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डॉ. अजय छिब्‍बर ने, सरकारी हस्‍तक्षेप के बिना अपनी समीक्षाओं को सार्वजनिक करने के अधिकार के साथ , स्‍वतंत्र मूल्‍यांकन कार्यालय का कार्यभार संभाला

डॉ. अजय छिब्‍बर ने आज भारत के स्‍वतंत्र मूल्‍यांकन कार्यालय (आईईओ) के पहले महानिदेशक के रूप में कार्यभार संभाल लिया। यह संस्‍था योजना कार्यक्रमों, खासतौर से प्रमुख कार्यक्रमों का स्‍वतंत्र मूल्‍यांकन करेगी और कार्यक्रमों की प्रभावितकता, प्रासंगिकता तथा इसके प्रभाव का विश्‍लेषण भी करेगी। उसे सार्वजनिक वित्‍त पोषण वाले या सरकार की तरफ से प्रत्‍यक्ष या अप्रत्‍यक्ष गारंटी वाले किसी भी कार्यक्रम के स्‍वतंत्र मूल्‍यांकन का अधिकार होगा। संस्‍था को बिना सरकारी हस्‍तक्षेप के अपनी समीक्षाओं को सार्वजनिक करने का अधिकार भी होगा। आईईओ खुले परामर्श और सिविल सोसायटी तथा जनता के साथ वार्तालाप के जरिए निर्णय करने में सक्षम होगा।
आईईओ की गतिविधियां उसकी वेबसाइट पर देखी जा सकती हैं, जहां भारत सरकार की सभी नीतियों और कार्यक्रमों का स्‍वतंत्र मूल्‍यांकन उपलब्‍ध रहेगा। संस्‍था की मूल्‍यांकन रिपोर्ट को संसद और प्रधानमंत्री कार्यालय में पेश किया जाएगा।
आईईओ के महानिदेशक का पद केन्‍द्रीय राज्‍यमंत्री के बराबर होगा और उनका कार्यकाल तीन वर्ष का होगा, जिसे पांच वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है। संस्‍था के कर्मचारियों को चयन बिना किसी हस्‍तक्षेप के महानिदेशक द्वारा किया जाएगा। महानिदेशक के आग्रह पर संस्‍था को स्‍वतंत्र एवं समुचित बजट प्रदान किया जाएगा।

भारतीय सड़क कांग्रेस की 200वीं बैठक में सड़क निर्माण के लिए सरकार ने महत्वपूर्ण दस्तावेज जारी किए

