Ad

Category: Unrest Strikes

१९८४ के सिख कत्लेआम के पीड़ित परिवारों ने आज परमजीत सिंह सरना के निवास के बाहर प्रदर्शन किया और पुतला फूँका

जस्टिस फार विक्टिम्स की प्रमुख बीबी निरप्रीत कौर ने आज १९८४ के सिख कत्लेआम के पीड़ित परिवारों के साथ दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना के निवास के बाहर धरना +प्रदर्शन किया और सरना का पुतला फूँका|

 १९८४ के सिख कत्लेआम के पीड़ित परिवारों ने आज परमजीत सिंह सरना के निवास के बाहर प्रदर्शन किया और पुतला फूँका

१९८४ के सिख कत्लेआम के पीड़ित परिवारों ने आज परमजीत सिंह सरना के निवास के बाहर प्रदर्शन किया और पुतला फूँका

पंजाबी बाग़ रिंग रोड पर सरना का पुतला फूंकते समय ट्रेफिक जाम की स्थिति रही|इस अवसर पर बीबी निरप्रीत कौर ने कहा कि १९८४ में सिखों ने संताप झेला है इसका न्याय नहीं मिला है २९ साल बाद इसके जख्म आज भी ज़िंदा हैं| उन्होंने बताया कि न्याय तो दूर रहा पीड़ितों की यादगार बनाने के लिए दिल्ली कि सरकार ने जमीन तक देने से इनकार का दिया|इस कारण अब गुरुद्वारा रकाब गंज परिसर में मेमोरियल बनाने का निर्णय लिया गया है तो पूर्व अध्यक्ष सरना अपने राजनीतिक फायदे के लिए ना केवल इसका विरोध कर रहे हैं वरन कांग्रेस सरकार के इशारों पर उच्च नयायालय में गलत हलफ नाम तक डाल रहे हैं| सरना ने कहा है कि १९८४ के दंगों को सिख भूल चुके हैं और सिखों को शहीद का दर्जा नही दिया गया है|
इस पर प्रति प्रश्न उठाते हुए कौर ने पूछा है कि अगर १९८४ के कत्लेआम में मारे गए सिख शहीद नही थे तो क्या सरना के दामाद[पोंटी चड्डा] शहीद हैं जो सारी उम्र शराब का व्यवसाय करते रहे और पारिवारिक संपत्ति के विवाद में मारे गए|

परमजीत सिंह सरना को १९८४ सिख कत्लेआम यादगार का विरोध महंगा पड़ने लगा: पीड़ित सरना निवास के बाहर धरना देंगें

दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी[DSGMC ] के पूर्व चेयरमैन सरदार परमजीत सिंह सरना को गुरुद्वारा रकाब गंज में बनने वाले १९८४ सिख कत्लेआम यादगार के निर्माण का विरोध महंगा पड़ने लगा है| सिखों की सर्वोच्च न्यायलय श्री अकाल तख्त साहब ने दोष पत्र जारी करके सरना को तलब कर लिया है|इसके अलावा अब सुना जा रहा है कि १९८४ के दंगा पीड़ित सरना के घर का घेराव करने जा रहे हैं|
परमजीत सिंह सरना आज कल गुरुद्वारा श्री रकाब गंज साहब में बनने वाले १९८४ सिख कत्लेआम यादगार के निर्माण का विरोध कर रहे हैं उनके अनुसार गुरुद्वारापरिसरयह निर्माण नहीं होना चाहिए|इसके अलावा उन्होंने कोर्ट में भी हलफनामा देकर इस इन निर्माण को रुकवाने का प्रयास किया है|बताया जा रहा है कि हलफनामे में दी गई दलीलों से दंगा पीड़ितों कि भावनाओं को ठेस पहुंची है| प्राप्त जानकारी के अनुसार इसी का विरोध जताने के लिए सोमवार को दंगा पीड़ितों द्वारा सरना के निवास के बाहर धरना दिया जाएगा| | इससे पूर्व श्री अकाल तख्त साहब ने भी सरना को स्पष्टीकरण के लिए समन किया किया है|
जाहिर है धर्म में इस सियासत से परमजीत सिंह सरना के लिए मुश्किलें बढनी शुरू हो गई हैं|

