आवास एवं शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय ने उत्तराखण्ड त्रासदी में ध्वस्त हुए मकानों के पुननिर्माण में मदद करने के लिए १० हजार मकान निर्माण का ऐलान किया है|इसके लिए [१]आवास एवं शहरी विकास निगम लिमिटेड[२] हुडको[३] भवन सामग्री [४] प्रौद्योगिकी संवर्धन परिषद[५] बीएमटीपीसी [६] हिंदुस्तान प्रिफैब लिमिटेड-एचपीएल की सहायता ली जायेगी|
आवास एवं शहरी गरीबी उपशमन मंत्री डॅा. गिरिजा व्यास ने मीडिया के साथ बातचीत में यह बात कही कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रूडकी के विशेषज्ञों को भी टीम में शामिल कर इसे और सशक्त बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह टीम शनिवार और रविवार को प्राकृतिक आपदा ग्रस्त उत्तराखण्ड का दौरा कर हानि का जायजा लेगी।
डॅा. व्यास ने कहा कि सभी प्रभावित नगर पालिकाओं/ अधिसूचित क्षेत्रीय परिषदों में आपदा ग्रस्त क्षेत्रों को फिर से विकसित करने के लिए ,राजीव आवास योजना के अधीन लाकर, गरीबों के नष्ट हुए मकानों को फिर से बनाने में मदद की जा सकती है | उन्होंने कहा कि राजीव आवास योजना के अंतर्गत मंत्रालय द्वारा दस हजार मकान पुनर्निमित किए जाएंगे। 18 से 20 वर्षों के लिए तीन हजार करोड़ रूपये का दीर्घकालीन सुलभ ऋण मुहैया कराने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा स्वर्ण जयंती शहरी रोजगार योजना/ राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन-एनयूएलएम भारत सरकार के श्रम मंत्रालय के माध्यम से शहरी क्षेत्रों में आजीविका के लिए प्रशिक्षण और स्व रोजगार के लिए मदद देगा। मंत्रालय ने भारत सरकार के विभिन्न योजनाओं तथा फंडों के माध्यम से आवासों के निर्माण के काम के समन्वय का भी प्रस्ताव रखा है तथा बाढ़ और चट्टान खिसकने से प्रभावितों के लिए पुनर्वास कार्यों के लिए 1.25 करोड़ रूपये प्रदान किए हैं। उन्होंने कहा कि उनके मंत्रालय तथा संबंधित कार्यालयों और सार्वजनिक क्षेत्र की इकाईयों के सभी कर्मचारियों ने उत्तराखण्ड में राहत के लिए अपने एक दिन का वेतन सौंपा है।