[ नई दिल्ली] सड़क निर्माण छेत्र में सबसे पुराणी संस्था भारतीय सड़क कांग्रेस (आईआरसी) की 200वीं मध्यावधि परिषद बैठक में सड़क निर्माण गतिविधियों में उत्सर्जित सामग्री के इस्तेमाल में मदद के लिए सरकार ने महत्वपूर्ण दस्तावेज जारी किए। तीन दिन तक चलने वाली इस बैठक का उद्घाटन करते हुए सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्यमंत्री श्री सर्वे सत्यनारायण ने सड़क क्षेत्र में सरकार के प्रयासों में सहायता देने के लिए भारतीय सड़क कांग्रेस के योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि आईआरसी द्वारा तैयार किए गए दिशा-निर्देशों, व्यवहार संहिता और नियमावली की बदौलत सरकार सड़क क्षेत्र में विश्व का सबसे बड़ा कार्यक्रम प्रारंभ करने में सफल हुई है। भारतीय सड़क कांग्रेस ने सड़क क्षेत्र के समक्ष आने वाले विभिन्न मुद्दों के समाधान में समयानुकूल सहायता उपलब्ध कराई है। मंत्री ने इस अवसर पर पांच महत्वपूर्ण दस्तावेज जारी किए। ये इस प्रकार हैं:-
[1]. आईआरसी: 113-2013 ‘‘नरम अवभूमि पर जिओसिंथेटिक री-इनफोर्स्ड् एम्बैंकमेंट्स के डिजाइन और निर्माण के लिए दिशा निर्देश।’’
[2]. आईआरसी: 114-2013 ‘‘ रिजिड पेवमेंट में सिलिका फ्यूम के इस्तेमाल के लिए दिशा निर्देश।’’
[3]. आईआरसी: एसपी: 46-2013 ‘‘फाइबर री-इन्फोर्स्ड कंकरीट पेवमेंट्स के डिजाइन और निर्माण के लिए दिशा निर्देश।’’
[4]. आईआरसी: एसपी: 50-2013 ‘‘शहरी जल निकासी के लिए दिशा निर्देश।’’
[5]. आईआरसी: एसपी: 97-2013 ‘‘सड़क कार्यों के लिए कम्पैक्शन उपकरण के बारे में दिशा निर्देश।’’
इन दस्तावेज से सड़क निर्माण गतिविधियों में उत्सर्जित सामग्री के इस्तेमाल में मदद मिलेगी और सड़क निर्माण गतिविधियों में सिविल एजेंसियों को समस्याओं के पर्यावरण अनुकूल समाधान खोजने और आर्थिक दृष्टि से व्यवहार्य प्रौद्योगिकी के उन्नयन में भी सहायता मिलेगी।
इससे पहले, आईआरसी के अध्यक्ष श्री सी. कंडासामी, जो सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार में महानिदेशक, (सड़क विकास) और विशेष सचिव भी हैं, ने आशा प्रकट की कि एक्सप्रेस मार्गों के लिए नियमावली को जल्दी ही अंतिम रूप दिया जाएगा, जो अनुबंध समझौते का हिस्सा होगी और उसका पालन अनिवार्य होगा।
गौरतलब है कि भारतीय सड़क कांग्रेस की स्थापना 1934 में तत्कालीन भारत सरकार द्वारा की गई थी। यह इस क्षेत्र में सबसे पुराना और शीर्ष संगठन है। इसका मुख्य उद्देश्य सड़क क्षेत्र के बारे में आयोजना, डिजाइन, निर्माण, प्रचालन एवं रख रखाव से संबंधित सभी मामलों में अनुभव, विशेषज्ञता और विचारों का नियमित पूल प्रदान करने के लिए एक राष्ट्रीय मंच उपलब्ध कराना है।
सड़क क्षेत्र के इस शीर्ष संगठन की मध्यावधि परिषद बैठक पहली बार नई दिल्ली में हो रही है। पिछली बैठक तमिलनाडु सरकार के निमंत्रण पर कोयम्बटूर में आयोजित की गई थी और अगली बैठक असम सरकार के निमंत्रण पर गुवाहाटी में आयोजित की जाएगी।
फोटो कैप्शन The Minister of State for Road Transport & Highways, Shri Sarvey Sathyanarayana releasing the “Guidelines on Compaction Equipment for Road Works”, at the inauguration of the 200th Mid-Term Council Meeting of Indian Roads Congress, in New Delhi on August 11, 2013.

“आप” पार्टी ने चर्चित पीड़ित अशोक खेमका को हरियाणा के सी एम् के खिलाफ चुनाव लड़ने का न्यौता दिया

हरियाणा के पीड़ित और चर्चित आई ऐ एस अधिकारी अशोक खेमका ने सत्ता रुड यूं पी ऐ अध्यक्षा श्री मति सोनिया गाँधी के दामाद राबर्ट वढेरा पर लगाये अपने आरोप को दोहराते हुए अपना जवाब हरियाणा सरकार की तरफ से गठित एक समिति को सौंप दिया है। १०० पेजों के इस जवाब में खेमका ने दोहराया है कि
रॉबर्ट वाड्रा और रियल स्टेट कंपनी डीएलएफ के बीच गुड़गांव के शिखोहपुर गांव में फर्जी दस्तावेजों के जरिए 3.53 एकड़ की जमीन का सौदा हुआ था।इससे राजनीती फिर से गरमा गई है|
२१ साल कि नौकरी में तबादलों के ४० दंश झेल चुके श्री खेमका के अनुसार श्री वढेरा ने गुड़गांव में 3.53 एकड़ जमीन के लिए दस्तावेजों में हेरफेर की और एक कमर्शियल कॉलोनी के लाइसेंस पर भारी-भरकम राशि जेब में रखी. खेमका ने कहा कि जमीन के सौदे के म्यूटेशन को रद्द किए जाने वाले उनके फैसले पर तुरंत अमल होना चाहिए। यदि इस मामले में कोई पक्ष असंतुष्ट हो तो वह कोर्ट का रुख कर सकता है।