सुशीला जसवंत राय स्पेशियलिटी अस्पताल में अग्नि शमन के इन्तेजाम नही : भीषण आग लगी

[मेरठ] अस्पतालों में मरीजों के जीवन के साथ किस कदर खिलवाड़ किया जा रहा है वोह आज सुशीला जसवंत राय स्पेशियलिटी अस्पताल में लगी आग से उजागर हो गया|| इस अस्पताल में पहले अनेकों बार स्टाफ +मेनेजमेंट का आपस में फिर मरीजों के साथ झगड़ा तो आम बात है अब सुरक्षा के नाम पर भी केवल खाना पूरी ही की गई है जिसके चलते मरीजों से भरे अस्पताल में आग लग गई| तीसरी मंजिल पर सीओटी [ COT ] में भीषण लगी आग पर फायर कर्मियों ने खिड़कियों के शीशे तोड़कर कड़ी मशक्कत के बाद काबू पाया। अस्पताल कर्मी मरीजों को छोड़कर अपनी ही जान बचाते नजर आए।
प्राप्त जानकारी के अनुसार अस्पताल के इस थियेटर के एसी में शार्ट सर्किट के चलते [बुधवार] सुबह साड़े दस बजे आग लग गई। लपटें देखकर मरीज+ तीमारदार + अस्पताल कर्मियों में अफरातफरी मच गई। लगभग ग्यारह बजे सूचना पाकर दमकल विभाग की गाड़ियां मौके पर पहुंचीं।
फायर कर्मियों ने आकर स्वयम भर्ती हार्ट सर्जरी के मरीजों को दूसरे कमरों में शिफ्ट कराया। बताया गया है की उस समय अस्पताल में १० से अधिक मरीज भर्ती थे| अग्निशमन सेवा विभाग के अनुसार शहर के इस नामी नर्सिंग होम में भी कोई इंतजाम नहीं है। बनावट भी ऐसी है कि आग लगने पर धुआं बाहर नहीं निकल सकता, जिससे मरीजों का दम घुट सकता है इसीलिए फायर कर्मियों को कमरे का शीशा तोड़ना पड़ा।

उ प्र.में बिजली संकट के लिए सपा ने बसपा के सर ठीकरा फौड़ा

उत्तर प्रदेश में बिजली के दामो को लेकर आये राजनीतिक उबाल के लिए सत्ता रुड समाज वादी पार्टी ने ठीकरा पूर्वर्ती सरकार बहुजन समाज वादी के सर पर फोड़ दिया है और पार्टी प्रवक्ता और राज्य में मंत्री राजेंद्र चौधरी ने २०१४ तक बिजली समस्या के स्थाई समाधान खोज निकालने का आश्वासन भी दिया है|
चौधरी राजेंद्र सिंह का कहना है कि पहली बी एस पी की सरकार ने महंगी दरों पर बिजली खरीदी और भुगतान नही किया जिसके फलस्वरूप २५००० करोड़ का कर्जा विरासत में मिला है|जिसका भुगतान इस सरकार करना पड़ रहा है| इसके अलावा कहीं से भी उत्पादन नही है | अब मजबूरन बिजली खरीदनी पड़ रही है लेकिन पुराना उधर चुकताये बगैर नया उधार नहीं मिलता |
बिजली की समस्या से निबटने के लिए राज्य सरकार ने २०१४ का लक्ष्य तय किया है|जिसके अंतर्गत बिजली खरीद बडाई जायेगी और उत्पादन के लिए नए कारखाने लगाए जायेंगे| उल्लेखनीय है कि उ. प्रदेश में 43% लीकेज को रोक पाने में असमर्थ प्रदेश सरकार ने ४५ % दरें बड़ा दिए हैं जिसे मुद्दा बना कर राजनीतिक दलों ने आन्दोलन छेड़ रखे हैं|भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ लक्ष्मी कान्त वाजपई ने बिजली के बिलों का भुगतान नहीं करने की चेतावनी दी है तो आम आदमी पार्टी[आप] ने २२ जून तक मुख्य मंत्री के निवास की बिजली काटने की धमकी दी है| इसके अलावा रालोद के प्रदेश अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान के न्रेतत्व में जिलों में विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है|

बिजली के दाम २२ जून तक कम नही किये तो आप पार्टी यूं पी के सी एम् के लखनऊ में निवास की बिजली काटेगी

