिया गया तो प्रकाशक के खिलाफ प्रजातांत्रिक ढंग से उचित कार्यवाही की जाएगी. साथ ही यदि आवश्यकता पडी तो न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया जाएगा.
गौरतलब है कि शिक्षा बचाओ आंदोलन समिति के सहसंयोजक अतुल कोठारी ने दिल्ली के प्रेस क्लब में मीडिया को बताया था कि मौखिक रूप से लेखिका वेंडी डोनेगर की इस पुस्तक को पेंगुईन प्रकाशक की तर्ज़ पर बाज़ार से वापस लेने के लिए तैयार हो गया है.
यूं पी मेट्रोमैन अखिलेश यादव जी घर के न मरते तो हमारी भी खाट लन्दन तक बिछती
झल्ले दी झल्लियां गल्लां
सपाई चीयर लीडर
ओये झल्लेया देखा हसाडे सोणे , मेट्रोमैन आफ यूं पी, यंगचीफ मिनिस्टर अखिलेश यादव का दांव|एक तरफ उन्होंने लखनऊ को २३ किलो मीटर लम्बी नॉर्थ साउथ कॉरिडोर मेट्रो ट्रेन का तोहफा दिया तो दूसरी तरफ भूतपूर्व हो चुकी बसपा सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कह दिया कि मायावती की सरकार में सरकारी खजाना पत्थरों पर नहीं लुटाया जाता तो अब तकयहाँ मेट्रोट्रेन दौडने लगती
झल्ला
अरे पहलवान जी पुराणी कहावत है कि
घर के न मरते तो हमारी खाट भी लन्दन तक बिछती
वैसे अमौसी से मुंशी पुलिआ तक चलने वाली इस मेट्रो ट्रेन का लाभ किसकी मौसी या मुंशी को मिलने वाला है???
द हिन्दू:एन अल्टरनेटिव हिस्ट्री वेंडी डोनेगर की विकृत मानसिकता का परिचायक ;सुब्रमणियम स्वामी
भाजपा के नेता सुब्रामणियम स्वामी ने पुस्तक ‘द हिन्दू : एन अल्टरनेटिव हिस्ट्री को विकृत इतिहास लेखन और इसकी लेखिका शिकागो विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर वेंडी डोनेगर को विकृत मानसिकता का परिचायक बताया
दिल्ली विश्वविद्यालय के स्टूडेंट यूनियन ला सेन्टर – 1 तथा संस्कृति द्वारा आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए डा. सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा कि ऐसा विकृत इतिहास लेखन लेखिका की विकृत मानसिकता का परिचायक है. |सभा को संबोधित करते हुए चेतावनी भरे अन्दाज़ में डा. स्वामी ने कहा कि यदि लेखिका वेंडी डोनेगर भारत में आती है और उन पर भारतीय दंड संहिता अंतर्गत मुकदमा चलाया जाय तो लेखिका को सारी उम्र जेल में बिताना पडेगा.
भारतीय संविधान तथा भारतीय दंड संहिता की धाराओं को पढकर बताते हुए कहा कि भारतीय दंड संहिता अंतर्गत लेखिका वेंडी डोनेगर के ऊपर एक नही कई मुकदमें दायर किया जा सकता है. |
भारत के मानचित्र में कश्मीर नही दिखाना भारतीय संविधान के विरुद्ध है. संविधान में मौलिक अधिकार संबंधी भाग में जो स्वतंत्रता के अधिकार दिए गए हैं इसमें व्यक्ति के विचारों की अभिव्यक्ति प्रमुख है. लेकिन संविधान में जितने मौलिक अधिकार दिए गए हैं, उनमे से कोई भी अधिकार ‘असीमित’ नही है. सभी अधिकारों पर कुछ न कुछ सीमाएँ हैं. इस अवसर पर डा. सुब्रह्मण्यम स्वामी ने शिक्षा बचाओ आन्दोलन समिति के मीडिया विभाग द्वारा लिखित एक पुस्तक “सफलता की कहानी” का विमोचन किया.
