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Category: Social Cause

दूसरों के कल्याणार्थ किये गए बलिदान को केवल मेमोरियल डे पर ही नही वरन प्रति दिन याद करना चाहिए

अध्यात्मिक विज्ञानं और सावन कृपाल रूहानी मिशन के मौजूदा संत राजेंदर सिंह जी ने फरमाया है कि मानव जीवन में प्रत्येक दिन मेमोरियल डे (स्मृति दिवस) होता है|Every day is a Memorial Day
उन्होंने बताया कि यूनाइटेड स्टेट्स आफ अमेरिका में हर साल मई में एक दिन ‘मेमोरियल डे’ (स्मृति दिवस) के रूप में मनाया जाता है, उन लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए जिन्होंने दूसरों के लिए अपने जीवन का बलिदान दे दिया। अपनी जान कुर्बान करने वालों को सम्मानित करने के लिए इस दिन परेड, भाषण, और बलिदानियों की कब्रों पर जाना आम बात है। लेकिन इन महारथियों को साल में केवल एक दिन याद करने के बजाय हमें उन्हें प्रतिदिन याद करना चाहिए।
जब हम ‘मेमोरियल डे’ (स्मृति दिवस) के बारे में सोचते हैं, तो हम देखते हैं कि ऐसे भी कई लोग होंगे जिन्होंने दूसरों के लिए अपने जीवन का बलिदान तो दिया होगा, लेकिन जिनके बारे में कोई ऐतिहासिक प्रमाण या रिकार्ड नहीं है। इन वीरों ने दूसरों की सहायता इसलिए नहीं की ताकि उनका नाम हो सके; उन्होंने तो ऐसा इसलिए किया क्योंकि सेवा और त्याग इंसानियत का एक महत्त्वपूर्ण अंग हैं।
यह हमारी आंतरिक दिव्य प्रवृत्ति है कि हम नि:स्वार्थ भाव से दूसरों की सेवा व सहायता करें। इसका अर्थ है कि हम अपने लिए कोई लाभ या ईनाम चाहे बिना दूसरों की सहायता करें। हम देखते हैं कि आज जिन्हें हम सम्मानित कर रहे हैं, उन्होंने किसी ईनाम के बारे में नहीं सोचा था। उन्होंने तो वो कार्य इसलिए किया क्योंकि वैसा ही करना उन्हें उचित लगा। इसी तरह, निष्काम भाव से सेवा इसलिए की जाती है क्योंकि वैसा ही करना सही और उचित होता है। जब हम किसी को तकलीफ़ या मुसीबत में देखते हैं, तो हमारे दिल में ईनाम पाने का ख़याल नहीं आता; हम तो बस आगे बढ़ते हैं और उस इंसान की मदद करते हैं।
यह आंतरिक दिव्य प्रवृत्ति हम सभी के भीतर मौजूद है। प्रभु का अंश होने के नाते हम सभी के अंदर वो दिव्यता विद्यमान है। इसी दिव्यता का एक भाग है सबसे प्रेम करना, जिसका मतलब है सभी को प्रभु के एक ही परिवार का सदस्य समझना। जिस प्रकार हम ज़रूरत पड़ने पर अपने परिवारजनों की सहायता करते हैं, उसी तरह हम दूसरों को भी अपने ही परिवार का सदस्य जानकर उनकी भी सहायता करने लगते हैं।