'आप ' पार्टी

‘आप ‘ पार्टी

आम आदमी पार्टी[आप] ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा की जमीन के सौदे को फर्जी बताने वाले हरियाणा के इस चर्चित आईएएस अधिकारी अशोक खेमका को आप पार्टी में शामिल होकर हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा के खिलाफ चुनाव लड़ने और उन्हें हराने के लिए आमंत्रित कर दिया किया है। इससे पहले आप ने नॉएडा की एस डी एम् दुर्गा शक्ति नागपाल को भी पार्टी ज्वाइन करने का न्योता दिया हुआ है| अरविन्द केजरीवाल ने ट्विट किया है कि अशोक खेमका और दुर्गा शक्ति नागपाल जैसे लोग विधानसभाओं और संसद में होने चाहिए और उन्हें कानून बनाना चाहिए।
हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि उनकी सरकार ने किसी पक्ष की कोई तरफदारी नहीं की.|मुख्य सचिव (पी के चौधरी) मामले को देख रहे हैं और वह इसका अध्ययन कर रहे हैं.|
यूं पी में दुर्गा शक्ति नागपाल का उत्पीडन कर रहे सपा के सांसद नरेश अग्रवाल ने जमीन घोटाले का खुलासा करने वाले आईएएस अधिकारी अशोक खेमका पर ही हमला बोला है.उन्होंने तो खेमका की रिपोर्ट को ही , मानाने से इंकार करके खारिज ख़ारिज कर दिया|
हरियाणा में मुख्य विपक्षी इंडियन नेशनल लोकदल[ INLD ] के महासचिव अभय चौटाला ने हरियाणा की कांग्रेस सरकार को आड़े हाथों लेते हुए मुख्यमंत्रीके इस्तीफे के साथ मामले में एफआईआर दर्ज करने की भी मांग भी की है
भाजपा के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने इस पूरे मामले की नए सिरे से जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की.
साध्वी उमा भारती ने कहा कि बिना जांच किए ही रॉबर्ट वॉड्रा को पीएमओ से क्लीन चिट दे दी गई. इससे पता चलता है कि सरकार रॉबर्ट वॉड्रा को बचाने के लिए कुछ भी कर सकती है.
. कांग्रेस नेता और पूर्व रेलमंत्री पवन बंसल ने कहा कि रॉबर्ट वॉड्रा पर लगे आरोप सरासर गलत हैं और ये पूरा मामला राजनीति से प्रेरित है.
कांग्रेस नेता संजय झा ने कहा कि घोटाले का आरोप लगाने वाले आईएएस अधिकारी अशोक खेमका को कोर्ट जाना चाहिए.
प्राप्त जानकारी के अनुसार खेमका ने राबर्ट वढेरा की जमीन के सौदे के मामले में हरियाणा सरकार को सौंपी गई अपनी रिपोर्ट में कहा है कि राबर्ट वाड्रा ने गुडगांव में गलत दस्तावेजों के जरिए जमीन का सौदा किया। यह मामला गुड़गांव के शिकोहपुर में साढ़े तीन एकड़ जमीन का है। यह वही जमीन है जिसके सौदे की जांच करने के बाद आईएएस खेमका ने जमीन की रजिस्ट्री को ही रद्द कर दिया था।
वढेरा और डीएलएफ के बीच डील में हुई कथित धांधली के आरोप लगने के बाद हरियाणा सरकार ने अक्टूबर 2012 में जांच समिति गठित की थी। इस समिति ने खेमका से सौदा रद्द कर पर जवाब मांगा था। मई 2013 को खेमका ने जवाब के तौर पर अपनी 100 पेज की रिपोर्ट समिति को सौंपी।
रिपोर्ट सौंपने के तीन महीने के बाद भी इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया है।

फिल्म स्टार अक्षय कुमार गुजरात में खोल सकते हैं स्पोर्ट्स ,योगा यूनिवर्सिटी

फिल्म स्टार अक्षय कुमार गुजरात में खोल सकते हैं स्पोर्ट्स ,योगा यूनिवर्सिटी
भारतीय जनता पार्टी [भाजपा]के पोस्टर बॉय नरेंदर मोदी ने फ़िल्मी जगत के चमकते सितारे परेश रावल[ओ एम् जी] और अक्षय कुमार से मुलाकात करके पारस्परिक व्यवहार[ interaction, ] निभाया| गांधी नगर में सात जुलाई को आयोजित इस मुलाकात में मुख्य मंत्री मोदी ने गुजरात में विकास के लिए किये जा रहे कार्यों पर चर्चा की |उन्होंने प्रदेश में विशेष कर स्पोर्ट्स और युवाओं के सर्वांगिक विकास पर चर्चा की| फ़िल्मी जगत के मशहूर दोनों सितारों ने विभिन्न खेलों के विकास के लिए यौग दान देने की इच्छा व्यक्त की| इस मुलाकात में स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी +योगा यूनिवर्सिटी के निर्माण पर सहमती बनी अक्षय कुमार ने विशेष कर जुडो कराटे में रूचि दिखाई|
गौरतलब है कि अक्षय कुमार स्वयम जुडो कराटे के खिलाडी रहे हैं और मुंबई में एक शिक्षण संस्थान चलाना चाहते थे लेकिन उन्हें वहां जमीन नहीं मिली| अब गुजरात के मुख्य मंत्री का सहयोग मिला तो उनका पुराना सपना पूरा हो सकेगा|
photo caption
C M Of Gujrat Narendra-Modi-Interacting With Film Star Akshy Kumar And Paresh Rawal In Gandhi Nagar

