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एक करोड़ भारतीयों की पहली पसंद आर्थिक तंगी झेल रहे अमेरिका में स्थाई रूप बसना है:Question Mark On Indian Development

 एक करोड़ भारतीयों की पहली पसंद आर्थिक तंगी झेल रहे अमेरिका में स्थाई रूप बसना है:Question Mark On Indian Development

एक करोड़ भारतीयों की पहली पसंद आर्थिक तंगी झेल रहे अमेरिका में स्थाई रूप बसना है:Question Mark On Indian Development

बेशक भारत और चीन आर्थिक रूप से शक्तिशाली होते जा रहे हैं और अमेरिका आर्थिक तंगी का रौना रोने लग गया है इसके बावजूद अभी भी चीन और भारत जैसे विकासशील देशों के करोड़ों नागरिकों की पहली पसंद अमेरिका में बसना ही है| यह तथ्य गैलप सर्वे में दर्शाए गए हैं|
गैलप के ताज़ा सर्वेक्षण में बताया गया है कि दुनियाभर के 10 करोड़ से भी ज्यादा लोग अमेरिका में बसना चाहते हैं|इसके १०% भारतीय हैं| यह भारत में विकास के दावों पर एक बड़ा प्रश्न चिन्ह है|
इसके अलावा चीन के 1.9 करोड़ और नाइजीरिया के 1.3 करोड़ लोगों की समान पसंद है|
गैलप की ओर से किए गए सर्वेक्षण के मुताबिक वैश्विक स्तर पर सबसे ज्यादा माइग्रेशन विशाल आबादी वाले चीन और भारत जैसे देशों से ही होगा।
ब्राजील एवं बांग्लादेश के 60-60 लाख लोग अमेरिका में स्थायी रूप से बसने की इच्छा रखते हैं।आश्चर्य जनकरूप से बड़ी आबादी वाले ईरान और पाकिस्तान से बहुत ज्यादा लोग इंट्रेस्टेड नही हैं|
पाकिस्तानी लोगों के लिए सऊदी अरब और ब्रिटेन पहली पसंद है| ईरानी लोगों की पहली पसंद जॉर्डन और लेबनान बताई गई हैं।
गैलप के मुताबिक अमेरिका में स्थायी रूप से बसने की इच्छा रखने वाले लोगों का प्रतिशत खास दिलचस्प है।
लाइबेरिया के 37 % लोग अमेरिका में स्थायी रूप से बसना चाहते हैं। सियरा लियोन और हैती के 25 % लोग ऐसा चाहते हैं। अमेरिका में स्थायी रूप से बसने की इच्छा रखने वाले शीर्ष तीन देश अफ्रीकी महाद्वीप के हैं। दुनियाभर की 13 %युवा आबादी यानी करीब 63 करोड़ लोग अपना देश छोड़कर स्थायी रूप से किसी दूसरे देश में बसना चाहते हैं।गैलप सर्वे
दुनियाभर के 10 करोड़ से भी ज्यादा लोग बसना चाहते हैं अमेरिका में
दुनियाभर के लोगों के लिए अमेरिका अब भी है बसने की पसंदीदा जगह
चीन के 1.9 करोड़ और नाइजीरिया के 1.3 करोड़ लोगों की पसंद अमेरिका