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नागरिक उड्डयन मंत्री अजित सिंह ने अनुशासन हीन अधिकारियों को दण्डित किया:ऐ आई के जी एम् को हटाया

घाटे से एयर इंडिया [ए आई] को उबारने के लिए किये जा रहे प्रयासों को लग रहा कोहरे और कर्मियों का ग्रहण हटने का नाम नहीं ले रहा है|सरकार के तमाम दावों को झुटलाते हुए कोहरे के कारण जहां एयर इंडिया की भी फ्लाईट्स कैंसिल की जा रही है वही मोटे पे पॅकेज वाले कर्मचारियों की अनुशासनहीनता के कारण ऐ आई पर अतिरिक्त खर्चे का भार पड़ रहा है|ऎसी ही एक अनुशासन हीनता के कारण मुम्बई से सिंगापुर की उड़ान को रद्द करना पडा जिसके फलस्वरूप लगभग २६० यात्रियों को होस्पिटलिटी मुहैय्या करवानी पड़ी

Civil Aviation Minister Ch. Ajit Singh

उड़ान का समय बुधवार[१/२जनवरी ] सुबह पांच बजे का था, लेकिन कॉकपिट चालक दल के कमांडर सदस्यों की उपलब्धता न होने के कारण उड़ान रद्द की गई। यात्रियों को जल्दी से जल्दी उनके गंतव्य तक पहुंचाने की पूरी कोशिश किये जाने के दावे किये जा रहे हैं इसीबीच सभी फंसे यात्रियों को होटल और दूसरी सुविधाएं मुहैया कराई हैं।
इस अनुशासन हीनता को गंभीरता से लेते हुए एयर इंडिया के जनरल मैनेजर (ऑपरेशंस) कैप्टन एच. वाई. सामंत [General Manager (Operations), Capt. H.Y. Samant]को निशान बना कर उन्हें पद से हटा दिया गया है। यह कार्रवाई नागरिक उड्डयन मंत्री अजित सिंह के निर्देश पर की गई।
बताया गया है की एयर इंडिया की मुंबई-सिंगापुर फ्लाइट के लिए कोई पायलट उपलब्ध नहीं था। इस वजह से मंगलवार और बुधवार के बीच की फ्लाइट रवाना नहीं हो सकी। इस फ्लाइट के लिए कैप्टन आर. एस. ढिल्लों की ड्यूटी थी, लेकिन ट्रेनिंग के दस्तावेजों से छेड़छाड़ के मामले में उन्हें 31 दिसंबर को सस्पेंड कर दिया गया था।
मंत्रालय का कहना है कि प्राथमिक जांच में ढिल्लों के खिलाफ आरोप सही पाए गए थे। निलंबन के बारे में एयर इंडिया के जनरल मैनेजर कैप्टन एच. वाई. सिंह को सूचना भी दे दी गई थी। बावजूद इसके उन्होंने मुंबई-सिंगापुर की उड़ान के लिए वैकल्पिक इंतजाम नहीं किया। जिसका नतीजा यह हुआ कि मंगलवार और बुधवार के बीच पायलट न होने की वजह से उड़ान रद्द कर देनी पड़ी जिसकी वजह से पैसेंजरों को असुविधा हुई|
३१ दिसंबर को सस्पेंड किये गए कैप्टन आर. एस. ढिल्लों के रिप्लेसमेंट के लिए जिम्मेदार मेनेजर सामंत के निलंबन की जस्टिफिकेशन तो जाँच में ही हो पायेगी मगर पहली नज़र में दिखाई देता है की कटें ढिल्लों के निलंबन के आदेश की सूचना एयर इंडिया के जनरल मैनेजर कैप्टन एच. वाई. सिंह को दी गई थी जबकि उस आदेश को घूम फिर कर जनरल मैनेजर (ऑपरेशंस) कैप्टन एच. वाई. सामंत तक आना लाज़मी था|इस पूरी प्रक्रिया में कितनी देर हुई ये तो जांच के बाद ही सामने आ पायेगा मगर फिलहाल घाटे में चल रही और सरकारी बैल आउट पॅकेज पर निर्भर एयर इंडिया पर अतिरिक्त खर्चे का भर पड़ ही गया है|और एयर इंडिया की प्रतिष्ठा पर लगा प्रश्न चिन्ह बड़ा हो गया है|