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कोलम्बस के इंडिया में भी वास्को के इंडिया की तरह ही पैंठ,हाट लगती है

कोलम्बस के इंडिया में भी वास्को के इंडिया की तरह ही पैंठ,हाट लगती है
कोलम्बस के इंडिया [यूं एस ऐ] में आज कल भीषण गर्मी जारी है ।बीते दिनों पारा १०० डिग्री ऍफ़ एच से ऊपर जा चूका है ।जाहिर ऐसे में ठन्डे पानी की तलाश रहती ही है ।लेकिन रोजी रोटी के लिए महनत कशों की यहाँ भी कमी नही है अभी दो तीन दिन से आसमान से बारिश के रूप में पानी बरस रहा है लेकिन गर्मी का तापमान कुछ विशेष राहत देता नही दिख रहा इसके बावजूद भी बड़े बड़े माल के साथ ही इन बाज़ारों की रौनक भी बरकरार है ।

Tourists from India Enjoying the market

Tourists from India Enjoying the market

गर्मी में रोजी रोटी के लिए कशमकश करने वालों की यहाँ भी कमी नही है।ऐसा ही एक बाज़ार शनिवार को लगता है ।वास्को डी गामा के इंडिया में भी ऐसे बाज़ार लगते हैं जहाँ ऐसे बाजारों को साप्ताहिक पैंठ +हाट + कबाड़ी बाज़ार और कहीं कहीं तो चोर बाज़ार भी कहा जाता ।
ऐसे बाज़ारों में सस्ता सामान मिल जाता है ।एक अमेरिकी [भारतीय ६० रुपये] डालर में घर की जरुरत पूरी हो सकती है।कुछ लोग नया सा दिखने वाला या फिर यदाकदा नया भी ले आते हैं ।उसकी कीमत उसी हिसाब से तय की जाती है।
जानकारों का कहना है कि बड़े स्टोरों में कोई माल अरसे तक नही बिकता या फिर कोई डिफेक्ट दिखाई देता है तो यहाँ डाल दिया जाता है। बहुतेरे लोग अपने पुराने सामान को अपने गैराज में सेल लगा कर बेच देते हैं जो इन बाज़ारों की शौभा बढाता है । कुछ गिनती के ऐसे भी होते हैं जिन्हें दान में कपडे वगैरह मिलते हैं सो उनके रोजगार भी भी यहाँ व्यवस्था हो जाती |आस पास के इलाकों से सब्जी फ्रूट के रूप में लाये जाने वाले गृह उत्पादों को भी मार्किट मिल ही जाती है |
वैसे यह भी बताता चलूँ कि यहाँ भी मौल भाव करते ग्राहक देखे जा सकते हैं ।इसके आलावा टूरिस्ट लोग भी यहाँ के अनुभवों को कैमरे में कैद करते दिख जाते हैं । हाँ एक अहम् बात तो रह गई अगर आपको एक डालर का कोई सामान लेना है और आप अपने वहां से आये हैं तो आपको पार्किंग के लिए मात्र पांच [भारतीय ३ ० ० रुपये]डालर देने होंगे क्या करें गंदा है पर धंदा है |