ध्यातव्य है कि 10 फरवरी 2014 को दीनानाथ बत्रा तथा अन्य और पेगुइन पब्लिसर्स के मध्य में सिविल सूट नं. 360/2011 के मध्य अनुबंध हुआ है जिसमें पेगुइन बुक इंडिया प्राईवेट लिमिटेड ने तत्काल प्रभाव से ‘द हिन्दू : एन अल्टरनेटिव हिस्ट्री’ की पुस्तक को तत्काल वापस ले लिया था तथा पकाशक पेंगुईन द्वारा अपने खर्च पर सम्पूर्ण पुस्तकें देश से एकत्रित करा ली जाएगी और उनको नष्ट कर दिया जाएगा. यह पुस्तक पुनः से प्रकाशित नहीं होगी. पुस्तक में हिन्दु देवी-देवताओं का अपमान, क्रान्तिकारियों तथा इतिहास को विकृत रूप से प्रस्तुत करने के परिणामस्वरूप यह मुकदमा अतिरिक्त जिला न्यायाधीश साकेत की अदालत में केस दर्ज किया गया था.
शिक्षा बचाओ आन्दोलन समिति के संयोजक दीनानाथ बत्रा ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि इस प्रकार की आपत्तिजनक पुस्तकों से भारत पर ‘बौद्धिक आक्रमण’ के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि धूमिल की जा रही है, जो कि असहनीय है. हम इस प्रकार के बौद्धिक-आक्रमण का जवाब देने के लिए प्रतिबद्ध है.
शिक्षा बचाओ आन्दोलन समिति के सह संयोजक अतुल कोठारी ने कहा कि लेखिका वेंडी डोनेगर की पुस्तक ‘द हिन्दू : एन अल्टरनेटिव हिस्ट्री’ को अब सन्दर्भ के रूप में उपयोग नही किया जा सकेगा. यह बहुत बडी बात है. देश के नौजवानों को इस प्रकार के बौद्धिक – आक्रमण के खिलाफ आगे आना चाहिए.
शिक्षा बचाओ आन्दोलन समिति के मीडिया प्रभारी राजीव गुप्ता ने मीडिया को बताया कि व्यक्ति की स्वतंत्रता वहीं खत्म हो जाती है, जहाँ से दूसरे की नाक शुरू होती है. अत: हमें यह दूसरे के अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को ध्यान में रखकर ही आचरण करना चाहिए.
दिल्ली विश्वविद्यालय के स्टूडेंट यूनियन ला सेन्टर – 1 तथा संस्कृति द्वारा आयोजित संगोष्ठी में विधि संकाय के डीन डा. अश्वनी बंसल तथा दिल्ली विश्वविद्यालय संस्कृति प्रमुख सौरभ समेत लगभग 300 विद्यार्थियों से ने भाग लिया.
सरकार को वोट और चुनावों से पहले जाटों को नौकरियां मिलें तो मान लेंगे कि जाटों को आरक्षण मिल गया
झल्ले दी झल्लियां गल्लां
रालोदाईचीयर लीडर
ओये झल्लेया मुबारकां ओये आज तो दीवाली+दशहरा +होली+ईद सभी त्यौहार एक साथ मनाने का दिल कर रहा है ओये हसाडे छोटे चौधरी अजित सिंह की मेहनत रंग ले ही आई हुन ते हसाडे पिछड़े जाट समाज को भी ओ बी सी की लिस्ट में शामिल कर लिया जायेगा अब तो [१]उत्तर प्रदेश[२] हरियाणा[३] हिमाचल प्रदेश,[४]मध्य प्रदेश[५] गुजरात,[६]उत्तराखंड [७]राजस्थान[८]दिल्ली[9] बिहार[१०] पंजाब , में जाटों की हो जाणी है बल्ले बल्ले
झल्ला
अरे म्हारे भोले चौधरी यूं डॉ मन मोहन सिंह की अध्यक्षता वाली केबिनेट ने काम तो वाकई बधाई का ही कर दिया है लेकिन एक पुरानी कहावत के मध्यनजर इस रिजर्वेशन के बाद अगर नौकरियां मिलें तो “झल्ला”अपने आप भंगड़ा डालने लगेगा वैसे झल्लेविचारानुसार रालोद+कांग्रेस को वोट और चुनावों से पहले ओनली चौधरी अजित सिंह के कब्जे वाले मंत्रालय में ही जाटों को नौकरियां मिलें तब भी मान लेंगे
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