The Institute of Company Secretaries of India has welcomed the new Company Law

The Institute of Company Secretaries of India (ICSI) has welcomed the new Company Law i.e. Companies Bill, 2012 as passed by the Parliament yesterday. Terming it as a modern, growth oriented and futuristic law,
Shri S. N. Ananthasubramanian, President, Council of the ICSI, said that the new law promises improved corporate governance norms, enhanced disclosures and transparency, facilitation of responsible entrepreneurship, increased accountability of company managements and auditors, protection of interest of investors particularly small and minority investors, better shareholder democracy, facilitation of corporate social responsibility (CSR) and stricter enforcement processes. He said the Act is designed to balance the stakeholders’ interests, viz, promoters, shareholders and public at large.
Shri Ananthasubramanian said the new Companies law will further accelerate the transformation of Company Secretaries into corporate governance professionals by recognizing them as Key Managerial Persons in a Company along with the Chief Executive Officer / Managing Director / Manager, Whole-Time Director and Chief Financial Officer.
The Company Secretary is expected to become the Chief Governance Officer of the Company and lead the governance initiatives. Further, it envisages a much larger role for Company Secretaries in areas of secretarial audit, restructuring, liquidation, valuation and much more, the Institute has said.
India has a brand new company law that’s more appropriate for the 21st century and its challenges. With the passing of the Companies Bill, 2012, by the Rajya Sabha yesterday, which will become the Companies Act, 2013, when formally notified into law, several things change for the Indian corporate sector

Barack Obama Will Honour 16 Dedicated Personalities With highest civilian honor Presidential Medal of Freedom

Presidential Medals of Freedom has been announced Dedicated 16 Personalities Will Be Honored With Presidential Medal of Freedom . Former President Bill Clinton+ Baseball player Ernie Banks,and Oprah Winfrey will be as three of the sixteen recipients of this National Award
Fifty years ago, President Kennedy signed an Executive Order establishing the Presidential Medal of Freedom, which is the Nation’s highest civilian honor.
President Obama said, “The Presidential Medal of Freedom goes to men and women who have dedicated their own lives to enriching ours. This year’s honorees have been blessed with extraordinary talent, but what sets them apart is their gift for sharing that talent with the world. It will be my honor to present them with a token of our nation’s gratitude.”
This year, the Presidential Medal of Freedom will be awarded to:
[1]Ernie Banks
[2]Ben Bradlee
[3][Bill Clinton
[4]Daniel Inouye
[5]Daniel Kahneman
[6]Richard Lugar
[7]Loretta Lynn
[8]Mario Molina
[9]Sally Ride
[10]Bayard Rustin
[11]Arturo Sandoval
[12]Dean Smith
[13]Gloria Steinem
[14]Cordy Tindell “C.T.” Vivian
[15]Patricia Wald
[16]Oprah Winfrey

डॉ मन मोहन सिंह ने देश को उल्‍लासपूर्ण ईद-उल-फितर की शुभकामनाएं दीं और ‘ निशुल्‍क हेल्‍पलाइन खिदमत’ का तोहफा दिया

प्रधानमंत्री डॉ मन मोहन सिंह ने देश को उल्‍लासपूर्ण ईद-उल-फितर की शुभकामनाएं दीं और ‘खिदमत’ नाम की एक निशुल्‍क हेल्‍पलाइन-तोहफे के रूप में दी
अपने संदेश में डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा कि रमजान के पवित्र महीने की समाप्ति पर मनाया जाने वाला ईद का त्‍योहार खुशियां बांटने और भाई-चारे का प्रतीक है।प्रधानमंत्री ने कहा कि वे कामना करते हैं कि यह त्योहार देशवासियों के जीवन में शांति, समृद्धि और खुशियां लाए।ईद के दिन रमज़ान के मुबारक महीने का समापन होता है|ईद-उल फितर के अवसर पर केंद्र सरकार के दि‍ल्‍ली स्थि‍त केंद्र सरकार के सभी कार्यालय 9 अगस्‍त, 2013(शुक्रवार) को बंद रहेंगे।