इस संसार में संतुष्टि प्राप्त करना

अधिकतर लोग अपनी इच्छाओं की पूर्ति में ही लगे रहते हैं। हमारी इच्छा एक कार ख़रीदने की हो सकती है; एक मकान ख़रीदने की हो सकती है; इतिहास या विज्ञान पढ़ने की हो सकती है; या इस संसार की किसी भी अन्य वस्तु से संबंधित हो सकती है। हमारा ध्यान इसी ओर रहता है कि हम अपनी इच्छाओं को पूरा कैसे करें।
हमारा जीवन इसी प्रकार गुज़रता रहता है जिसमें हम एक के बाद एक इच्छा को पूरा करने में लगे रहते हैं। वास्तविकता यह है कि इच्छाओं का तो कोई अंत होता नहीं। जैसे ही हमारी एक इच्छा पूरी होती है, तो दूसरी उसकी जगह उत्पन्न हो जाती है। वो पूरी करने के बाद कोई तीसरी इच्छा हमारे मन में जाग उठती है, और उसके बाद एक और, और उसके बाद एक और। इस तरह हमारा जीवन बस इन इच्छाओं को पूरा करने में ही गुज़र जाता है।
चूँकि इंसानी जीवन इच्छाओं की पूर्ति पर ही आधारित है, तो आवश्यकता है सही इच्छा रखने की। सबसे पहले तो हमें एक लक्ष्य निर्धारित कर लेना चाहिए। और सही लक्ष्य केवल प्रभु को पाना ही है – अपनी आत्मा का मिलाप परमात्मा में करवाना। हम अपनी प्रत्येक सांसारिक इच्छा को पूरा करने में ही अपनी मूल्यवान साँसें ज़ाया कर लेते हैं। अंत में हम देखते हैं कि इनमें से कोई भी इच्छा हमें स्थाई सुख, ख़ुशियाँ और संतुष्टि प्रदान नहीं कर पाई है। यदि हम अपने सच्चे आत्मिक स्वरूप को जानने व परमात्मा को पाने की ही इच्छा रखेंगे, तो हम देखेंगे कि हमें किसी भी सांसारिक इच्छा की पूर्ति से कहीं अधिक ख़ुशी और संतुष्टि प्राप्त होगी।

दिल्ली सरकार से संवैधानिक अधिकार लेने के लिए सिख अल्प संख्यकों में जाग्रति अभियान शुरू

दिल्ली सिख गुरुद्वारा मेनेजमेंट कमेटी (DSGMC)ने अल्पसंख्यकों को उनके संवैधानिक अधिकार दिलाने के लिए सिखों में जागृति अभियान शुरू कर दिया है| गुरुद्वारा रकाब गंज न्यू दिल्ली परिसर में चलाये जा रहे जाग्रति अभियान का एक हिस्सा शिक्षा से भी जुडा है|
एस पी जी सी + दिल्ली माइनॉरिटी अवेयरनेस और डी एस जी एम् सी के सदस्य गुरमिंदर सिंह मथारू [S. Gurminder singh matharoo ] ने बताया कि सरकार ने अनेकों कल्याणकारी यौजनाएं चला रखी है| इनमे से स्कूल फीस की रिंबर्स्मेंट[ reimbursement of the fee from govt. ] भी है| एन सी टी सरकार के अलावा डी एस जी एम् सी द्वारा भी प्रतिवर्ष ऐसी यौजनाएं चलाई जाती है जिनके अंतर्गत प्रत्येक कमेटी सदस्य को ५ लाख रुपयों की निधि दी जाती है|५१ सदस्यों को प्रति वर्ष ढाई करोड़ रुपये एलोट किये जाते हैं| इस फण्ड को वितरित करने के लिए ११ हरि कृषण पब्लिक स्कूलों के अलावा अनेक छेत्रों में जाग्रति कैम्प भी लगाए जा रहे हैं| निर्धन कन्या की शादी+कीर्तन दरबार के लिए भी २ लाख से कम आय वालों के बच्चों को जिले के एस डी एम् से सर्टिफिकेट ला कर इस का लाभ उठाया जा सकता है| आज कल पब्लिक स्कूलों में २५०० से ३००० रुपयों की फीस देनी पड़ती है|ऐसे में यह सुविधा बड़ी राहत दे सकती है|इसीलिए दो लाख से कम आय वालों का सुविधा लेने के लिए एस डी एम् से आय का सर्टिफिकेट ले लेना चाहिए|

उत्तराखंड के विपदाग्रस्तों की सहायता के लिए आपसी तालमेल के साथ राहत और बचाव कार्य जारी हैं ;मनीष तिवारी

सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने उत्तराखंड में विपदा ग्रस्तों के लिए किये जा रहे राहत कार्यों का आज ब्यौरा दिया| सेना के वरिष्ठ अधिकारी और The प्रेस इन्फोर्मेशन ब्यूरो की प्रभारी श्रीमती नीलम कपूर भी उपस्थित थी|
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार की सभी एजेंसियां