आम आदमी पार्टी [आप]ने उत्तर प्रदेश में बिजली के मुद्दे में जान डालने के लिए २२ जून के पश्चात मुख्य मंत्री अखिलेश यादव के निवास की बिजली काटने की धमकी दी है| दिल्ली में सफलता के पश्चात उत्तर प्रदेश में भी बिजली के बिलों को मुद्दा बना कर ”आप” पार्टी ने ४ जून से प्रदेश भर में १५ दिन के लिए हस्ताक्षर अभियान शुरू किया है|इस बीच बिजली के बिलों में की गई बढोत्तरी को वापिस लेने के लिए यौजना बद्ध तरीके से दबाब बनाने की यौजना बनाई गई है| पार्टी प्रवक्ता उत्तर प्रदेश सचिव अंशुल श्रीवास्तव का दावा है के आज तक ४०००० हस्ताक्षर कराये जा चुके हैं|लेकिन इससे प्रभावित हुए बगैर ही प्रदेश सरकार ने बिजली के बड़े बिलों को लागू करने का मन बना लिया है जिसके जवाब में आप पार्टी ने चुनौती दी है के अगर २२ जून तक बिजली की बड़ी दरों को वापिस नही लिया गया तो लखनऊ के काली मार्ग स्थित सी एम् के निवास की बिजली काट दी जायेगी|
गौरतलब है के दिल्ली में बिजली के मुद्दे पर जनता से सीधे जुड़ कर लोक प्रियता प्राप्त करने के पश्चात अब उत्तर प्रदेश में भी वोही फार्मूला प्रयोग में लाया जा रहा है|दिल्ली की विधान सभा के चुनावों के पश्चात आप पार्टी की नज़र उत्तर प्रदेश की सभी ८० लोक सभा की सीटों पर भी हैं इसके अलावा दिल्ली की मुख्य मंत्री श्रीमती शीला दीक्षित आप पार्टी को उत्तर प्रदेश में बिजली के मुद्दे को उठाने के लिए उकसाती भी रहती हैं|इसके अलावा भाजपा ने भी प्रदेश में बिजली के बड़े बिलों को मुद्दा बना लिया है ऐसे में आप पार्टी के लिए लोक सभा के चुनावों तक मुद्दों को ज़िंदा रखना जरुरी है|
और प्रदेश में 43% लीकेज को रोक पाने में असमर्थ प्रदेश सरकार ने ४५ % दरें बड़ा कर एक मुद्दा आप के हाथों में बैठे बिठाए ही थमा दिया है|

उ.प्र.में बिजली की बड़ी दरों की वापिसी की लड़ाई को भाजपा अब निर्णायक मौड़ तक ले जायेगी : डॉ लक्ष्मी कान्त वाजपई

उत्तर प्रदेश में अब[दिल्ली के बाद] बिजली का मुद्दा जोर पकड़ता जा रहा है भाजपा ने बिजली की बड़ी दरों की वापिसी तक निर्णायक मौड़ तक लड़ाई की घोषणा कर दी है|यूं पी पी सी एल [ UPPCL] से राष्ट्रीय नियामक आयोग और अदालत तक जाने का निर्णय ले लिया गया है|
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ लक्ष्मी कान्त वाजपई ने आज अपनी रणनीति का खुलासा करते हुए बताया के प्रदेश में राहत नही मिलने पर राष्ट्रीय नियामक आयोग से अंतरिम रिलीफ की मांग की जायेगी यदि यहाँ भी न्याय नहीं मिला तो उच्च अदालत में स्टे के लिए अपील की जायेगी|
भाजपा अब बिजली के मुद्दे को निर्णायक मौड़ तक ले जायेगी| इसी बीच डॉ वाजपई ने प्रदेश के उपभोक्ताओं को सिविल नाफ़रमानी आन्दोलन छेड़ कर बिजली के बिलों का भुगतान नहीं करने का आह्वाहन किया है|
प्रदेश में बिजली के मुद्दे पर आप पार्टी के हस्ताक्षर अभियान पर पूछे जाने पर डॉ वाजपई ने कहा के बिजली के मुद्दे पर भाजपा से आगे कोई नही रह सकता|
गौरतलब है के समाजवादी सरकार की बिजली के बिलों में बढोत्तरी के निर्णय के खिलाफ भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मी कान्त वाजपई के न्रैतत्व में प्रदेश भर में आन्दोलन छेड़ा हुआ है पिछले दिनों पावर महानिदेशक ऐ पी मिश्रा का घेराव किया भी किया गया |