उप-राष्ट्रपति श्री एम हामिद अंसारी

उप-राष्ट्रपति श्री एम हामिद अंसारी

[२]उप-राष्ट्रपति श्री एम हामिद अंसारी ने ईद-उल फितर के मुबारक मौके पर सभी नागरिकों का अभिनंदन किया है। । अपने संदेश में श्री एम हामिद अंसारी ने कहा कि यह त्‍यौहार पवित्रता और खुशी का त्‍यौहार है और यह अपने भाईचारे, प्‍यार और दया के संदेश के जरिए पूरे देश को एकजुट करता है
[३]केन्‍द्रीय अल्‍पसंख्‍यक कार्य मंत्री श्री के. रहमान खान ने ईद-उल-फितर के अवसर पर देशवासियों को बधाई दी। अपने संदेश में उन्‍होंने बताया कि ईद- श्रद्धा, शांति और भाईचारे का त्‍यौहार है। इस अवसर पर उन्‍होंने मुसलमानों से अनुरोध किया है कि वे रमजान के रोजे रखने की शक्ति प्रदान करने के लिए खुदा का शुक्र अदा करें और समुदाय के ऐसे लोगों की सहायता करें जो इसके हकदार हैं। उन्‍होंने सर्वशक्तिमान अल्‍लाह से राष्‍ट्र में समृद्धि तथा शांति बनाए रखने की प्रार्थना की।
 केन्‍द्रीय अल्‍पसंख्‍यक कार्य मंत्री श्री के. रहमान खान ‘खिदमत’ हेल्‍पलाइन की शुरुआत करते हुए

केन्‍द्रीय अल्‍पसंख्‍यक कार्य मंत्री श्री के. रहमान खान ‘खिदमत’ हेल्‍पलाइन की शुरुआत करते हुए


इसके साथ ही उन्होंने ‘खिदमत’ हेल्‍पलाइन की शुरुआत भी की‘ यह सूचना के माध्‍यम से अल्‍पसंख्‍यकों को सशक्‍त बनाएगी |
‘ केंद्रीय अल्‍पसंख्‍यक कार्यमंत्री श्री खान ने आज यहां ‘खिदमत’ नाम की एक समर्पित निशुल्‍क हेल्‍पलाइन-1XXX-XX-2001 शुरू की।
‘खिदमत’ हेल्‍पलाइन भारत के अल्‍पसंख्‍यकों को समर्पित करते हुए उन्‍होंने आशा व्‍यक्‍त की कि यह समाज के सभी वर्गों विशेषकर वंचित वर्गों के समावेशी विकास का राष्ट्रपिता महात्‍मा गांधी का सपना साकार करेगी।
इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री के. रहमान खान ने कहा कि यह सेवा ताजा सूचना के माध्‍यम से अल्‍पसंख्‍यकों को सशक्‍त बनाएगी। यह हेल्‍पलाइन अब चालू हो चुकी है। शुरूआत में यह हेल्‍पलाइन सभी कार्यदिवसों के दौरान सुबह नौ बजे से शाम छह बजे तक खुली रहेगी। श्री खान ने कहा कि इसकी सफलता और मांग को देखते हुए इसे नई सुविधाओं से युक्‍त करके 24×7 भी बनाया जा सकता है। उन्‍होंने कहा कि बदलते भारत में जब फोन सेवाएं और मोबाइल देश के कोने-कोने तक पहुंच चुके हैं। ऐसे में यह समर्पित हेल्‍पलाइन संभवत: विकास और कल्‍याणकारी कार्यक्रमों के बारे में सूचना देने का बेहतर विचार साबित हो सकती हैं।
उन्‍होंने कहा कि समय पर मिली सही जानकारी ताकत होती है। श्री खान ने कहा कि ‘खिदमत’ हेल्‍पलाइन के माध्‍यम से मंत्रालय ने सभी स्‍तरों के अल्‍पसंख्‍यकों को समान रूप से शक्ति सम्‍पन्‍न बनाने का प्रयास किया है।
अल्‍पसंख्‍यक कार्य मंत्रालय ने अल्‍पसंख्‍यकों के बुनियादी विकास, शैक्षिक सशक्तिकरण, आर्थिक सशक्तिकरण, महिला सशक्तिकरण और वक्‍फ विकास के लिए अनेक विकास और कल्‍याणकारी योजनाओं का प्रतिपादन और कार्यान्‍वयन किया है।
विभिन्‍न कार्यक्रमों और योजनाओं को कार्यान्वित करते समय व्यवहारिक दिक्‍कतों के अलावा मंत्रालय को महसूस हुआ कि कार्यक्रमों/योजनाओं के बारे में लक्षित आबादी में जानकारी का अभाव सबसे बड़ी रूकावट है। पिछले कुछ वर्षों से मंत्रालय ने हालांकि नियमित रूप से प्रिंट, इलेक्‍ट्रॉनिक और नये मीडिया माध्‍यमों के जरिए मल्‍टी मीडिया प्रचार शुरू किया है। इसके बावजूद कार्यक्रमों की पहुंच व्‍यापक बनाए जाने की जरूरत है।
मंत्रालय ने यह समर्पित निशुल्‍क हेल्‍पलाइन इसलिए शुरू की है, क्‍योंकि उसका मानना है कि लक्षित आबादी को एक मंच की जरूरत है। यहाँ से वे आसान भाषा में बातचीत के माध्‍यम से नई जानकारी प्राप्‍त कर सके और उनकी अधिकांश जिज्ञासाएं शांत हो सके।
इस हेल्‍पलाइन की शुरूआत के साथ ही किसी गांव या दूरदराज के इलाके में बैठा कोई छात्र छात्रवृत्ति योजनाओं के बारे में तत्‍काल सूचना प्राप्‍त कर सकता है। किसी बेरोजगार अल्‍पसंख्‍यक नौजवान को मंत्रालय की ओर से चलाए जाने वाले कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रमों तथा रोजगार के अवसरों के बारे में तत्‍काल जानकारी प्राप्‍त हो सकती है।

