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इसरो ने पहला नौवहन सेटेलाइट आइआरएनएसएस-1ए स्थापित करके चीन ,अमेरिका और रूस की बराबरी की

अन्तरिक्ष छेत्र में भारत ने एतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए रूस+यूं एस ऐ और चीन के बराबरी की और पहला नौवहन सेटेलाइट आइआरएनएसएस-1ए सोमवार मध्यरात्रि 11.41 बजे श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किया|
यह उपग्रह भारतीय सीमा से 1500 किलोमीटर के दायरे में नजर रखने में सक्षम है। इसे समुद्री नौवहन के लिए दूसरे देशों पर निर्भरता खत्म करने की राह में ऐतिहासिक कदम है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पीएसएलवी-सी22 रॉकेट के जरिये ,पहला नौवहन सेटेलाइट , श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से रात 11.41 बजे छोड़ा गया। 44 मीटर लंबे और 1425 किलो वजनी आइआरएनएसएस-1ए IndianRegionalNavigationSatelliteSystem(इंडियन रीजनल नेवीगेशन सेटेलाइट सिस्टम) का पहला उपग्रह है। इस सेटेलाइट से धरती, आकाश और समंदर में पड़ोसी देशों की भी निगरानी की जायेगी|
इस श्रृंखला के सात सेटेलाइट 2015 तक चरणबद्ध तरीके से छोड़े जाएंगे। पूरी परियोजना पर 1420 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
प्रक्षेपण के करीब 20 मिनट बाद रॉकेट ने आईआरएनएसएस-1ए को उसकी कक्षा में स्थापित कर दिया।
इसरो के अध्यक्ष के राधाकृष्णन ने कहा कि आईआरएनएसएस-1ए को सफलता पूर्वक कक्षा में स्थापित कर दियाहै ।