बिजली के मुद्दे को भाजपा द्वारा हाई जेक होता देख “आप” ने उत्तर प्रदेश में बिजली के बिलों के विरोध में फ्रंट खोल दिया है

आम आदमी पार्टी [आप]ने दिल्ली में सफलता के पश्चात अब उत्तर प्रदेश में भी बिजली के बिलों को मुद्दा बना लिया है|”आप” पार्टी ने ४ जून से प्रदेश भर में १५ दिन के लिए हस्ताक्षर अभियान शुरू कर दिया है|इस बीच बिजली के बिलों में की गई बढोत्तरी को वापिस लेने के लिए यौजना बद्ध तरीके से दबाब बनाया जाएगा जिलों में प्रदर्शन किये जायेंगे और लखनऊ के शक्ति भवन में एम् डी श्री मिश्रा के कार्यालय में भी धरना प्रदर्शन होगा|
आम आदमी पार्टी के उत्तर प्रदेश प्रभारी और पार्टी प्रवक्ता संजय सिंह ने बताया कि प्रदेश में 43% लीकेज को रोक पाने में असमर्थ सरकार ने ४५ % दरें बड़ा दी हैं यह आम जनता के साथ धोका है और इसका भरपूर विरोध किया जाएगा|इसके लिए महिलाओं+व्यापारी+किसान आदि की अलग अलग टुकड़ियों के माध्यम से विरोध प्रदर्शन होगा|श्री संजय सिंह ने प्रदेश की सरकारोंकी कार्यप्रणाली पर टिपण्णी करते हुए बताया कि बीते बीस सालों से बिजली का उत्पादन करने के स्थान पर केवल हाई वे +एक्सप्रेस वे बनाने पर ही जोर हे क्योंकि इसके माध्यम से भ्रष्टाचार करने का अवसर आसानी से मिल जाता हे|
आप पार्टी द्वारा दिल्ली में बिजली बिलों के विरोद्ध में चलाये गए सविनय अवज्ञा आन्दोलन में साडे दस लाख हस्ताक्षर कराये गए थे| इसी के दबाब में अब बिजली विभाग ने इस साल बिजली के दाम बढाने से इंकार कर दिया हे और लगातार आंदोलनों के दबाब में आकर लीकेज भी २०१२ में मात्र १५% रह गई हे|इस तर्ज़ पर चलते हुए भाजपा ने बीते सप्ताह प्रदेश में विरोध प्रदर्शन किया और बिजली के बिलों का भुगतान नहीं करने का अहवाह्न किया |अपने मुद्दे को भाजपा द्वारा हाई जेक होता देख आप पार्टी ने उत्तर प्रदेश में बिजली के बिलों के विरोध में फ्रंट खोल दिया हे|

पेटेंट के अनुचित व्यापारियों पर नकेल कसने के लिए बराक ओबामा ने प्रशासकीय[५] और वैधानिक[७] निर्णय लिए patent trolls

पेटेंट के अनुचित व्यापारियों पर नकेल कसने के लिए बराक ओबामा ने प्रशासकीय[५] और वैधानिक[७] निर्णय लिए पेटेंट के नाम पर असंवैधानिक व्यापार [patent trolls]करने वालो पर नकेल कसने के लिए बराक ओबामा ने आज पांच प्रशासकीय [executive] निर्णय और सात वैधानिक [ legislative ] संतुति प्रदान की हैं|
गौरतलब है कि नवीनता+नवोत्पाद[innovation ]प्रतिभा+ निर्माण-कौशल +आविष्कार [invention.]को बढावा देने के लिए पेटेंट कि व्यवस्था की गई है लेकिन पिछले साथ सालों में पेटेंट के नाम पर फुसला कर धन ऐंठने वालों की संख्या बढती जा रही है |२००६ में यदि इनकी संख्या १९% थी तो २०१२ में यह बढ कर ६२%दर्ज़ की जा चुकी है|अनुचित मुकद्दमे बढते जा रहे हैं| अमेरिकन अर्थ व्यवस्था से बिलियंस डालर्स[ billions of dollars ] खर्च करने पड़ते हैं |व्हाईट हाउस द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार २००५ से ४००% की बढोत्तरी के साथ २०११ में २९ बिलियन $ का बोझ पडा है|इसके अलावा अमेरिकन प्रतिभाएं हतोत्साहित होती हैं|
[1]2006=19%
[2]2007=23%
[3]2008=25%
[4]2009=27%
[5]2010=29%
[6]2011=45%
[7]2012=62%
आशा कि जा रही है कि इन सुधारों से पेटेंट के नाम पर अनुचित व्यवसाय करने वालों पर नकेल कसी जा सकेगी और प्रतिभाओं को प्रोत्साहन मिलेगा