सरकारी सेवाओं और सूचना की पहुंच और ग्राह्यता बढ़ाने केलिए कपिल सिब्बल ने एक डाटा पोर्टल का विमोचन किया

सरकारी सेवाओं और सूचना की पहुंच और ग्राह्यता बढ़ाने केलिए कपिल सिब्बल ने एक डाटा पोर्टल का विमोचन किया यह मुक्त सरकारी डाटा के लिए सिंगल विंडो एक्सेस है।

The Union Minister for Communications and Information Technology, Shri Kapil Sibal releasing the Open Data Apps for Innovation in Governance at a function, in New Delhi on August 08, 2013.

The Union Minister for Communications and Information Technology, Shri Kapil Sibal releasing the Open Data Apps for Innovation in Governance at a function, in New Delhi on August 08, 2013.

भारत सरकार राष्ट्रीय डाटा शेयरिंग और एक्सेसिबिलिटी नीति (एनडीएसएपी) के तहत विभिन्न विभागों से विशाल सरकारी डाटाबेस जारी करने की प्रक्रिया में है ताकि सरकारी सूचना की डिलीवरी बढ़े, नवाचार की गति तेज हो तथा गवर्नेन्स में पारदर्शिता, जवाबदेही और नागरिक की भागीदारी को बढ़ावा मिले | मुक्त सरकारी डाटा के जरिए नवाचार को बढ़ावा देने और मुक्त डाटा इकोसिस्टम बनाने के लिए स्टार्ट-अप एवं डेवलपर समुदाय को जोड़ने के उद्देश्य से राष्ट्रीय सूचना केंद्र (एनआइसी) ने नैसकॉम के सहयोग से आज यहां ”गवर्नेन्स में नवाचार के लिए ओपन डाटाएप्स” पर सम्मेलन आयोजित किया |सम्मेलन का शुभारंभ केंद्रीय संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री कपिल सिब्बल ने किया
श्री सिब्बल ने एक डाटा पोर्टल का भी विमोचन किया जो मुक्त सरकारी डाटा के लिए सिंगल विंडो एक्सेस है। इस पोर्टल का मुक्त डाटा पर के नूतन एप्स के जरिए सरकारी सेवाओं और सूचना की पहुंच और ग्राह्यता बढ़ाने पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा। भारत की मुक्त सरकारी डाटा पहल न सिर्फ गवर्नेन्स में ज्यादा पारदर्शिता, जवाबदेही और नागरिक को अधिक संलग्न करने की दिशा में एक कदम है बल्कि यह नवाचार के लिए मंच के रूप में भी काम करेगा।
एनआइसी और इलेक्ट्रानिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने डाटा पोर्टल (http://data.gov.in) बनाया है तथा इसे देश की ओपन सरकारी पहल के रूप में लागू किया जा रहा है। अब तक 49 विभागों से 3500 से अधिक डाटासेट इस पोर्टल पर अपलोड कर दिए गए हैं तथा रोजाना यह संख्या बढ़ती जा रही है। प्रायोगिक परियोजना के तहत दिल्ली विश्वविद्यालय और एनआइसी ओपन डाटा के इस्तेमाल से मोबाइल एवं वैब एप्स के विकास के लिए विद्यार्थियों की क्षमता का पता लगाने का प्रयास करेंगे।
फोटो कैप्शन Union Minister Shri Kapil Sibal releasing the “Data Portal India”, at the inauguration of the conference on “Open Data Apps for Innovation in Governance”, in New Delhi on August 08, 2013.