आपसी तालमेल के साथ राहत और बचाव कार्य चला रही है

जिसके फलस्वरूप अभी तक ७०००० लोगों को बचाया जा चुका है|
[१]आज ही 10,000 लोगों को वायु और सड़क मार्ग से सुरक्षित स्थानों पर लाया गया है।
[२]आईटीबीपी ने आज 4000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।
[३] दुर्गम स्थल जंगलचट्टी में अब भी 400-500 लोग फंसे हुए हैंजंगलचट्टी में सेना पहुंच चुकी है।वहां से पैदल मार्ग बना दिया गया है।
[४] संपर्क मार्गों से कटे हुए केदारनाथ में सिर्फ 70-80 लोग फंसे हुए हैं। कल तक बचाव कार्य पूरा कर लिया जाएगा।
[५] गागरिया से सभी फंसे लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है।
[६] राष्ट्रीय आपदा राहत बल (एनडीआरएफ)+एनडीआरएफ ने गौरीकुंड से 347 लोगों को सुरक्षित निकाला। 149 साधु वहां अब भी मौजूद हैं। वे गौरीकुंड से आना नहीं चाहते। उनकी इच्छानुसार उन्हें वही छोड़ा गया है
[७]|गुप्तकाशी में स्वास्थ्य शिविर बनाया गया है।
सेना की भूमिका की सराहना करते उन्होंने बताया कि
[८] सेना ने आज 4000 लोगों को सुरक्षित निकाला जिनमें से 2000 लोग बुरी तरह फंसे थे।
[९] 390 लोगों को हेलिकॉप्टर से सुरक्षित स्थानों पर लाया गया।
[१०] हेमकुंड साहिब गोबिंद घाट में अब भी 100 लोग हैं। उनके लिए पर्याप्त भोजन और अन्य जरूरी चीजें वहां उपलब्ध हैं।
[११] बद्रीनाथ इलाके में 8000 तीर्थयात्री अब भी फंसे हैं। सेना कल दो पुलों को हवाईजहाज से गौचर तक ले जाएगी। सेना राष्ट्रीय पर्वतारोहण संस्थान का भी इस्तेमाल कर रही है।
[१२]खराब मौसम के बावजूद वायु सेना ने 2000 लोगों को सुरक्षित निकाला।
[१३]राहत और बचाव कार्य में कल वायु सेना के 43 , सेना के 11 , और निजी क्षेत्र के 7 विमान (कुल 61) और विमान शामिल होंगे।
गोचर में एटीएफ- एवियेशन टर्बाइन फ्यूल उपलब्‍ध कराने पर ध्‍यान केन्द्रित किया जा रहा है।
[१४]भारतीय वायु सेना को प्रतिदिन 55 किलोलीटर की जरूरत होगी, जिसका इंतजाम किया जा रहा है। अब तक बचाव कार्य में लगे हैलिकाप्‍टरों के लिए 110 किलोलीटर एटीएफ दिया गया है।
[१५]धरासू में ईंधन फिर भरने की सुविधा स्‍थापित फिर की जा रही है।
[१६] ईंधन फिर भरने के लिए आपूर्ति सुनिश्चित करने के उद्देश्‍य से 198 किलोलीटर एटीएफ भेजा जा रहा है,
[१७] 287 में 167 टॉवर आज दोबारा चालू किये गये।
उन्हने अह्वासन दिया कि कल[रविवार तक सभी टॉवर काम करने लगेंगे।

भाजपा का घोषित जेल भरो आन्दोलन स्थगित: उत्तराखंड में विपदाग्रस्तों की सहायतार्थ आन्दोलन चलेगा :डॉ एल के वाजपई

