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दिल्ली के २ वरिष्ठ नागरिकों को वयोश्रेष्ठ सम्मान तो दिया लेकिन दिल्ली के ही पच्चासियों बुजुर्गों को खुले असमान के नीचे रात बिताने पर मजबूर किया

अंतर्राष्‍ट्रीय वृद्धजन दिवस के अवसर पर दिल्ली के २ वरिष्ठ नागरिकों को वयोश्रेष्ठ सम्मान दिया और दिल्ली के ही पच्चासियों बुजुर्गों को खुले असमान के नीचे रात बिताने पर मजबूर किया | दिल्‍ली के पॉश इलाके वसंत कुंज में लीज समाप्‍त होने से एक ओल्‍ड एज होम (वृद्धाश्रम) बंद कर दिया गया और बुजुर्गों सहित डेड़ सौ लोगों को मंगलवार की पूरी रात सड़कों के किनारे बितानी पड़ी।
दिल्ली के दो वरिष्ठ नागरिकों को वयोश्रेष्ठ सम्मान देने के साथ ही दिल्ली के ही पच्चासियों बुजुर्गों के सर से छत छीन कर उन्हें खुले आसमान के नीचे रात बिताने पर मजबूर किया गया | यह बात जब मीडिया में सुर्खियाँ बनी तब जा कर दिल्ली की सरकार हरकत में आई और मंत्री किरण वालिया ने २ अक्टूबर को यह घोषणा की कि फिलहाल एन जी ओ के लिए भूमि तो नहीं दी जा सकती हां इन होमलेस बजुर्गों को नरेला के ओल्ड एज होम में शिफ्ट जरूर किया जा रहा है|
इससे पहले मंगलवार को जब दुनियाभर में वरिष्ठ नागरिक दिवस मनाया जा रहा था तब दिल्ली में राष्‍ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने एक समारोह में वरिष्‍ठ नागरिकों के लिए अंतर्राष्‍ट्रीय वृद्धजन दिवस के अवसर पर प्रथम राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार ”वयोश्रेष्‍ठ सम्‍मान 2013” प्रदान किये।महाराष्ट्र के हिस्से में चार +कर्नाटका को ==१ और मध्य प्रदेश के हिस्से में एक पुरूस्कार आया जबकि दिल्ली को दो पुरूस्कार दिए गए दिल्ली के[१] पुरूष एथ‍लीट78 वर्षीय डॉ. गुरबचन सिंह रंधावा[२] खेलों तथा साहसिक कार्य (महिला) हेतु 65 वर्षीय श्रीमती दमयन्‍ती विजय ताम्‍बे भाग्य शाली रहे| इस राष्ट्रीय समारोह में राष्‍ट्रपति ने इस बात पर ज़ोर दिया कि बुज़ुर्गों के लिए समाज द्वारा विकसित किये गये सुरक्षा प्रबंध को किसी भी तरह के नुकसान से बचाना आवश्‍यक है। बुजुर्ग नागरिकों के प्रति अधिक संवेदनशील रहना हमारा कर्तव्‍य होना चाहिए। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे अपना प्रत्‍येक दिन भरपूर रूप से, एक सेहतमंद, गौरवशाली व उपयोगी जीवन के रूप में जियें
लेकिन इसके ठीक विपरीत दिल्ली में ही पचासों बुजुर्गों से उनका आशियाना छीनकर उनको सड़क पर रहने के लिए मजबूर कर दिया गया|
बेसहारा बुजुर्गों की पथराई आखों में सुब‍ह से लेकर रात तक यही आस थी कि शायद कहीं उन्‍हें अपना बसेरा मिलेगा मगर ऐसा नहीं हुआ।
गौरतलब है कि वसंतकुंज में निजी जमीन पर चल रहे इस अनाथालय में हर तरह के लोग थे। बुजुर्ग+बीमार + विकलांग और घर से निकाले गये लोग। जमीन की लीज ना बढ़ाने के चलते बुजुर्गों का ये अनाथालय बंद हो गया। फिलहाल एक एनजीओ इन बुजुर्गों की मदद कर रहा है और सरकार से एक एकड़ जमीन के लिए गुहार लगा रहा है।