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बिहार में दूषित मिड डे मील के भयावह काण्ड से सबक लेते हुए प्रदेश सरकार ने अनेक सुधारों का एलान किया

बिहार में दूषित मिड डे मील के भयावह काण्ड से सबक लेते हुए प्रदेश सरकार ने अनेक सुधारों का एलान किया है|शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव अमर जीत सिन्हा ने शिक्षा विभाग के सभागार में आयोजित पत्रकार वार्ता में बताया कि मरने वाले अभागे २३ बच्चों में १२ छात्राएं और ११ छात्र हैं| छपरा मशरख के नव सृजित प्राथमिक विद्यालय धर्मासती गंडामन की प्रिंसिपल श्रीमती मीना कुमारी के निलंबन की संतुति कर दी गई है| बिहार प्रदेश में ७१००० विद्यालयों में १.३० करोड़ बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं|७०२६० प्राथमिक विद्यालयों में से केवल ३५०० विद्यालयों में ही एन जी ओ के द्वारा मिड डे मील उपलब्ध कराया जाता है| सीमित संसाधनों में इतनी बड़ी संख्या में छात्रों को भोजन करना एक बेहद चुनौती भरा दाईत्व है|जिसे स्वीकार करते हुए अब और कदम उठाये जा रहे हैं|उन्होंने बताया कि :
[१] विद्यालय शिक्षा कमेटी के सदस्यों कि संख्या बढ़ाई जायेगी
[२]मिड डे मील यौजना व्यवस्था में सुधर एवं आधार भूत संरचना विकास के त्वरित और ठोस प्रयास किये जायेंगे
[३]विद्यालयों में किचन शेड बनेंगे
[४]सम्बंधित स्टाफ को निरंतर प्रशिक्षण दिया जाएगा| निदेशक आर लक्ष्मण ने भी संबोधित किया
गौरतलब है कि १६ जुलाई को मशरख के अभागे स्कूल में दूषित मध्य दिन का भोजन खाने से २३ बच्चो की मौत हो गई और अनेको घायल हो गए है |श्री सिन्हा ने इसके पीछे षड्यंत्र बताते हुए कहा है कि यह केस फ़ूड पायजनिंग का नही वरन फ़ूड में पायजन का है|