भाजपा का घोषित जेल भरो आन्दोलन स्थगित कर दिया गया है|यह स्थगन उत्तराखंड में आई प्राकृतिक आपदा के मध्यनजर किया गया है|
उत्तर प्रदेश भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ लक्ष्मी कान्त वाजपई ने बताया कि २६ से ३० जून तक राष्ट्रीय स्तर पर जेल भरो आन्दोलन चलाया जाना था लेकिन उत्तराखंड में हुई त्रासदी के पीड़ितों के कल्याण के कार्यों को प्राथमिकता दी जानी जरुरी है इसीलिए अब २६ तारीख को जेल भरो आन्दोलन स्थगित कर दिया गया है डॉ वाजपई ने बताया कि उन्होंने प्रदेश के कार्यकर्ताओं को निर्देश जारी किया है कि प्रत्येक जिले और तहसील में कार्यकर्ता दान पात्र लेकर जायेंगे और राहत सामग्री+धन राशि एकत्र करेंगे|उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में स्थिति बेहद चिंताजनक है और वहां दवाये+सूखा खाद्य सामग्री+तिरपाल तथा कम्बल भेजे जाने हैं|
डॉ वाजपई ने यह भी बताया कि २६ जून को राष्ट्रीय अध्यक्ष राज नाथ सिंह लखनऊ आयेंगे तब भाजपा के प्रदेश कार्यालय में उन्हें राहत राशि कि पहली किश्त भी सौंपी जाएगा| प्रदेशाध्यक्ष ने बताया कि इससे पूर्व भाजपा के ५५ विधायकों का एक माह का वेतन राहत कोष में भेजा जा चुका है|

“आप” पार्टी के कार्यकर्ताओं को जमानत तो मिली मगर रिहाई नही

आम आदमी पार्टी [आप]के १२ कार्यकर्ताओं को तीन दिन कस्टडी में रखने के पश्चात आज सिटी कोर्ट ने जमानत दे दी| इन्होने सामूहिक बलात्कार की शिकार एक महिला को न्याय दिलाने के लिए गोकुल पूरी पुलिस स्टेशन का घेराव किया था| मुकद्दमे की पैरवी वरिष्ठ वकील शांति भूषण और सोम नाथ भारती ने की जमानत[११] के पश्चात भी तकनीकी कारण बता कर इन्हें रिहा नही किया गया है| इन कार्यकर्ताओं को आज कड कड डूमा ऐ एस जे ब्रिजेश गर्ग की अदालत में प्रस्तुत किया गया|माननीय न्यायाधीश ने प्रतिवाद[ प्रोटेस्ट] के अधिकार को नागरिकों का मूल अधिकार माना और पुलिस की भूमिका की आलोचना की |इसके बावजूद मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट मस हरलीन सिंह ने केवल एक की जमानत को स्वीकार किया |शेष उम्मीदवारों के लिए प्रस्तुत जमानत को अस्वीकार किये जाने पर आप पार्टी ने आरोप लगाया है कि हरलीन सिंह द्वारा ही रात के २ बजे आप के घायल कार्यकर्ताओं को जुडिशियल रिमांड पर पोलिस के हवाले किया था | पट पड़ गंज से आप के उम्मेदवार मनीष शिशोदिया और गोपाल राय अपने सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ तिहाड़ जेल [गेट ३]पहुंचे और छोड़े गए एक मात्र कार्यकर्ता गुलशन कुमार का स्वागत करके कार्यकर्ताओं का हौंसला बढाया
उल्लेखनीय है कि १९ जून की रात आप पार्टी के १५ कार्यकर्ताओं को पोलिस ने हिरासत में लिया इनमे से महिला कार्यकर्ताओं को अगले दिन जमानत दे दी गई थी |

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सिख पंथ के सेवा सिद्धांतों का पालन करते हुए दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने उत्तराखंड में तीन जहाज भी लगाए

