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भारतीय सेना का मूवमेंट मीडिया के लिए अछूता नहीं रहा|

देश की सर्वोच्च अदालत ने शुक्रवार १४-९-२०१२ को सेना कूच[मार्च] की रिपोर्टिग पर रोक के इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के फैसले को रद्द कर दिया है| अब सेना का मूवमेंट मीडिया के लिए अछूता नहीं रहा|
उल्लेखनीय है कि भारतीय प्रेस परिषद ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था जिसमें सैनिकों के कूच करने के मुद्दे पर मीडिया के रिपोर्टिग करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
मालूम हो कि बीते 10 अप्रैल को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के न्यायमूर्ति उमानाथ सिंह और न्यायमूर्ति वीरेंद्र कुमार दीक्षित द्वारा विभिन्न केंद्रीय और राज्य सरकार के अधिकारियों को निर्देश दिया गया था कि वे इस बात को सुनिश्चित करें कि सैनिकों के कूच करने के संबंध में प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया कोई रिपोर्टिग न करे या कोई खबर नहीं जारी करे।
केंद्रीय गृह सचिव, सूचना एवं प्रसारण सचिव और उत्तर प्रदेश सरकार के प्रमुख सचिव (गृह) को ये निर्देश दिए गए थे। प्रेस कौंसिल आफ इंडिया के [पीसीआई] अध्यक्ष एवं सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति मार्कंडेय काट्जू के जरिए इन निर्देशों को चुनौती दी गई थी जस्टिस काटजू द्वारा दायर याचिका में कहा गया कि यह आदेश मीडिया और देश के हर नागरिक को संविधान के अनुच्छेद 19 (1) ए के तहत दिए गए मौलिक अधिकार का उल्लंघन करता है।

Comments

  1. Ethel says:

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