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भूतपूर्व सैनिक रैली का शुभारंभ: जांबाजों की शहादत को सम्मान :अफसरों की कमी लेकिन चिंता नहीं :मेरठ के आस पास खुल सकेगा सैनिक स्कूल

[मेरठ ] एतिहासिक माल रोड स्थित सेना के कुलवंत सिंह स्टेडियम में १५ मार्च शुक्रवार को दो दिवसीय भूतपूर्व सैनिक रैली का शुभारंभ हुआ |इसमें सेना के जवानो की वीरता और देश की रक्षा में अपने प्राणों का बलिदान करने वाले वीरों की स्मृति में उनके परिजनों को सम्मान दिया गया | 47 महिलाओं को वीर नारी पुरस्कार दिया गया। इसमें से 21 लोगों के अपनों ने भारत पाक युद्ध में शहादत दी है| छह पूर्व विकलांग और ११ आर्थिक रूप से पिछड़े सनिकों को सम्मानित किया गया|
वीर नारियों को स्टेशन कमांडर की मेजर जनरल वी के यादव की पत्‍‌नी पूनम यादव एवं आरवीसी कमांडेंट की पत्‍‌नी ने सम्मानित किया। अंत में सेना की परंपरा के अनुसार बड़ा खाना हुआ|यूं बी एरिया कमांडर जी ओ सी लेफ्टी.जनरल एन एस बावा ने पूर्व सैनिको को सम्मानित किया और प्रेस को संबोधित भी किया |

भूतपूर्व सैनिक रैली का शुभारंभ: जांबाजों की शहादत को सम्मान :अफसरों की कमी लेकिन चिंता नहीं :मेरठ के आस पास खुल सकेगा सैनिक स्कूल

भूतपूर्व सैनिक रैली का शुभारंभ: जांबाजों की शहादत को सम्मान :अफसरों की कमी लेकिन चिंता नहीं :मेरठ के आस पास खुल सकेगा सैनिक स्कूल


मध्य कमान के जीओसी-इन-सी ले. जनरल अनिल चैत ने लखनऊ से सीधा संबोधन करके कार्यक्रम को प्रारम्भ किया| अपने सन्देश में उन्होंने कहा कि मध्य कमान द्वारा अपनी स्थापना की स्वर्ण जयंती को वेटरंस ऑफ द इयर के रूप में मनाया जा रहा है ।

सेना में अफसरों की आठ सालों से कमी

लेफ्टिनेंट जनरल एन एस बावा ने प्रेस से बात करते हुए सेना में अधिकारीयों की कमी पर चिंता व्यक्त की|उनके अनुसार पिछले आठ सालों से अफसरों की कमी चली अ रही है और अब यह कमी १२००० है|सुपात्रों को सेना की तरफ से अनेकों आकर्षक यौज्नाएं भी बनाई जा रही हैं इनमे से एक आवास सुविधा भी है| बताते चलें केइसी विषय पर इससे पूर्व बीते दिनों सोफिया और सेंट् मैरी आदि कान्वेंट स्कूलों में सैनिक अफसरों ने कार्यक्रम भी किये थे|

सैनिक स्कूल

जनरल बावा ने उत्तर प्रदेश में सैनिक स्कूल खोले जाने के निर्णय को भी शेयर किया उन्होंने कहा के हमारी इच्छा है के मेरठ के आस पास सैनिक स्कूल खोल जाए मगर इसके लिए जमीन राज्य सरकार द्वारा दी जानी है जहाँ जमीन दी जायेगी वहीं स्कूल खोला जाएगा|
इस अवसर पर प्रकाश और ध्वनी कार्यक्रम के माध्यम से मेरठ के इतिहास को भी दिखाया गया||इससे पूर्व सूर्यकिरण रैली का स्वागत भी किया गया|