युवा सांसद जयन्त चौधरी ने लोक सभा में लगे व्यवधान संस्कृति के अभिशाप पर गंभीर चिंता जताई

[नई दिल्ली,]युवा सांसद जयन्त चौधरी ने लोक सभा में लगे व्यवधान संस्कृति के अभिशाप पर आज गंभीर चिंता जताई है |
मथुरा से लोकसभा सांसद एवं राष्ट्रीय लोकदल [ रालोद] के युवा महासचिव जयन्त चौधरी ने लोकसभा की कार्यवाही में जल्दी-जल्दी व्यवधान डालने वाली ‘व्यवधान संस्कृति’ पर, जो आजकल बहुधा देखने में आ रही है, खेद प्रकट किया है।
श्री जयन्त चौधरी ने आज गुरुवार को कहा, ‘‘लोकसभा की कार्यवाही में बार-बार व्यवधान डाला जाना कोई अच्छा संकेत नहीं है। लोकसभा को भलीभांति चलने देना चाहिए, ताकि कानून निर्माताओं को जनता से सम्बद्ध और समाज में बदलाव लाने वाले मुद्दों पर विमर्श करने का अवसर मिल सके।
श्री जयन्त चौधरी ने बताया कि लोकसभा के चालू मानसून सत्र में विभिन्न मुद्दों पर दो बिल पेश करेंगे। पहला बिल
[१] यमुना नदी के संरक्षण एवं संवर्धन के उद्देश्य से आयोग के गठन को लेकर होगा एवं
[२]दूसरा बिल ‘वैकल्पिक ऊर्जा’ को बढ़ावा देने के लिए कोष इकट्ठा करने के उद्देश्य को लेकर होगा।इस रोजाना के व्यवधान से जनहित के इतने महत्वपूर्ण बिल पर चर्चा नही हो पा रही है|
श्री चौधरी नदी बेसिन प्रबंधन योजना के कार्यान्वयन द्वारा यमुना नदी के संवर्धन एवं संरक्षण हेतु राष्ट्रीय यमुना नदी बेसिन आयोग की स्थापना के लिए बिल प्रस्तुत करेंगे। बिल का लक्ष्य राष्ट्रीय स्तर पर अधिकाधिक समेकित दृष्टिकोण के साथ नदी संरक्षण को बढ़ावा देना है।
यह बिल मथुरा की जनता एवं इस विषय के विशेषज्ञों के साथ व्यापक विचार-विमर्श का नतीजा है।
श्री जयंत चौधरी पूर्व प्रधान मंत्री स्वर्गीय चरण सिंह के पौत्र और वर्तमान रालोद के अध्यक्ष चो.अजित सिंह के पुत्र हैं और इस १६ कार्यदिवस वाले मानसून सत्र में पहले तीन दिन व्यवधान की भेंट चडने पर उन्होंने चिंता व्यक्त की है|

अमेरिका में अप्रवासन कानून बना और उसमे भारतीय आई टी जगत को हानि हुई तो भारत सरकार डब्‍ल्‍युटीओ के समक्ष जा सकती है

