#मोदीभापे
आंखे पथराई ,अश्क सूखे ,अब तो महज लहू ही बहता है
दिल मुरझाया,ख्वाहिश मांगे रुख़्सती,हुक्मरां क्यूँ बहरा हुआ
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#कंपनसेशन/#रिहैबिलिटेशन क्लेम की सरकारी लूट
#PMOPG/E/2016/0125052
Category: Poetry
मोदीभापे !आंखे पथराई ,अश्क सूखे ,अब तो महज लहू ही बहता है
मोदीभापे !पुराणों की खींची लकीर के अंधानुकरण को राजनीति नही कहते
#मोदीभापे
#दिलकेफफोले
पुराणों की खींची लकीर के अंधानुकरण को राजनीति नही कहते
हर मौड़ पर चुनोतिपूर्ण निर्णय लो तो हम पीड़ितों को इंसाफ मिले
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#कंपनसेशन/#रिहैबिलिटेशन क्लेम की सरकारी लूट
#PMOPG/E/2016/0125052
मोदीभापे !पीड़ित के दिन बदलने वाला सूरज कब निकलेगा
#मोदीभापे
आखरी इंसान तक रोशनी पहुंचाने का वायदा था
पीड़ित के दिन बदलने वाला सूरज कब निकलेगा
#कंपनसेशन/#रिहैबिलिटेशन क्लेम की सरकारी लूट
#PMOPG/E/20125052
मोदीभापे !नजरेकरम फर्माओ तो पीड़ित का मरना आसान हो जाये
#मोदीभापे
हमारी पीढ़ी भी गुजर जायेगी यूंही खाली हाथ
नजरेकरम फर्माओ तो मरना आसान हो जाये
#कंपनसेशन/#रिहैबिलिटेशन क्लेम की सरकारी लूट
#PMOPG/E/2016/0125052
मोदीभापे ! फिलवक्त हुक्मरां से कैसे करें फरियाद ?
#मोदीभापे
#दिलकेफफोले
फिलवक्त हुक्मरां से कैसे करें फरियाद
निकलता है रोज सूरत बदल बदल कर
#कंपनसेशन/#रिहैबिलिटेशन क्लेम की सरकारी लूट
#PMOPG/E/2016/0125052
मोदीभापे !गीली मिट्टी की तरह समस्या की जड़ पकड़ो तो पीड़ित को इंसाफ मिले
#मोदीभापे
रेत की मानिंद उड़ते जा रहे हो सो पीड़ितों से दूर होते जा रहे
गीली मिट्टी की तरह समस्यायों की जड़ें पकड़ो तो इंसाफ मिले
#कंपनसेशन/रिहैबिलिटेशन क्लेम की सरकारी लूट
#PMOPG/E/2016/0125052
मोदीभापे !रब्ब ने दी है ये जुबां,गर चुप रहे तो लहू चीखता है पीड़ित का
#मोदीभापे
रब्ब ने दी है ये जुबां,गर चुप रहे तो लहू चीखता है पीड़ित का
तुम्हारे उजालों में भी नही हमारा हिस्सा,अंधेरों के पाले हुए है
#कंपनसेशन/#रिहैबिलिटेशन क्लेम की सरकारी लूट
#PMOPG/E,/2016/0125052
मोदीभापे! तुम भी खिचड़ी ,हमारे अरमानों की चिता पर ही ,बनाने लगे
#मोदीभापे
रौजाना नए तरीके की खिचड़ी पकाओ,खाओ ,किसे एतराज है
लेकिन ख्याल रहे ,नीचे हमारे अरमानों की चिता की ही आंच है
#कंपनसेशन/#रिहैबिलिटेशन क्लेम की सरकारी लूट
#PMOPG/E/2016/0125052
मोदीभापे !घनी रात के साथी क्यूँ बिछड़ते जा रहे
#मोदीभापे
हुक्मरां हो सो नए वक्ती दोस्त मुबारक तुमको
जो खास ते कभी वो बस खाक हो के रह गए
चड़ते सूरज को हर सियासी करता है सलाम
घनी रात के थे जो साथी ,क्यूँ बिछड़ते जा रहे
#कंपनसेशन/#रिहैबिलिटेशन क्लेम की लूट
#PMOPG/E/2016/0125052
मोदीभापे ! इंसाफ ना कर सको तो पुरानी लिस्ट ही फाड़ देना
#मोदीभापे
पीड़ितों की फेरहिस्त में मेरा नाम भी है शामिल
इंसाफ ना कर सको तो पुरानी लिस्ट ही फाड़ देना
#कंपनसेशन/#रिहैबिलिटेशन क्लेम की सरकारी लूट
#PMOPG/E/2016/0125052
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