फिलिन तूफान[ cyclone Phailin ] का प्रभाव बेशक कम हो गया है लेकिन अपने पीछे तबाही फैला गया है जिससे पीड़ितों को उभारने के लिए सेना के सभी अंग मुस्तैदी से जमे हुए हैं|
भारतीय वायुसेना ने आज पूर्वी वायु कमान एयरबेस बैरकपुर से चार एम आई-17 वी 5 हेलीकॉप्टर उड़ीसा के बालासोर तथा चांदीपुर से सटे इलाकों में राहत और बचाव कार्य के लिए भेजे हैं।
इन इलाकों में रात भर वर्षा होने से बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है। प्रभावित इलाकों में रेमुना, धर्मपुर तथा बदपाल हैं। इन क्षेत्रों में राज्य प्रशासन द्वारा मुहैया कराए गए खाने के लगभग 15,000 पैकेट गिराए गए। चार उड़ानों में 5.5 टन की सामग्री गिराई गई। एम आई-17 वी 5 हेलीकॉप्टरों के जरिए भारतीय जल सेना के गोताखोर भी उन इलाकों में गए जो जल से भर गए हैं। बालासर और चाँदीपुर के गंभीर रूप से प्रभावित इलाकों से इन गोताखोरों को हेलीकॉप्टर से लाया गया है।
थल सेना ने भी राहत और बचाव कार्य के लिए बालासोर में एक कालम तैनात किया है। गोपालपुर से कार्य कर रहा सेना का इंजिनियरिंग कार्यबल सोमवार को सबेरे छतरपुर के पीथल गांव की ओर बढ़ा। यह स्थान गंजाम से 100 किलोमीटर पश्चिम में है।
उड़ीसा में भारतीय सेना की त्वरित मेडिकल टीम भी तैनात की गई है
भारतीय वायुसेना का 37 सदस्यीय त्वरित चिकित्सा दल फिलिन तूफान के बाद चिकित्सा आपदा से निपटने के लिए असम के जोरहाट से उड़ीसा पहुंचा। इसमें एक सर्जन, एक निश्चेतक (एनेस्थेटिस्ट) तथा एक महिला चिकित्सा अधिकारी हैं। इस दल के साथ दो नर्सिंग अधिकारी तथा अन्य पारामेडिकल कर्मी हैं।
दल का नेतृत्व कर रही डॉक्टर स्केवर्डन लीडर लवनीत कौर ने कहा कि हमने हर स्थिति से निपटने की तैयारी की है।
शल्य चिकित्सा विशेषज्ञ विंग कमांडर एस वी कुलकर्णी ने बताया कि हमारी टीम ने घायल 30 मरीजों का ईलाज किया, इनमें अधिकतर बच्चे और महिलाएं थीं।
भारतीय वायुसेना ने आपदा स्थित से निपटने के लिए 1999 में बंगलौर, जोरहाट तथा हिंडन में त्वरित मेडिकल टीम का गठन किया था। अब यह दल बहरामपुर से भुवनेश्वर चला गया है
फोटो कैप्शन [१]Relief packets being dropped from a plane in a locality after heavy rains in the aftermath of super cyclone Phailin, in Balasore, Odisha.