नेता जी अब तो बताना पड़ेगा कि चंदा कहाँ से लिया: केंद्रीय सूचना आयोग ने राजनीतिक दलों को आरटीआई में ला दिया

केंद्रीय सूचना आयोग ने ६ मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को भी आरटीआई एक्ट के दायरे में ला दिया है|यह एक एतिहासिक निर्णय बताया जा रहा हैलेकिन कुछ राजनितिक दलों को एतराज भी है|

नेता जी अब तो बताना पड़ेगा कि चंदा कहाँ से लिया: केंद्रीय सूचना आयोग ने राजनीतिक दलों को आरटीआई में ला दिया

नेता जी अब तो बताना पड़ेगा कि चंदा कहाँ से लिया: केंद्रीय सूचना आयोग ने राजनीतिक दलों को आरटीआई में ला दिया


आयोग के अध्यक्ष मुख्य सूचना आयुक्त सत्येंद्र मिश्रा की पूर्ण बेंच ने कांग्रेस+ भाजपा+माकपा+ भाकपा+ एनसीपी+ +बसपा को आरटीआई के तहत मांगी गई सूचनाओं का जवाब देने का निर्देश दिया है और कहा है कि सभी सार्वजनिक प्राधिकरण आरटीआई एक्ट के दायरे में हैं|
इस फैसले के बाद तमाम राजनीतिक दलों का पर्दे के पीछे होने वाला चंदे का खेल गड़बड़ा सकता है। उन्हें आरटीआइ कानून के तहत सार्वजनिक संस्थाएं माना जाएगा। राजनीतिक दल इसे हाई कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं। दलों का मानना है कि चुनाव आयोग को सारी जानकारी दी जाती है और केंद्रीय सूचना आयोगको भी मुहैय्या कारवाई जा सकती है लेकिन आम जनता के साथ इसे शेयर करने को तैयार नही दिख रहे| मुख्य सूचना आयुक्त सत्येन्द्र मिश्र+ सूचना आयुक्त अन्नपूर्णा दीक्षित+ सूचना आयुक्त एमएल शर्मा की पीठ ने सरकार से मिलने वाली आर्थिक मदद और राजनीतिक दलों की लोकतंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका के मध्यनजर इन्हें आरटीआइ कानून की धारा 2[H] में सार्वजनिक संस्थाएं करार दिया है।
आरटीआइ कार्यकर्ता सुभाष चंद्र अग्रवाल +अनिल बैरवाल की याचिका के फलस्वरूप यह निर्णय आया है| याचकों ने दलों के कोष +उन्हें मिले चंदे+ चंदा देने वालों के नाम + पते उजागर करने को कहा था |जिसे दलों द्वरा स्वीकार नहीं किया गया था |सीआइसी[ CIC ] ने यह माना है किमान्यता प्राप्त इन ६ राजनितिक दलों को केंद्र से मदद मिलती है|
आरटीआइ के दायरे में आने के पश्चात प्रमुख विपक्षी दल भाजपा के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि चुनाव आयोग और सूचना आयोग को आपस में तय करना है कि राजनीतिक पार्टियां किसके प्रति जवाबदेह होंगी।
नकवी ने कहा, हर राजनीतिक दल अपनी सारी जानकारी पहले से चुनाव आयोग को देता रहा है और कोई भी व्यक्ति आरटीआइ के तहत उससे यह जानकारी ले सकता है लेफ्ट ने इस पर अपनी नाखुशी साफ जता दी है, जबकि कांग्रेस ने फैसला देखने के बाद ही प्रतिक्रिया देने की बात कहकर चुप्पी साध ली है।

भाजपा ने उ.प्र. सरकार को बिजली के राजनीतिक झटके दिए : बिलों का भुगतान नहीं करने का आह्वाहन किया