सिख पंथ के सिद्धांतों का पालन करते हुए दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने उत्तराखंड में विपदाग्रस्तों की सहायतार्थ युद्ध स्तर पर मानवीय सेवायें की जा रही है|इन्होने सेवा के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ते हुए हेलीकाप्टर और हवाई जहाज भी बचाव कार्यों में लगाए हैं|बसों द्वारा पीड़ितों को उनके घरों तक पहुंचाया जा रहा है|अभी तक १० बसों में यात्रियों को वापिस लाया जा चुका है|
कमेटी के प्रधान मंजीत सिंह [जी के]अपनी पूरी टीम के साथ पांच राहत शिविर चला रहे हैं|संयुक्त सचिव हरमीत सिंह कालका ने बताया कि जोशी मठ+श्रीनगर[उत्तराखंड]+गौचर+गोबिंद घाट+ऋषिकेश में शिविर लगाए गए हैं|इन शिविरों में जहां लंगर चलाये जा रहे हैं वहीं दवाएं और आर्थिक सहायता देकर पीड़ितों को उनके घरों तक पहुंचाया जा रहा है|यहाँ तक कि दूसरे शिविरों में फंसे लोगों को ला कर उनके गंतव्य स्थल पर छोड़ा जा रहा है| तीन जहाज +दो ट्रक+इक्कीस बसें लगाई गई है|बीबी मंदीप कौर बक्षी[प्रधान स्त्री अकाली दल] +समर्देप सिंह सन्नी+जसप्रीत सिंह विक्की मान+ परमिंदर सिंह मंजीत सिंह+जगजीवन सिंह+ कुलदीप सिंह भोगल+जतिंदर सिंह[पार्षद]अवतार सिंह कोहली+आदि अनेकों सेवा कार्यों में लगे हुए हैं|

उत्तराखंड में सिविल राहत राशि और सेना के खर्चे का आडिट भी करा लेना चाहिए

उत्तराखंड में आई प्राकृतिक आपदा से हुई जान माल की भारी हानि को लेकर बढ रहे ग्राफ में इस सप्ताहांत तक कोई स्थिरता नही आ पाई है | आने वाले दो तीन दिनों में वर्षा का अनुमान लगाया जा रहा है जिससे भयावहता के बढने की आशंका जताई जाने लगी है| भारतीय सेनाओं और आम जनता द्वारा राहत कार्य जारी हैं लेकिन राजनितिक दलों में हमेशा की तरह इस विपदा पर भी राजनीति शुरू हो गई है|
विपक्ष इस आपदा की विभीषिका को देखते हुए इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित किये जाने की मांग करने लगा है तो सत्ता रुड सरकारें इससे बचती दिख रही है|इसके बावजूद भी केंद्र सरकार ने एक हज़ार करोड़ रुपयों की सहायता का एलान किया है जिसमे से १४५ करोड़ रुपये रिलीज भी किये जा चुके हैं| कांग्रेस अध्यक्षा श्री मति सोनिया गांधी ने अपनी पार्टी के एम् पी और एम् एल ऐ को एक महीने का वेतन दान करने के निर्देश भी जारी कर दिए हैं|दूसरे प्रदेशों के सिख सगत +विपक्षी एम् एल ऐ+राहत भेजने लगे हैं यहाँ तक कि गुजरात के बहु चर्चित मुख्य मंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी देहरादून का दौरा करके गुजराती तीर्थ यात्रियों को बाहर निकालने में दिलचस्पी दिखाई है|कांग्रेस और भाजपा के विधायकों ने एक माह का वेतन दान करने की घोषणा की है|
आज न्यूज चैनलों ने एक चौंकाने वाला समाचार दिया है जिसके अनुसार स्थानीय प्रशासन ने सेना के हेलीकाप्टरों को तेल [ ऐ टी ऍफ़ ]देने से मना कर दिया है|
चैनलों पर लगातार दिखाया जा रहा है कि राहत कार्यों के तमाम दावे केवल हवाई ही साबित हो रहे हैं| अब यह स्वाभाविक सवाल पैदा उठता है कि सहायता राशि कहाँ जा रही है ? इस के मद्दे नजर यह कहना अभी जल्द बाजी कहा जा सकता है मगर पुराने अनुभवों को देखते हुए जरुरी जरुरी है कि सहायता राशि का साथ साथ आडिट भी कराया जाना चाहिए| स्वयम प्रधान मंत्री डॉ मन मोहन सिंह ने मनरेगा के एक कार्यक्र में मंत्री जय राम रमेश को सलाह देते हुए कहा था कि देखा गया है कि कई वर्षों के बाद आडिट में गड़े मुर्दे खुलते हैं ऐसे में हाथो हाथ आडिट करा लिया जाना चाहिए| उसी भावना के अंतर्गत अब इस राहत राशि का भी आडिट करा लिया जाना जरुरी है|
इसके अलावा यह भी देखा गया है कि सेना जब भी ऐड टू सिविल पॉवर में लगाई जाती है तो उसका खर्चा स्टेट को डेबिट किया जाता है |और उस खर्चे के आडिट का भी वोही हाल होता है जो सिविल में आडिट का होता है|इसीलिए सेना के खर्चे का भी आंतरिक और बाह्य आडिट करा लिया जाना चाहिए|
चूंकि आज कल इस विपदा को मानव निर्मित बता कर इसकी जांच कि मांग भी की जाने लगी है ऐसे में कोई शक नही कि मात्र एक वर्ष बाद होने वाले चुनावों में इसे मुद्दा बनाया जा सकता है इसीलिए अभी समय रहते दूध का दूध और पानी का पानी करलेना ही उचित होगा|इससे सरकार शासन का अस्तित्व दिखाई देगा| और समय रहते भ्रष्टाचार को हतोत्साहित किया जा सकेगा|