अमेरिका में अगर नया अप्रवासन कानून बना और उसमे भारतीय आई टी जगत को हानि हुई तो भारत सरकार डब्‍ल्‍युटीओ विवाद निपटान निकाय के समक्ष जा सकती है|
संयुक्‍त राज्‍य अमरीका [ USA ]में ओबामा केयर[ OBAMACARE ] के अंतर्गत आप्रवास Immigrationसुधार विधेयक की प्रगृति से आई टी उद्योग की चिंता पर भारत सरकार सावधानी से नजर रख रही है इस विषय में [१]मई, 2013 [२] जून 2013 में रणनीतिक वार्ता और [३]जुलाई 2013 में आयोजित बैठकों के दौरान अमरीकी पक्ष को आईटी कंपनियों की चिंताओं से अवगत कराया जा चूका हैं चूंकि यह अभी कानून नही बना है इसीलिए इसके विरुद्ध कार्यवाही से बचा जा रहा है | सूत्रों के अनुसार अप्रवासन के सुधारों के नाम पर इस नए कानून के अस्तित्व में आने पर भारत सरकार डब्‍ल्‍युटीओ विवाद निपटान निकाय के समक्ष अपना विरोध दर्ज़ करा सकती है|
गौर तलब है के संयुक्‍त राज्‍य सीनेट ने 27 जून, 2013 को ‘सीमा सुरक्षा, आर्थिक अवसर और आप्रवास आधुनिकीकरण अधिनियम 2013’ नामक विधेयक सं. एस 744 पारित किया। यद्यपति, उम्‍मीद की जा रही है कि मौजूदा विधेयक से विदेशी विद्यार्थियों पर, जिनमें भारतीय विद्यार्थी भी शामिल हैं, कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा तथापि भारतीय आईटी उद्योग इस से चिंतित है |इस विधेयक में किए गए कुछ प्रावधानों पर लगातार चिंता व्‍यक्‍त की जा रही है मुख्यत यह चिंता कुशल गैर-आप्रवासी वीजा से संबंधित शर्तों पर है, | अमरीकी संसद के दोनों सदनों में संसदीय प्रक्रियाएं पूरी करने के बाद यदि इसे लागू किया गया तो संभव है कि एच1-बी/एल-1 वीजा आश्रित फर्मों की जिम्‍मेवारियां और बढ़ जाएंगी,| भारतीय आई टी उद्योग को जिन समस्यायों से जूझना पड़ उनमे सकता है मुख्य निम्न हैं [१]अधिक वेतन;
[२]अमरीकी एजेंसियों द्वारा अधिकाधिक लेखा परीक्षा;
[३]अविस्‍थापन गारंटी/‍
[४]अतिरिक्‍त भर्ती संबंधी नोटिस की अपे‍क्षाएं;
[5]और बढ़ा हुआ वीजा-शुल्‍क शामिल हैं।
बताते चले के [१] मई, 2013 में होमलैंड सिक्‍यूरिटी वार्ता,
[२] जून 2013 में रणनीतिक वार्ता और
[३]जुलाई 2013 में सीईओ मंच की हाल ही में आयोजित बैठकों के दौरान गृह मंत्री+ वित्‍त मंत्री+ वाणिज्‍य एवं उद्योग मंत्री तथा +विदेश मंत्री द्वारा मंत्रालय स्‍तर पर अमरीकी पक्ष को आईटी कंपनियों की इन सभी चिंताओं से अवगत करा दिया गया है।
वाशिंगटन स्थित भारतीय दूतावास आईटी उद्योग के साथ मिलकर इस सीनेट विधेयक के संबंध में भारतीय आईटी कंपनियों की चिंताओं के बारे में अमरीकी कांग्रेस में और अधिक जागरुकता पैदा करने की बाबत कार्य कर रहा है।
सरकार इस सीनेट विधेयक की विश्‍व व्‍यापार संगठन (डब्‍ल्‍युटीओ) अनुकूलता की दृष्टि से जांच कर रही है। हालांकि, इस मामले को समुचित समय पर डब्‍ल्‍युटीओ विवाद निपटान निकाय के समक्ष तभी लाया जा सकता है जब यह ‘सीनेट विधेयक’ कानून बन जाए।
मालूम हो कि अमेरिका के प्रेजिडेंट बराक ओबामा अपनी अप्रवासन नीति को अपर्याप्त और टूटी[Broken]मानते हैं और उसमे सुधार लाने के लिए कामन सेन्स इमीग्रेशन बिल लाये हैं और सीनेट में उसे पास भी करा लिया अब कांग्रेस में पास करने के लिए लगातार राजनितिक दबाब बनाया जा रहा है | अब यदि यह कानून बन जाता है तो भारतीय आई टी कंपनियों के माध्यम से अमेरिका के विकास में योगदान दे रहे भारतीय कम्पनियाँ और टेक्नोक्रेट्स दोनों प्रभावित होंगे इनके लिए प्रतिस्पर्द्धा में जीतना कठिन किया जा सकता है|