भाजपा ने उ.प्र. सरकार को बिजली के राजनीतिक झटके दिए : बिलों का भुगतान नहीं करने का आह्वाहन किया
समाजवादी सरकार की बिजली के बिलों में बढोत्तरी के निर्णय के खिलाफ आज विपक्ष ने उ प्र. सरकार को बिजली के झटके दिए |प्रमुख विपक्षी दल भाजपा के
प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मी कान्त वाजपई
ने लखनऊ में सरकार को बिजली के झटके देते हुए बिजली के बिलों का भुगतान नहीं करने की अपील की है |पार्टी ने प्रदेश में जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन करके बिजली नीति को बदले जाने की मांग की है|डा. लक्ष्मी कान्त वाजपई के न्रेतत्व में भाजपाईयों ने पावर महानिदेशक ऐ पी मिश्रा का घेराव किया |
डा. वाजपई के अनुसार विद्युत नियामक आयोग और उ प्र. पावर कारपोरेशन के सलाहकार एक ही हैं|फर्म बेशक दो हैं मगर उनका मालिक एक ही है|मुलजिम और मुंसिफ दोनों एक ही हैं|उन्होंने मामले को राष्ट्रीय विद्युत नियामक आयोग के समक्ष यह मुद्दा ले जाने की घोषणा करते हुए कहा है कि जब तक भारतीय नियामक से कोई निर्णय नहीं आ जाता तब तक बीजी के बिलों का भुगतान रोक दिया जाना चाहिए और अगर किसी उपभोक्ता की बिजली काटी जाती है तो भाजपा उसकी बिजली कनेक्शन जोड़ने आयेगी |

भाजपा ने उ.प्र. सरकार को बिजली के राजनीतिक झटके दिए : बिलों का भुगतान नहीं करने का आह्वाहन किया

भाजपा ने उ.प्र. सरकार को बिजली के राजनीतिक झटके दिए : बिलों का भुगतान नहीं करने का आह्वाहन किया

डा. वाजपई ने केंद्र और प्रदेश सरकार को किसान विरोधी बताते हुए कहा कि डीजल पेट्रोल के बाद ग्रामीण इलाकों में भी बिजली की दरों में बढोत्तरी से किसान हितैषी होने के दावों की हकीकत सामने आ गई है|

रालोद के प्रदेश अध्यक्षमुन्ना सिंह चौहान

ने इस नीति के पीछे उद्योग और सरकार में सांठ गाँठ का आरोप लगाया है| उन्होंने बताया कि आज अखिलेश यादव सरकार के पुतले जलाए हैंऔर
प्रदेश स्तर पर ६ जून को आंदोलन चलाया जाएगा|

बहुजन समाजवादी प्रदेश अध्यक्ष एस पी मौर्य

ने भी विरोध दर्ज़ कराया है|
इससे पूर्व प्रदेश नियामक बोर्ड ने बिजली कि दरों में लगभग ४०% तक बढोत्तरी करने की घोषणा की है|यह राज्य में अब तक कि सबसे बड़ी बढोत्तरी है|डोमेस्टिक में ३५% और रूरल एरिया में ४५% तक बढोत्तरी है|किसानो को प्रति हार्स पावर पर १००/=अतिरिक्त देने होंगे| लेकिन उद्योगों को इस बढोत्तरी से अलग रखा गया है|डोमेस्टिक उपभोक्ताओं को ०.५५ /=की वृद्धि के साथ ४/= प्रति यूनिट देने होंगे |हापुड़ में भाजपा सांसद राजेंदर अग्रावल केन्रेत्त्व में प्रदर्शन किया गया |
गौरतलब है कि प्रदेश में बिजली की दोष पूर्ण आपूर्ति नीति का विरोध आये दिन होता रहता है इसके अलावा समाजवादी पार्टी के अपने वोट बैंक एरिया में बिजली की खुले आम लीकेज की आलोचना होती रहती है|ऐसे में बिजली कि दरों में यह बेतहाशा बढोत्तरी जले पर नमक का काम कर रही है|विपक्ष को बैठे बिठाए एक मुद्दा हाथ लग गया है | दिल्ली के बाद अब उत्तर प्रदेश सरकार की भी राजनीतिक बिजली खतरे में पड़ती नज़र आने लगी है| बेशक भाजपा का बिजली के बिलों के भुगतान सम्बन्धी एलान को दिल्ली में आम आदमी पार्टी के एलान के साथ जोड़ा सकता है मगर इससे भाजपा को जनता से सीधे जुड़ने का एक अवसर जरूर मिल गया है जिससे २०१४ में होने वाले लोक सभा के चुनावों पर नज़र गडाए एस पी को अपने प्रदेश में राजनीतिक नुक्सान उठाना पड़ सकता है|