सोनिया गांधी ने कांग्रेस के सांसदों, विधायकों , को एक महीने का वेतन दान करने के निर्देश दिए

उत्तराखंड में विपदाग्रस्त लोगों की सहायतार्थ यूं पी ऐ की अध्यक्षा श्री मति सोनिया गांधी ने कांग्रेस के सांसदों+ विधायकों +विधान परिषद के सदस्यों को अपना एक महीने का वेतन दान करने के निर्देश जारी किये हैं|
कांग्रेस की सर्वोच्च नेत्री ने सभी लोकसभा और राज्यसभा सदस्यों को यह भी निर्देश दिया है कि वे राहत कार्यों के लिए सांसद निधि से 10-10 लाख रुपये उत्तराखंड की लिए दें।
उत्तराखंड में आई प्राकृतिक विपदा के हवाई निरीक्षण करने के बाद कांग्रेस ने अब ऐहतियाती कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। कांग्रेस के संचार विभाग के प्रभारी महासचिव अजय माकन ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी। श्री मति सोनिया पुनः उत्तराखंड में राहत कार्यों का जायजा लेने जायेंगी|
।जान और मॉल की हानि का ग्राफ निरंतर ऊपर जा रहा है| भारतीय फौज का भी यही कथन है कि इससे पूर्व ऐसा विशाल अभियान नहीं छेड़ा गया यहाँ तक कि फौज का सबसे बड़ा हेलीकाप्टर राहत कार्यों में लगाया गया है पार्टी सचिव संजय कपूर और सेवा दल प्रमुख महेंद्र जोशी को राहत कामों की निगरानी के लिए देहरादून रवाना किया गया है\
बेशक अभी तक सरकार ने इस आपदा को राष्ट्रीय आपदा नही माना है लेकिन राहत कार्यों को राष्ट्रीय स्तर पर किये जाने के निर्देश दिए जाने लगे हैं| अजय माकन को कांग्रेस कि छवि सुधारने के लिए मंत्री मंडल से अलग किया गया लेकिन उसके तत्काल पश्चात अजय माकन की क्षमता की परीक्षा भी शुरू हो गैई है|शुरू में उन्होंने पार्टी की वेबसाईट पर १९ जून तक श्रीमती सोनिया गांधी के दौरे की संक्षिप्त जानकारी तोअप लोड की लेकिन इस प्राकृतिक आपदा से जूझने के लिए इन नवीनतम आदेशों को २१ जून तक अप्लॉद करना भूल गए |

आधी आबादी की एक तिहाई महिलाएं घरेलू हिंसा की शिकार है: 1/3 of 1/2 community is Victim of Physical or sexual violence

