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१०० करोड़ का लक्ष्य प्राप्त करने के पश्चात फिल्म ये जवानी है दीवानी पर मुकदमे बाजी समझ से परे हैं

प्रेम कहानी के प्रसार +प्रचार के बल पर मात्र एक सप्ताह में ही १०० करोड़ रुपयों का कारोबार कर चुकी हिंदी फिल्म

ये जवानीहैदीवानी

में यूं तो कई विवादस्पद डायलाग+सीन+घटनाएँ हैं मगर व्यवसाईक हानि के मध्य नज़र शरबत निर्माता कम्पनी ने दिल्ली उच्च न्यायालय में वाद दायर करके फिल्म के टी वी प्रसारण पर रोक लगवा दी है|
यूनानी फार्मूले पर आधारित शरबत रूह-आफजा कम्पनी द्वारा दाखिल एक वाद पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने कुछ आपत्तिजनक संवादों के कारण इस ‘ फिल्म को टीवी पर रिलीज करने से प्रतिबंधित कर दिया।
माननीय न्यायाधीश मनमोहन सिंह ने सोमवार को आदेश में कहा कि राज कपूर के पौत्र रणबीर कपूर और दीपिका पादुकोण अभिनीत फिल्म के प्रसारण पर यह प्रतिबंध सिनेमाघरों पर लागू नहीं होगा।
फिल्म में हीरो रणबीर का पिता और माता रूह आफजा के शौकीन हैं मगर नई पीडी का हीरो अपनी मां से ये कहता है कि आपका रूह-आफजा अच्छा नहीं है. इस संवाद पर कंपनी ने ऐतराज जताया है| .
न्यायालय ने फिल्म के निर्देशक, निर्माता एवं संवाद लेखक को नोटिस भी जारी किया है और मामले की सुनवाई 16 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी है ।
शरबत निर्माता कंपनी ने दावा किया कि शरबत के उत्पाद नाम को भारत और भारत से बाहर घर-घर में जाना जाता है और फिल्म में यूनानी पद्धति पर बने इस उत्पाद के संबंध में कुछ आपत्तिजनक संवाद हैं।
गौरतलब है कि नई पीडी को एड्रेस करती इस फिल्म में युवाओं कि पसंद साफ्ट के साथ हार्ड ड्रिंक पसंद है लेकिन अपने पिता की मृत्यु के पश्चात जब हीरो अपनी विधवा सौतेली माँ का दिया हुआ रूह आफजा पीता है तो घूँट पी कर हँसते हुए कहता है कि तुम्हारा रूह आफजा अच्छा नही है|यह कहने के बावजूद वह शरबत पी जाता है|इस से रूह आफजा की लोक प्रियता और टेस्ट प्रमाणित होती है| इसके उपरान्त भी कम्पनी का विरोध समझ से परे हैं|
[१] इसके अलावा युवा कलाकार मनाली जाते समय कई बार कहते हैं कि पहाडनों [ GirlsOfHills ] को नही छोड़ेंगे [२]सह्नायक खुले आम क्रिकेट बेटिंग करता है [३]एक वर्ग और छेत्र विशेष कि महिलायें दारू पीती दिखाई गई हैं|[४]पत्रकार को भी जुआ खेलते औरतों से सम्बन्ध स्थापित करते दिखाया गया है|
इसके अलावा भी कई संवाद हैं मगर किसी पर भी आपत्ति नही की गई है|अब

१०० करोड़ का लक्ष्य प्राप्त करने के पश्चात यह मुकदमे बाजी समझ से परे हैं

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