[ जिनेवा ] दुनिया की आधी आबादी की एक तिहाई महिलायें घरेलू हिंसा की शिकार है। एशिया और मध्य पूर्व के देशों में स्थिति और भी गंभीर है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने लन्दन स्कूल आफ हाईजीन & ट्रोपिकल मेडिसिन्स +साउथ अफ्रीकन मेडिकल रिसर्च कौंसिल के साथ मिल कर इकठ्ठा किये गए दुनिया के 80 देशों के आंकड़ों के आधार पर बृहस्पतिवार को यह बात कही है।
पहली बार दुनिया भर के महिलाओं के खिलाफ हिंसा और इसका उनके स्वास्थ पर पड़ने वाले प्रभाव के आंकड़ों का अध्ययन किया गया है। इसके आधार पर डब्लू एच ओ ने कहा है कि दुनिया भर में 30 % महिलाएं अपने जीवन साथी के हाथों ही हिंसा का सामना करने को अभिशिप्त हैं| यहाँ तक कि उच्च आय वाले देशों में भी चौंकाने वाले आकडे आये हैं| एशिया में भारत, श्रीलंका, थाइलैंड, बांग्लादेश, म्यांमार जैसे देशों की 37.7 %महिलाएं घरेलू हिंसा की शिकार हैं। दूसरे नंबर पर खाड़ी के देश हैं जहां यह दर 37 % है। अफ्रीकी देशों में यह 36.6 % है।
इस प्रकार की हिंसा का प्रभाव बताते हुए कहा गया है कि अस्थि भंग से लेकर गर्भ पात और मानसिक रोग भी देखे गए हैं डब्लू एच ओ की माहा निदेशक |डॉ मार्गरेट चान ने इसे एपिड्मिक प्रोपोर्शन [ . epidemic proportions ] जैसा घातक बताया है|
रिपोर्ट के अनुसार पार्टनर्स द्वारा ३८% महिलाओं की हत्या हुई+४२% अन्य घरेलू हिंसा की शिकार है|
स्टडी में महिलाओं के प्रति हिंसा के लिए जीरो टालेरेंस की गाईड लाईन दिए जाने की आवश्यकता पर बल दिया गया है| रोकथाम के लिए बेहतर रिपोर्टिंग +ट्रेनिग+ परामर्श केंद्र जरुरत बताई गई|
डॉ चान ने मार्च २०१३ में संयुक्त राष्ट्र में महासचिव का कार्य भार संभाला था| और महिलाओं के प्रति हिंसा कि घटनाओं के लिए जीरो टालेरेंस की गाईड लाईन दी थी|

प्राकृतिक विपदा पर राजनीतिक दोषारोपण के गेम को जवाब देते हुए सेना और समाज उतरदाईत्व निभा रहे हैं

उतराखंड में आई प्राकृतिक विपदा के कारणों पर दोषारोपण की राजनीति को दरकिनार करके जहाँ भारतीय फौजें जी जान से विपदाग्रस्त लोगों को बचाने का सराहनीय प्रयास कर रही हैं वही सीमाओं के अन्दर सुरक्षित जनता भी अपने सामजिक उतरदाईत्व का निर्वाह करते हुए प्रतिदिन राहत सामग्री भेज रहे हैं|दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी और मेरठ से शिव कांवड़ सेवा संघ ने राहत सामग्री भेजी है|
दी एस जी एम् सी ने २१ बसों को लगाया है और २ ट्रक भर कर राहत सामग्री भेजी है जिसमे से ४ बसें तीर्थ यात्रियों को सकुशल लेकर लौट आई हैं|उन्हें उनके घरों पर पहुँचाया गया है|इससे पूर्व अध्यक्ष मंजीत सिंह जी के के निगरानी में दो हवाई जहाज भर कर दवाये और खाद्य सामग्री भेजी जा चुकी हैं|गौचर हेलीपैड पर विशेष लंगर शिविर लगाया गया है|यहाँ दवाओं की व्यवस्था भी की गई है|इसके अलावा दिली यमुना किनारे बाड़ शिविरों में भी ५००० लोगों के लिए लंगर भेज गया है| समर्दीप सिंह+सुखविंदर सिंह+जसप्रीत सिंह+आदि सेवा दे रहे हैं|
मेरठ में दाता राम गुप्ता की अध्यक्षता में एक जत्था उत्तराखंड शास्त्री नगर से रवाना किया गया | जीतेन्द्र अग्रवाल+ममता ने झंडी दिखा कर रवाना किया गया |ताहिर अली+राम गोपाल अग्रावाल+मुनीश संजय+आदि उपस्थित थे| सुशील कुमारपटेल +अनिल भाई+सुरेन्द्र सिंघल+मोनू+सोनू+डॉ एस मालिक+